पर्सनल लोन

पर्सनल लोन मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए 5 ज़रूरी बातें

पर्सनल लोन मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए 5 ज़रूरी बातें
Bharti
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पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है मतलब इसे लेने के लिए आवेदकों को किसी तरह का कोलैटरल या सिक्योरिटी देने की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन कोलैटरल या सिक्योरिटी न होने से लेंडर्स का क्रेडिट रिस्क बढ़ता है जिसे कम करने के लिए वे आवेदकों की लोन एप्लीकेशन सख्ती से चेक करते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी पर्सनल लोन एप्लीकेशन आसानी से स्वीकार हो जाए, तो इन 5 बातों का ध्यान रखें।

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अपनी क्रेडिट प्रोफाइल रिव्यू करें

आमतौर पर, 750 और उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों की लोन एप्लीकेशन स्वीकार होने की अधिक संभावना होती है इसलिए, अपना क्रेडिट स्कोर जितना ज़्यादा बनाएंगे उतना अच्छा है। इसके लिए आपनी लोन ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों की पेमेंट समय पर करें, बार-बार अपनी क्रेडिट लिमिट को ख़त्म न करें, क्रेडिट मिक्स अच्छा बनाए, अगर किसी लोन के लिए गारंटर बनें हैं तो उसके भुगतान पर नज़र रखें, और कम समय में कई बार लोन व क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें।

क्योंकि आपके क्रेडिट स्कोर की कैलकुलेशन बैंक और एनबीएफसी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की जाती है, बैंक या एनबीएफसी की ओर से कोई गलती या आपके नाम पर किया गया कोई भी फ्रॉड ट्रांजेक्शन या लोन एप्लीकेशन आपके क्रेडिट स्कोर को कम कर सकती है। इसलिए, समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहें, ताकि उसमें कोई भी गलत जानकारी मिलने पर आप उसकी सूचना क्रेडिट ब्यूरो और सम्भंदित बैंक को देकर उसमें सुधार कर सकें।

अपनी भुगतान क्षमता के आधार पर अवधि चुनें

बैंक/ एनबीएफसी आपकी वर्तमान देनदारियां देखकर आपकी भुगतान क्षमता का आकलन करते हैं। वे आमतौर पर उन आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं जो अपनी इनकम का 50 से 55% तक ही कुल ईएमआई EMI भुगतान में खर्च करते हैं (जिस पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया है उसकी ईएम्आई सहित), इसे EMI/NMI Ratio भी कहते हैं।

अगर आपका ये रेश्यो इससे ज्यादा है, तो भविष्य में ईएमआई के भुगतान में डिफ़ॉल्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पर्सनल लोन की भुगतान अवधि चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि टोटल ईएमआई आपकी इनकम के 50 से 55% से ज्यादा ना हो। अगर ज़्यादा है तो आपने जिस पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया है उस पर लोन अवधि बढ़ाकर उस रेश्यो को कम करने की कोशिश की जा सकती है।

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लोन ऑफर्स की तुलना करें

पर्सनल लोन की ब्याज दर किसी भी सिक्योर्ड लोन की तुलना में ज़्यादा होती है। इसलिए अप्लाई करने से पहले जितने हो सके उतने बैंकों/ एनबीएफसी के पर्सनल लोन ऑफर की तुलना ज़रूर करें। कई बैंक अपने मौजूदा कस्टमर्स को कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर करते हैं, ऐसे में उन बैंकों और एनबीएफसी से शुरुआत करें जिनमें आपका कोई डिपॉज़िट या क्रेडिट अकाउंट है. अन्य बैंकों के उपलब्ध पर्सनल लोन ऑफर्स की तुलना करने के लिए आप ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट प्लेस पर जा सकते हैं। हालाँकि, पर्सनल लोन ऑफर की तुलना करते समय केवल ब्याज दर पर ही ध्यान ना दें, बल्कि प्रोसेसिंग फीस, लोन राशि, भुगतान अवधि, आदि की भी तुलना करें।

एक साथ कई बैंक में अप्लाई करने से बचें

जब भी आप किसी नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तब लेंडर्स आपकी क्रेडिट रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो से निकलवाते हैं ये अनुमान लगाने के लिए की आपको लोन/क्रेडिट कार्ड देना उनके लिए कितना रिस्की होगा। इसे हार्ड-इन्क्वायरी कहते हैं और इन हार्ड-इन्क्वायरी को क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज करते है। हर हार्ड-इन्क्वायरी के साथ आपका क्रेडिट स्कोर भी कुछ पॉइंट कम हो जाता है और इस तरह कम समय में कई हार्ड-इन्क्वायरी होने से आपका क्रेडिट स्कोर काफी कम हो सकता है। स्कोर कम होने की वजह से आपकी लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है और आगे चलकर लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की संभावनाएं भी कम हो सकती है।

इन सब से बचने ले लिए एक साथ कई बैंक/ एनबीएफसी में लोन अप्लाई करने के बजाय, ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट प्लेसेस पर जाएं और उपलब्ध पर्सनल लोन ऑफर्स में से अपने लिए सबसे बेहतर ऑफर चुनें। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेने के लिए ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट प्लेस से जो रिक्वेस्ट क्रेडिट ब्यूरो को जाती है, उसे सॉफ्ट-इन्क्वायरी के रूप में दर्ज किया जाता है और उसका आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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बार-बार कारोबार या नौकरी ना बदलें

आपको पर्सनल लोन मिलेगा या नहीं ये आपकी एम्पलॉयमेंट हिस्ट्री और जॉब स्टेबलिटी पर भी निर्भर करता है। बैंक/ एनबीएफसी उन आवेदकों को पर्सनल लोन देने में अक्सर संकोच करते हैं जो बार-बार अपना कारोबार या नौकरी बदलते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे आवेदकों की इनकम अस्थिर होती है जिस वजह से उनके लोन डिफ़ॉल्ट की संभावना बढ़ जाती है। 

अपने इस क्रेडिट रिस्क को काम करने के लिए बैंक/ एनबीएफसी अक्सर पर्सनल लोन उन आवेदकों को देते हैं जिनका 1 या 2 साल का कुल कार्य अनुभव हो। कुछ लेंडर्स वर्तमान कंपनी में कम से कम 6 महीने का कार्य अनुभव का क्राइटेरिया रखते हैं। इसी तरह सेल्फ एम्प्लॉयड आवेदकों के बिज़नेस को कम से कम 3 वर्ष पूरे हो जाने चाहिए। इसलिए, यदि आप जल्द ही पर्सनल लोन लेने का सोच रहे हैं, तो अपनी नौकरी या बिज़नेस ना बदलें।

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