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क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ में फंस गए हैं? इन तरीकों से पाएं छुटकारा

क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ में फंस गए हैं? इन तरीकों से पाएं छुटकारा
Bharti
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मौजूदा समय में क्रेडिट कार्ड का चलन काफी बढ़ चुका है। इसका अंदाजा RBI की एक रिपोर्ट के माध्यम से लगाया जा सकता है, जिसके मुताबिक देश में दिसंबर 2019 तक एक्टिव क्रेडिट कार्ड कस्टमर्स की संख्या 5.5 करोड़ थी, जो जनवरी 2024 में बढ़कर लगभग 10 करोड़ हो गई थी। यानि की इस दौरान एक्टिव क्रेडिट कार्ड कस्टमर्स की संख्या में 81% बढ़ोतरी हुई। और आखिर ऐसा हो भी क्यों ना, क्रेडिट कार्ड के फायदें ही इतने है कि इसका इस्तेमाल बढ़ना लाज़मी है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही इसमें डिफॉल्ट भी लगातार बढ़ रहे हैं। आकड़ों के मुताबिक, साल 2021-22 में 3,122 करोड़ रु. तक के क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट हुए, जो 2022-23 में 4,072 करोड़ रु. पहुंच गए।

ऐसे में, क्रेडिट कार्ड लेने के साथ, ज़रूरी है कि उसका इस्तेमाल भी समझदारी से किया जाए। क्रेडिट कार्ड में कैशबैक, डिस्काउंट और ऑफर्स के चक्कर में लोग बड़ी मात्रा में खरीदारी कर लेते हैं। और आगे चलकर, बिल पेमेंट नहीं कर पाते। बिल न चुकाने पर भारी-भरकम ब्याज और पेनेल्टी भरनी पड़ती है और जब तक कस्टमर पूरे बकाया का भुगतान नहीं कर देता, तब तक इसके बढ़ने का सिलसिला चलता रहता है। इस तरह, क्रेडिट कार्ड के गैर-जिम्मेदाराना इस्तेमाल से कस्टमर कर्ज़ के जंजाल में फंस जाते हैं।

अगर आप भी उन लोगों में शामिल है,जो इस कर्ज़ के दलदल में फंस चुकें हैं तो आपको इससे निकलने की इन रणनीतियों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए जानते हैं कि आप अपने क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ को चुकाने के लिए कौन-सी रणनीतियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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1. कर्ज़ को चुकाने की स्ट्रैटजी बनाएं

क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ को कम करने या इससे बाहर निकलने के लिए स्ट्रैटजी बनानी काफी ज़रूरी है। जल्दी कर्ज़ का भुगतान करने के लिए दो रणनीतियां बेहद ही लोकप्रिय हैं। यह उन लोगों के लिए सही विकल्प साबित हो सकती हैं जिनके पास बहुत सारे क्रेडिट कार्ड हैं और वे कर्ज़ के जाल में फंस गए हैं:-

  • पहला तरीका: सबसे पहले अपने सभी कर्ज़ (छोटे कर्ज़ से लेकर बड़े कर्ज़) की एक लिस्ट बना लें। साथ ही, एक ऐसा बजट बनाए जिसकी मदद से आप सभी बकाया का मिनिमम पेमेंट कर सकें। अब जिन क्रेडिट कार्डों का बिल कम है, उनका भुगतान पहले करें। एक बार जब छोटे कर्ज़ या कम अमाउंट के क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान कर लें, तब बड़े कर्ज़ को चुकाना शुरू करें। यह प्रक्रिया तब तक दौहराते रहें, जब तक आपका सारा कर्ज़ चुकता न हो जाए। इस स्ट्रैटजी को डेट स्नोबॉल (debt snowball method) के नाम से जाना जाता है।
  • दूसरा तरीका: इस रणनीति के तहत, आप अपने क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ब्याज और पेनेल्टी के आधार पर एक लिस्ट बनाते हैं। और जिन क्रेडिट कार्डों पर अधिक ब्याज और पेनेल्टी लग रही है, उनका भुगतान पहले करते हैं। अंत में, सिर्फ वही क्रेडिट कार्ड रह जाते हैं, जिन पर कम ब्याज लिया जा रहा है। इस तरह एक समय आएगा जब आप अपने सारे कर्ज़ को चुका देंगे। इस स्ट्रैटजी के ज़रिए आप बकाया जल्द चुका पाएंगे, साथ ही ब्याज में लगने वाली रकम को बचा पाएंगे।

