स्मॉल बिज़नेस लोन और लाइन ऑफ क्रेडिट, दोनों ही लोन को छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों द्वारा लिया जाता है। स्मॉल बिज़नेस लोन में रेगुलर बिज़नेस लोन की तुलना में कम राशि का लोन मिलता है, जबकि लाइन ऑफ क्रेडिट एक क्रेडिट कार्ड की तरह होता है जिसमें बैंक द्वारा लिमिट दी जाती है और उस लिमिट में से आप कितनी भी राशि का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्मॉल बिज़नेस लोन और लाइन ऑफ क्रेडिट के बारे में अधिक जानकारी और इन दोनों के बीच के अंतर को समझने के लिए ये लेख पढ़ें।
स्मॉल बिज़नेस लोन क्या है?
स्मॉल बिज़नेस लोन का उपयोग छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों द्वारा बिज़नेस संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है, जैसे मशीनरी की खरीद,कर्मचारियों को सैलरी देने या बिज़नेस को बढ़ाने आदि के लिए। स्मॉल बिज़नेस लोन में निश्चित ब्याज दरों पर लोन राशि दी जाती है, जिसका भुगतान तय अवधि में करना होता है।
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लाइन ऑफ क्रेडिट क्या है?
लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत एक क्रेडिट लिमिट दी जाती है। कस्टमर ज़रूरत के मुताबिक उस तय क्रेडिट लिमिट में से राशि निकाल सकता है। एक तरह से देखा जाए तो लाइन ऑफ क्रेडिट एक क्रेडिट कार्ड की तरह काम करती है, क्योंकि कस्टमर को कुल क्रेडिट लिमिट के बजाय सिर्फ निकाली गई राशि पर ही ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। लाइन ऑफ क्रेडिट कैश फ्लो को बनाए रखने और पैसों की ज़रूरत को तुरंत पूरा करने में काम आती है।
स्मॉल बिज़नेस लोन और लाइन ऑफ क्रेडिट में अंतर
स्मॉल बिज़नेस लोन और लाइन ऑफ क्रेडिट दोनों ही छोटे व्यवसायों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। नीचे इन दोनों के बीच के प्रमुख अंतरों के बारे में बताया गया है।
- लोन राशि: स्मॉल बिज़नेस लोन की तुलना में लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत दी जाने वाली राशि कम होती है।
- लोन लेने का उद्देश्य: स्मॉल बिज़नेस लोन का इस्तेमाल बिज़नेस के विस्तार, मशीनरी की खरीद और अन्य खर्चों
के लिए किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर लाइन ऑफ क्रेडिट की राशि कम होने की वजह से इसका
इस्तेमाल बिज़नेस संबंधित छोटे-मोटे खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
- लोन की प्रकृति: स्मॉल बिज़नेस लोन में निश्चित राशि लोन के तौर पर ली जाती है। उसके बाद EMI में उसका भुगतान किया जाता है। जबकि लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत बैंक कस्टमर को क्रेडिट लिमिट देते हैं और उसी लिमिट के अंतर्गत कस्टमर अपनी ज़रूरत के मुताबिक राशि निकाल सकते हैं।
- कोलैटरल: लाइन ऑफ क्रेडिट आमतौर पर अनसिक्योर्ड होती हैं, यानी लोन लेने के लिए कोलैटरल जमा नहीं
करना पड़ता। वहीं स्मॉल बिज़नेस लोन सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों हो सकते हैं।
- भुगतान अवधि: लाइन ऑफ क्रेडिट के ज़रिये ली गयी राशि का भुगतान कम समय में ही करना होता है, जबकि स्मॉल बिज़नेस लोन की भुगतान अवधि लाइन ऑफ क्रेडिट की तुलना में लम्बी होती है।
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लाइन ऑफ क्रेडिट और स्मॉल पर्सनल लोन: दोनो में से बेहतर कौन?
स्मॉल बिज़नेस लोन उन व्यवसायों के लिए अच्छा विकल्प है जिन्हें एकमुश्त राशि की ज़रूरत होती है। दूसरी ओर अगर अपने बिज़नेस संबंधित छोटे-मोटे खर्चों के लिए कम राशि की ज़रूरत है, और आपको कभी भी पैसों की ज़रूरत पड़ जाती है तो क्रेडिट लाइन ले सकते हैं।
इसके साथ ही दोनों में से एक को चुनने से पहले, इस बात का भी ध्यान रखें की आप ली गई राशि का भुगतान कैसे करना चाहते हैं। अगर आप हर महीने तय ईएमआई का भुगतान आसानी से कर सकते हैं तो स्मॉल बिज़नेस लोन अच्छा विकल्प है, अगर आप ऐसा करने में सहज नहीं हैं तो क्रेडिट लाइन ले सकते हैं, क्योंकि इसका भुगतान बिना किसी तय तारिख के कभी भी किया जा सकते हैं।