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फाइनेंशियल लिटरेसी: इन तरीकों से अपने बच्चों को पैसों का महत्व समझाएं

फाइनेंशियल लिटरेसी: इन तरीकों से अपने बच्चों को पैसों का महत्व समझाएं
Nikita
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अगर आप अपने बच्चों को आगे चलकर फाइनेंशियली इंडिपेंडेट बनाना चाहते हैं तो उन्हें बचपन से ही पैसों की एहमियत समझनी शुरू कर दें। बच्चों को बचपन से ही पैसों का मोल पता होगा और उनमें बचत करने जैसी अच्छी आदतें होंगी तभी वे बड़े होकर अपने भविष्य को फाइनेंशियली सिक्योर कर पाएंगे। आरंभ करने में आपकी मदद के लिए निचे दिए गए कुछ टिप्स फॉलो करें:

समझाएं इच्छाओं और आवश्यकताओं के बीच अंतर 

पैसों का मूल्य सिखाने में पहला कदम उन्हें इच्छाओं और आवश्यकताओं के बीच अंतर समझाना है। समझाएं कि जरूरतों में भोजन, घर, कपड़े और शिक्षा जैसी बुनियादी चीजें शामिल हैं। गेम, साइकिल, घूमना या नया स्मार्टफोन आदि चीज़ें इच्छाओं में आती है। आपकी बात को वह कितने अच्छे तरीके से समझ पाएं है उसके लिए आप कुछ चीजों का उदाहरण देकर उनसे पूछें कि क्या वह चीज उनकी जरुरत है या नहीं। ऐसा करने से आपका बच्चा समझ पाएगा कि क्या उनकी जरूरत है और किन चीजों के बिना काम चल सकता है। 

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बचत के लिए प्रोत्साहित करें

लोगों द्वारा अपने बचत लक्ष्यों तक न पहुंचने का एक कारण यह भी है कि वे उन्हें तय करने में असमर्थ हैं। ठीक वैसे ही बच्चे आमतौर पर पैसा मिलते ही खर्च कर देते हैं। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप उन्हें बचत का महत्व समझाए और बचत करने में उनकी मदद करें। ताकि वे मेहनत से कमाया गया पैसा (नौकरीपेशा व्यक्ति, ट्यूशन, या कमाई का कोई और जरिया), मिलने वाली पॉकेट मनी या दादी नानी द्वारा दिए गए पैसों की बचत करें और समय आने पर उसका सही इस्तेमाल करें। इसके साथ ही आप कम उम्र में ही बच्चों का बैंक में सेविंग्स अकाउंट खुलवाएं। इसमें आप बच्चे को हर महीने अपनी बचत को डालने को कहें। साथ ही ये भी बताएं कि कैसे बैंक इस पैसे पर उन्हें ब्याज देगा।

बजट की मूल बातें समझाना है ज़रूरी

बच्चों और किशोरों को बजट बनाने की बुनियादी बातों से परिचित कराना उन्हें भविष्य में वित्तीय सफलता के लिए तैयार करने का एक शानदार तरीका है। आप अपने बच्चों को सरलता से बजट बनाने का तरीका समझा कर शुरूआत कर सकते है। उन्हें बताएं कि बजट बनाना क्यों महत्वपूर्ण है और जब पैसा खर्च करने की बात आती है तो यह कैसे उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद कर सकता है। वो अपनी आय और व्यय दोनों को कैसे संतुलित कर सकते हैं। क्योंकि अच्छी वित्तीय आदतें जीवनभर तक बनी रहती है। एक बार बजट बनाने की मूल बातें समझने के बाद जब बचत की बात आती है, तो उन्हें एक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें दिखाएं कि कैसे बजट बनाने से उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है।

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वित्तीय मामलों पर करें बच्चों के साथ विचार

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों के साथ वित्तीय मामलों पर चर्चा नहीं करते ये सोचकर की वे अभी बहुत छोटे हैं। जबकि ऐसा करना गलत है क्योंकि कोई भी चीज बच्चा सबसे पहले अपने घर से ही सीखता है। इसलिए अपने खर्चो और बचत की आदतों के बारे में अपने बच्चों के साथ शेयर करें। हां ऐसा हो सकता है कि उस समय आपका बच्चा असहज महसूस करें पर एक बार चीजों को समझने के बाद ना केवल बच्चे वित्तीय निर्णय के प्रति जागरूक बनेंगे बल्कि वह भविष्य में खुद भी बेहद सोच समझकर खर्च और बचत करेंगे।

वित्तीय शिक्षा भी है ज़रूरी

बच्चों के लिए वित्तीय शिक्षा कम उम्र से ही शुरू होनी चाहिए। क्योंकि वित्तीय ज्ञान हमेशा काम आता है और बच्चों को शुरू से ही पैसे की अच्छी आदतें आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य को बढ़ावा देने में मदद करती है। पर इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि बच्चों की उम्र और समझने की क्षमता के अनुसार ही उनको शिक्षित करें। छोटे बच्चे खेल और कहानियों के माध्यम से बचत करने के बारे में सीख सकते हैं, जबकि किशोर एफडी, शेयर बाज़ार, म्युचुअल फंड और अन्य बजट और निवेश जैसे विषयों के बारे में भी बता सकते हैं।

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