फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड दोनों निवेश के बेहतर विकल्प है। जहां एफडी सुरक्षित और पूर्व निर्धारित गारंटीड रिटर्न देता है, वहीं म्यूचुअल फंड बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर रिटर्न देता है। ऐसे में सवाल ये है कि FD vs Mutual Fund किसमें अधिक रिटर्न मिलता है और किसमें निवेश करना चाहिए? तो चलिए लेख में इन्हीं सवालों का जवाब जानते हैं:
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?
फिक्स्ड डिपॉजिट में आप एक तय समय अवधि के लिए एकमुश्त (Lump Sum) राशि जमा करते हैं। जिस पर गारंटीड रिटर्न के साथ मूल राशि निवेशक को एफडी के मैच्योरिटी पर दी जाती है। एफडी की ब्याज दरें खाता खुलवाते समय ही निर्धारित कर दी जाती है। कोई भी निवेशक किसी भी बैंक और नॉन-बैकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) में एफडी खाता खुलवा सकते हैं।
उदाहरण से समझें – आपने किसी बैंक में 1 लाख रु (एकमुश्त) 5 साल के लिए एफडी करवाई। इसकी ब्याज दरें 7% है। 5 साल बाद यानी मैच्योरिटी पर निवेशक को 1,41,478 रुपये मिलेगा। इस उदाहरण में: निवेश राशि- 1 लाख, निवेश अवधि- 5 साल, ब्याज दरें- 7.0% हुई। आप एफडी कैलकुलेटर का उपयोग करके भी मैच्योरिटी पर कितना रिटर्न मिलेगा ये समझ सकते हैं।
एफडी के फायदे
- गारंटीड रिटर्न – बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना एफडी गारंटीड रिटर्न देता है। इसकी ब्याज दरें पूरे निवेश अवधि के लिए एक समान रहती है।
- सुरक्षित निवेश – चूंकि एफडी में निवेशक को मूल राशि के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है इसलिए ये एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।
- अधिक ब्याज दरें – एफडी सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक ब्याज दरें ऑफर करता है। जिसकी वजह से यह उन लोगों के लिए अच्छा निवेश विकल्प है जो अपने निवेश पर हाई इंटरेस्ट रेट पाना चाहता है।
- फ्लेक्सिबल एफडी टैन्योर – 6 माह से लेकर 5 साल के लिए एफडी करवाया जा सकता है। कुछ बैंक 5 साल के बाद एफडी को रिन्यू करवाने का भी ऑप्शन देते हैं। इस तरह निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य अनुसार एफडी की समयावधि चुन सकते हैं।
- टैक्स बेनिफिट – निवेशक टैक्स-सेविंग एफडी में निवेश करके आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रु. तक की बचत कर सकते हैं।
- प्री- मैच्योर और लोन बेनिफिट – निवेशक फाइनेंशियल इमरजेंसी में FD को समय से पहले भी तोड़ सकते हैं। हालांकि प्री- मैच्योर एफडी पर कुछ चार्जेस भी लगते हैं। इसके अलावा कुछ बैंक एफडी के बदले लोन (Loan Against FD) भी ऑफर करते हैं।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है?
