जब भी आप विदेश में अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट करते हैं, तो आपको ऐसा करने पर कुछ फीस देनी पड़ती है। इसे फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस कहते हैं, जो 0.99% से 3.5% तक हो सकती है। यह फीस विभिन्न ट्रांजैक्शन पर लागू होती है जैसे फॉरेन करेंसी में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने, विदेश में ATM से कैश निकालने और विदेशों में किए गए रिटेल ट्रांजैक्शन आदि पर। फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस कैसे कैलकुलेट की जाती है, इसे समझने के लिए इस उदाहरण को देखें।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके क्रेडिट कार्ड पर 2% फॉरेक्स मार्क-अप चार्ज (जो प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर लगता है) लिया जाता है। ऐसे में अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर 10,000 रुपये का इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन पर खर्च करते हैं, तो आपको फॉरेक्स चार्ज के रूप में 200 रुपये जिसमें 18% GST यानी 236 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है।
इस तरह फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस आपके कुल ट्रांजैक्शन को महंगा बनाती है जिससे बचने के लिए फॉरेक्स कार्ड का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, जिसमें शून्य या फिर बहुत कम फीस का भुगतान करना पड़ता है। चलिए जानते हैं ये फॉरेक्स कार्ड क्या होते हैं और इसके इस्तेमाल के क्या लाभ हैं।
फॉरेक्स क्रेडिट कार्ड क्या होते हैं?
ये प्रीपेड कार्ड होते हैं, जिनके ज़रिए विदेशों या फॉरेन करेंसी में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने पर शून्य या फिर न के बराबर फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस ली जाती है। हालांकि, इन फॉरेक्स क्रेडिट कार्ड के ज़रिए ट्रांजैक्शन करने के लिए इसमें फॉरेन करेंसी लोड करनी पड़ती है। फॉरेक्स कार्ड दो तरह के होते हैं, सिंगल करेंसी कार्ड और दूसरा मल्टीकरेंसी कार्ड। नाम से ही जाहिर है, सिंगल करेंसी कार्ड में सिर्फ एक करेंसी लोड की जा सकती है, जबकि मल्टीकरेंसी कार्ड में एक से अधिक फॉरेन करेंसी लोड की करने की सुविधा मिलती है। फॉरेन करेंसी लोड करते समय आपको लागू फॉरेन कार्ड रेट्स का भुगतान करना पड़ता है। इससे आप फॉरेन करेंसी रेट में होने वाले उतार-चढ़ाव के जोखिम से भी बच जाते हैं। इस कार्ड की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें कम या शून्य फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस ली जाती है।
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विदेशों में ट्रैवलिंग के दौरान फॉरेक्स कार्ड का इस्तेमाल करने के कई लाभ हैं
- कैश रखने की झंझट से मुक्त : फॉरेक्स कार्ड लेने पर आप एक तरह से कैश रखने की झंझट से मुक्त हो जाते हैं। वहीं कैश के मुकाबले फॉरेक्स कार्ड रखना सुरक्षित होता है। मान लीजिए, आपका कैश से भरा हुआ वॉलेट अगर कहीं खो जाता है, तो उसे वापस पाने की संभावनाएं कम होती हैं। लेकिन कार्ड के मामले में, खो जाने पर आप कस्टमर केयर को कॉल कर तुरंत ब्लॉक करवा सकते हैं।
- फॉरेक्स रेट में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचाता है: फॉरेक्स कार्ड पर पैसा लोड होने के साथ ही फॉरेक्स रेट लॉक हो जाती है। सामान्य क्रेडिट कार्ड पर जब ट्रांजैक्शन की जाती है, उस दौरान लागू दरों के हिसाब से चार्ज किया जाता है।
- कम फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस: फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस ट्रांजैक्शन अमाउंट के 0.99% से 3.5% तक हो सकती है। फॉरेक्स कार्ड के मामले में यह चार्ज शून्य या बहुत कम होती है। लेकिन अगर आप कार्ड में लोड की गई करेंसी के अलावा किसी अन्य करेंसी में ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस भरनी पड़ सकती है।
- ATM विड्रॉल पर कम फीस : क्रेडिट कार्ड के ज़रिए ATM से कैश निकालने पर भारी चार्ज लिया जाता है। वहीं अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल विदेशों में ATM से पैसे निकालने के लिए करते हैं, तो आपको न सिर्फ विड्रॉल फीस जिसे कैश एडवांस फीस के नाम से भी जाना जाता है, का भुगतान करना होगा बल्कि साथ में कैश एडवांस फीस भी भरना होगा।
- मल्टीपल करेंसी लोड कर सकते हैं: अक्सर विदेशों में ट्रैवल करने वालों के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है, क्योंकि इससे आपको बार-बार करेंसी कंवर्ट कराने की झंझट नहीं रहती, आप एक फॉरेक्स कार्ड को कई देशों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कोई लेट पेमेंट फीस नहीं ली जाती: जैसा कि आपको पता होगा सामान्य क्रेडिट कार्ड में अगर आप अपना बिल समय पर नहीं भरते या सिर्फ पार्शली उसका भुगतान करते हैं, तो आपको भारी ब्याज के साथ लेट पेमेंट फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। लेकिन एक प्रीपेड कार्ड होने के नाते फॉरेक्स कार्ड में ऐसी कोई फीस नहीं भरनी पड़ती।
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निष्कर्ष
फॉरेक्स कार्ड या रेगुलर कार्ड में से किसी एक का इस्तेमाल व्यक्ति की ज़रूरतों, प्रीफरेंस आदि पर निर्भर करता है। हालांकि, अगर आप फॉरेक्स कार्ड लेने का फैसला लेते हैं, तो इससे पहले इस पर लगने वाले चार्ज़ेस जैसे कार्ड इश्यूएंस चार्ज, बैलेंस इन्क्वायरी या इन-एक्टिव फीस आदि के बारे में पता कर लें। इसके साथ ही, सिर्फ फॉरेक्स कार्ड पर डिपेंड न रहें, बल्कि ट्रैवलिंग के दौरान अपने पास थोड़ा कैश ज़रूर रखें।