2. डेट कंसोलिडेशन के लिए लोन लें

अगर आपका कर्ज़ काफी ज्यादा है और भारी ब्याज व पेनेल्टी की वजह से यह लगातार बढ़ रहा है, तो इसे चुकाने का सबसे अच्छा तरीका है डेट कंसोलिडेशन (debt consolidation)। डेट कंसोलिडेशन यानी कर्ज़ को चुकाने के लिए नया लोन लेना। पर्सनल लोन, डेट कंसोलिडेशन के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि यह तुरंत मिल जाता है और आमतौर पर क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ब्याज के मुकाबले इसकी ब्याज दरें भी कम होती हैं जो कि आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री, लोन राशि और इनकम पर निर्भर करती है।

डेट कंसोलिडेशन एक अच्छा विकल्प है क्योंकि अगर कस्टमर क्रेडिट कार्ड बिल का बिल्कुल भुगतान नहीं करता या मिनिमम अमाउंट का भुगतान करने का विकल्प चुनता है, तो क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर प्रति दिन के हिसाब से ब्याज लगाया जाता है। वहीं दूसरी ओर, पर्सनल लोन एक निश्चित ब्याज दरों पर मिल जाता है, इस तरह आप हर महीने एक निश्चित राशि ईएमआई के तौर पर भरेंगे और धीरे-धीरे कर्ज़ से छुटकारा पा लेंगे।

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3. बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प हो सकता है मददगार

क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ से छुटकारा पाने के लिए आप बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer) का विकल्प भी चुन सकते हैं। बैलेंस ट्रांसफर के ज़रिए आप अपने क्रेडिट कार्ड के मौजूदा कर्ज़ को किसी अन्य क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिसमें कम ब्याज लगता हो। इसके लिए, आपको एक नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना होता है, जिसमें आप अपने मौजूदा कर्ज़ को ट्रांसफर करते हैं। कई बैंक क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर करने पर प्रमोशनल पीरियड ऑफर करते हैं, जिनमें एक निश्चित अवधि तक ज़ीरो या बहुत कम ब्याज लिया जाता है।

उदाहरण के लिए, SBI कार्ड बैलेंस ट्रांसफर करने वक्त 60 दिनों की भुगतान अवधि का चुनाव करने पर कोई ब्याज नहीं लेता, लेकिन अगर 180 दिनों की अवधि चुनी जाती है तो 20.4% का सालाना ब्याज भरना पड़ता है।

इस तरह अगर आप प्रमोशनल पीरियड के तहत लोन का भुगतान करते हैं तो आप ब्याज में काफी बचत कर सकेंगे। लेकिन ध्यान रहे, बैलेंस ट्रांसफर करने पर प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज़ेस भी लगते हैं, ऐसे में इन चार्ज़ेस को जोड़ने के बाद होने वाली बचत को कैलकुलेट करें। साथ ही, बैलेंस ट्रांसफर तभी करें जब लगने वाले चार्ज़ेस की तुलना में बचत का अनुपात ज्यादा हो।

निष्कर्ष

क्रेडिट कार्ड कर्ज़ से बचने के लिए इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना ज़रूरी है। अगर आप शुरूआत से सही कदम उठाएंगे, तो हो सकता है कि कर्ज़ तले डूबने की नौबत ही ना आए। इसके लिए अपने खर्चों को कंट्रोल करने की कोशिश करें। उन खर्चों का पता लगाएं जिनमें आप कटौती कर सकते हैं। इसे जानने का सबसे अच्छा तरीका है आपका क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट। आपके क्रडिट कार्ड स्टेटमेंट (Credit Card Statement) में सारे खर्चों का ब्यौरा होता है, इसमें आप ऐसे खर्चों का पता लगा सकते हैं, जो ज़रूरी नहीं है।

इसके अलावा, समय पर अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान ज़रूर करें। अगर आपको भुगतान करने की डेट याद नहीं रहती तो आप ऑटोमेटिक पेमेंट का विकल्प चुन सकते हैं। वहीं किसी भी बड़ी खरीदारी पर अपनी क्रेडिट लिमिट जाया करने के बजाय, उसे ईएमआई में खरीद सकते हैं। आजकल नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प भी ऑफर किया जाता है, इसमें आपको ब्याज नहीं देना पड़ता। साथ ही भुगतान के लिए लंबा समय मिल जाता है।

 

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