म्यूचुअल फंड बाजार आधारित निवेश विकल्प है, जिसमें कई लोग मिलकर अपने पैसे निवेश करते हैं। इसमें कई सारे निवेशकों का पैसा एक जगह इक्ट्ठा करके उसे स्टॉक, इक्विटी बॉन्ड, सिक्योरिटीज़ व अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि में निवेश किया जाता है। निवेश किए गए पैसे से जो रिटर्न मिलता है उसे इन निवेशकों के बीच बांट दिया जाता है। MF की सबसे अच्छी बात यह है कि आप सिर्फ 100 या 500 रु. से भी इसमें निवेश करना शुरू कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड बेनिफिट्स (MF Benefits)
- रिटर्न – म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। अगर स्टॉक मार्केट में तेजी रहती है तो म्यूचुअल फंड FD की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकता है। लेकिन अगर बाजार में गिरावट रहती है तो मिलने वाला रिटर्न कम या निगेटिव भी हो सकता है।
- महंगाई को मात देने वाला – अगर आप बढ़ती महँगाई से अधिक अपने निवेश पर रिटर्न पाना चाहते हैं तो बैंक एफडी के बजाय म्यूचुअल फंड अच्छा निवेश ऑप्शन हो सकता है। MF के तहत कुछ इक्विटी फंड और हाइब्रिड फंड्स में बेहतर रिटर्न दिया है।
- निवेश में विविधता – म्यूचुअल फंड के तहत स्टॉक, बॉन्ड और अन्य सिक्योरिटीज आदि में निवेश किया जाता है। ताकि निवेश की जोखिम को कम किया जा सके।
- लिक्विडिटी – आमतौर पर म्यूचुअल फंड खरीदने और बेचने में आसान होते हैं। इसलिए निवेशक अपनी वित्तीय जरूरत अनुसार इसे खरीद और बेच सकते हैं।
- फ्लेक्सिबिलिटी – म्यूचुअल फंड में निवेशक एकमुश्त या SIP के जरिए हर महीने निवेश कर सकते हैं। न्यूनतम 500 रु. से SIP शुरू कर सकते हैं और अधिकतम कितना भी निवेश किया जा सकता है।
- टैक्स बेनिफिट – म्यूचुअल फंड के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करके निवेशक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रु.तक टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि ELSS की लॉक-इन-अवधि 3 साल है, इसे पूरा करने के बाद ही पैसे निकाल सकते हैं।
एफडी और म्यूचुअल फंड किसमें निवेश करें?
एफडी और म्यूचुअल फंड किसमें निवेश करें, यह निवेशक के वित्तीय लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश क्षमता पर निर्भर करता है। एफडी उन लोगों के लिए बेहतर निवेश विकल्प है, जो सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न चाहते है।
वहीं, म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। जिसकी वजह से MF में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। हालांकि बढ़ती महंगाई को मात देने के लिए MF अच्छा ऑप्शन हो सकता है क्योंकि बाजार के अच्छे प्रदर्शन पर यह बैंक FD से अधिक रिटर्न देता है।
एफडी और म्यूचुअल फंड से संबंधित सवाल
क्या एफडी को मैच्योरिटी से पहले निकाल सकते हैं?
हां, एफडी को मैच्योरिटी से पहले निकाला जा सकता है। लेकिन कुछ वित्तीय संस्थान प्री-मैच्योरिटी पर पेनल्टी या चार्जेस लेते हैं।
FD और SIP में से कौन-सा बेहतर निवेश विकल्प है?
एफडी में एक बार ही एकमुश्त राशि निवेश करनी होती है, जबकि एसआईपी में हर माह एक निश्चित राशि जमा करना होता है। हालांकि SIP में निवेश करना जोखिमों के अधीन होता है जबकि FD सुरक्षित निवेश विकल्प है।
1 साल में म्यूचुअल फंड कितना रिटर्न देता है?
म्यूचुअल फंड निवेश पर मिलने वाला रिटर्न निश्चित नहीं होता। यह बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है। स्टॉक मार्कट के अच्छे प्रदर्शन पर रिटर्न अधिक मिलता है, जबकि बाजार के खराब प्रदर्शन से मिलने वाला रिटर्न नाकारात्मक भी हो सकता है।
म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है?
म्यूचुअल फंड इंटरेस्ट रेट (mutual fund interest rate) फिक्स़्ड नहीं होता। MF पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट फ्लक्चुएशन और म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types Of Mutual Fund) पर निर्भर करता है।
म्यूचुअल फंड में हर महीने कितना निवेश कर सकते हैं?
100 रु. की न्यूनतम राशि से भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं और अधिकतम कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं।
एफडी और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?
एफडी जहां एक सुरक्षित निवेश विकल्प है वहीं Mutual Fund (MF) बाजार जोखिमों के अधीन निवेश विकल्प है। FD में गारंटीड रिटर्न मिलता है जबकि MF पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट फ्लेक्चुएशन पर निर्भर करता है।