अक्सर लोग कैशबैक, रिवॉर्ड और अन्य बेनिफिट्स के चक्कर में एक से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं। यूं तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सावधानी और जिम्मेदारी से करने पर ज़्यादा बचत और अधिक लाभ कमाया जा सकता है। लेकिन अधिक क्रेडिट कार्ड होने पर उन्हें मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। जो कस्टमर्स इन्हें मैनेज नहीं कर पाते उन्हें फायदा कम नुकसान ज़्यादा झेलना पड़ता है। तो चलिए कुछ ऐसे टिप्स के बारे में जानते हैं जो एक से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड को मैनेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं:-
ऑटो पे का विकल्प चुनें
क्रेडिट कार्ड के ड्यू डेट को ट्रैक करना ज़रूरी है। ड्यू डेट का मतलब उस तारीख से है, जब आपको अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना होता है। समय पर बिल का भुगतान न करने पर भारी ब्याज तो लगता ही है, साथ ही क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंच सकता है। अपने क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान करने के लिए आप ऑटो पे का विकल्प चुन सकते हैं। ऑटो पे विकल्प के ज़रिए आप बैंक को अपने अकाउंट से बिल अमाउंट काटने का एक स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देते हैं, जिससे बिल ड्यू डेट से पहले ही क्लीयर हो जाती है। इससे भुगतान में चूक होने की संभावना नहीं रहती और आप समय पर भुगतान कर पाते हैं।
क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का भुगतान करें
क्रेडिट कार्ड का बिल दो तरीकों से भरा जा सकता है, एक जिसमें पूरे महीने के बिल का भुगतान किया जाता है, जबकि दूसरा मिनिमम अमाउंट ड्यू होता है जिसमें आप बिल के एक छोटे हिस्से का भुगतान करते हैं। बहुत से लोग सिर्फ लेट पेमेंट फीस से बचने के लिए मिनिमम अमाउंट का भुगतान करते हैं। ऐसा करने से लेट पेमेंट फीस से तो बचा जा सकता है, लेकिन इसमें आपको भारी-भरकम ब्याज भरना पड़ सकता है। आपके ना चुकाए गए बिल पर रोज़ाना के हिसाब ब्याज वसूला जाता है।
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अपनी क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल न करें
अपनी क्रेडिट कार्डों की पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने से बचे। क्योंकि ऐसा करने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाता है। यह वह रेश्यो है जो बताता है कि आप अपनी क्रेडिट लिमिट में से कितनी राशि खर्च करते हैं। पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने पर यह बढ़ जाता है, वहीं लिमिट से कम राशि खर्च कर इसे घटाया भी जा सकता है। हर महीने क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने से, क्रेडिट स्कोर भी कम हो सकता है। साथ ही, कर्ज़ में डूबने की संभावना भी बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए अपने खर्चों को कंट्रोल करना सीखें।
वार्षिक फीस के अनुसार मिलने वाले लाभों का मूल्यांकन करें
अगर आपके पास ऐसे क्रेडिट कार्ड हैं जिनमें वार्षिक फीस लगती है, तो उनका मूल्यांकन करें और यह तय करें कि आपके क्रेडिट कार्डों पर जितनी फीस लगती है, उनमें मिलने वाला लाभ उससे ज़्यादा हो। अगर फीस ज़्यादा ली जाती है, पर लाभ कम मिलता है तो ऐसे क्रेडिट कार्ड रखने का कोई फायदा नहीं है। आप उन क्रेडिट कार्डों को बंद करने का फैसला ले सकते हैं।
कार्डों पर मिलने वाले ऑफर के मुताबिक खर्च करें
हर कार्ड पर मिलने वाले बेनिफिट्स अलग-अलग होते हैं। अधिकतर क्रेडिट कार्ड किसी खास कैटेगरी पर रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक जैसे लाभ प्रदान करते हैं। ऐसे में कार्ड पर मिलने वाले बेनिफिट्स के आधार पर उनका उपयोग करें, जिससे ज़्यादा बचत की जा सके। उदाहरण के लिए, कुछ क्रेडिट कार्ड रिटेल स्टोर से खरीदारी करने पर छूट और कैशबैक जैसे लाभ देते हैं, तो कुछ मूवी टिकट बुक करने पर या फ्री मूवी टिकट जैसे ऑफर्स प्रदान करते हैं।
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एक से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड रखना चाहिए या नहीं?
एक से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड रखना एक पर्सनल चॉइस है। ऐसा कोई नियम नहीं है जो यह कहता हो कि आप अधिक क्रेडिट कार्ड नहीं रख सकते। आप जितने चाहे उतने क्रेडिट कार्ड रख सकते हैं। बहरहाल, आपको उन्हें मैनेज करना आना चाहिए। एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड होने पर न सिर्फ आपकी क्रेडिट लिमिट, परचेजिंग पावर (खर्च की क्षमता) बढ़ती है, बल्कि समझदारी से उपयोग कर आप अलग-अलग कैटेगरी में बचत भी कर सकते हैं। लेकिन इनका लापरवाही से इस्तेमाल करने पर आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्रेडिट कार्ड के ज़रिए आप जो रकम खर्च करते हैं, वो भी एक तरह का कर्ज़ ही होता है, समय पर बिल का भुगतान न करने, एनुअल फीस न भरने जैसी गलतियां कर आप कर्ज़ तले डूब सकते हैं। इसलिए अपनी ज़रूरत, आर्थिक स्थिति और खर्च की आदतों के हिसाब से ही ज़्यादा कार्ड लेना है या नहीं, इस पर विचार करें।