बिज़नेस नया हो या पुराना दोनों ही मामलों में उसे चलाने और बढ़ाने के लिए पैसों की ज़रूरत पड़ती है। इसी कारण लोग अक्सर बिज़नेस के लिए लोन लेते हैं, लेकिन कई बार लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज़ हो जाते हैं कि बिज़नेस लोन ले या पर्सनल लोन? क्योंकि ये दोनों ही लोन कई मायनों में अलग-अलग हैं। इस लेख में बिज़नेस लोन और पर्सनल लोन की जानकारी दी गई है और दोनों के बीच के प्रमुख अंतरों के बारे में बताया गया है।
पर्सनल लोन क्या है?
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होता है, मतलब इसे लेने के लिए आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता। पर्सनल लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका इस्तेमाल किसी भी काम के लिए किया जा सकता है, बिज़नेस लोन के विपरीत पर्सनल लोन राशि के इस्तेमाल को लेकर कोई बाध्यता नहीं होती। इसकी प्रोसेसिंग आसान है व जल्दी अप्रूव हो जाते हैं।
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बिज़नेस लोन क्या है?
बिज़नेस लोन का इस्तेमाल सिर्फ बिज़नेस संबंधित ज़रूरतों को पूरा करने या नया बिज़नेस शुरू करने के लिए किया जाता है। ज़्यादातर बिज़नेस लोन सिक्योर्ड होते हैं, और उसनके लिए बैंक के पास गारंटी/सिक्योरिटी जमा करने की ज़रूरत होती है।
बिज़नेस लोन और पर्सनल लोन के बीच तुलना
- लोन का उद्देश्य: पर्सनल लोन का इस्तेमाल किसी भी कार्य जैसे मेडिकल खर्चों, ट्रैवल, शादी, कार खरीदने, आदि के अलावा बिज़नेस सम्बंधित किसी भी ज़रूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। जबकि बिज़नेस लोन में कई वैरिएंट होते हैं, जो बिज़नेस सम्बंधित अलग-अलग ज़रूरत के हिसाब से डिज़ाइन किये गए हैं, प्रत्येक का उपयोग उस विशेष ज़रूरत के लिए ही किया जा सकता है।
- योग्यता शर्तें: पर्सनल लोन के लिए आवेदक का क्रेडिट स्कोर, उसकी पेमेंट हिस्ट्री, जॉब प्रोफाइल, जॉब स्टेबलिटी, मासिक इनकम व भुगतान क्षमता देखि जाती है। वहीं, बिज़नेस लोन के लिए देखा जाता है कि व्यवसाय कितना पुराना है, वो प्रॉफिट में है या नहीं, इनकम कितनी है, जो संपत्ति लोन के लिए गिरवी रखी जा रही है उसका मूल्य कितनी है और आदि।
- कोलैटरल: पर्सनल लोन आमतौर पर अनसिक्योर्ड होते हैं, जबकि बिज़नेस लोन दोनों तरह के होते हैं सिक्योर्ड
और अनसिक्योर्ड। बिज़नेस लोन लेने के लिए बैंक के पास कोलैटरल जमा करना पड़ता है।
- ब्याज दरें: आमतौर पर सिक्योर्ड लोन की तुलना में अनसिक्योर्ड लोन की ब्याज दरें अधिक होती हैं। क्योंकि
पर्सनल लोन भी अनसिक्योर्ड है, तो उसकी ब्यान दरें बिज़नेस लोन की तुलना में अधिक होती हैं।
- लोन राशि: आप 10,000 रु. से 40 लाख रु. तक का पर्सनल लोन ले सकते हैं। वहीं बिज़नेस लोन की अधिकतम राशि करोड़ों में भी जा सकती है।
- लोन की भुगतान अवधि: पर्सनल लोन आमतौर पर छोटी भुगतान अवधि के साथ आते हैं, जो कि आमतौर पर 5
साल तक हो सकती है। वहीं बिज़नेस लोन की अधितम भुगतान अवधि 15 साल तक हो सकती है।
- डिसबर्सल टाइम: अगर आवेदक बैंक की शर्तों को पूरा करता है, तो एप्लीकेशन मंज़ूर हो जाने के बाद 1 से 3 दिनों में पैसा अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाता है। प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन के मामले में केवल कुछ अप्लाई करने के कुछ घंटों में ही लोन राशि ट्रान्सफर कर दी जाती है। वहीं बिज़नेस लोन की प्रक्रिया पर्सनल लोन के मुकाबले लम्बी होती है, बिज़नेस की इनकम, प्रॉफिटेबिलिटी, आदि चेक करने और गिरवी रखी जा रही संपत्ति का मूल्यांकन करने में समय लगता है।
- टैक्स लाभ: पर्सनल लोन लेने पर आपको कोई टैक्स लाभ नहीं मिलता है। वहीं इनकम टैक्स एक्ट 1961 के मुताबिक, बिज़नेस लोन पर आप जो ब्याज का भुगतान करते हैं, उसे आप टैक्स भरते समय बिज़नेस से कमाए जा रहे प्रॉफिट से काट सकते हैं। हालांकि, ब्याज के अलावा मूल लोन राशि पर कोइ टैक्स लाभ नहीं मिलता है।
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बिज़नेस और पर्सनल लोन, दोनों में से बेहतर विकल्प कौन-सा है?
अगर आपको अपने बिज़नेस का विस्तार करने, मशीन या उपकरण खरीदने के लिए अधिक लोन राशि की ज़रूरत है और आपके पास लोन के बदले गिरवी रखने के लिए कोई संपत्ति है, तो आपको बिज़नेस लोन लेना चाहिए क्योंकि इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन के मुकाबले कम होती हैं, ज़्यादा लोन राशि मिल सकती है और आप टैक्स बेनिफिट भी ले सकते हैं। हालांकि, अगर आपको बिजनेस लोन नहीं मिल पा रहा है तो आपको पर्सनल लोन की ओर रुख करना चाहिए। इसके अलावा यदि आपको बिज़नेस संबंधित की खर्चों के लिए तुरंत पैसों की ज़रूरत है तो आपको पर्सनल लोन लेना चाहिए, क्योंकि बिज़नेस लोन की तुलना में इसकी प्रोसेसिंग काफी तेज़ होती है।