हम सभी के लिए अपनी पहली सैलरी मिलना एक रोमांचक और यादगार पल होता है, लेकिन दूसरे ही पल में यह चौंकाने वाला भी हो सकता है जब सैलरी हाथ में आते ही छूमंतर हो जाएं। अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि अपनी पहली सैलरी का सही उपयोग कैसे किया जाए? इस सवाल का बहुत ही आसान जवाब है कि अपने पहले वेतन से ही आप मौजूदा समय के साथ भविष्य के खर्चों की भी प्लानिंग करें और उसी के हिसाब से बचत करें। इसलिए आज हम आपको ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहें हैं जिसे हर किसी को अपनी पहली कमाई के साथ अपनाने चाहिए, ताकि लाइफ सिक्योर और टेंशन फ्री रहें।
आप अपने करियर की शुरुआत से ही नीचे बताई गई कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर अपने साथ- साथ अपने परिवार को भी एक बेहतर जीवन दें सकते हैं। चलिए जानते है क्या वो आदतें…
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1. एजुकेशन लोन का भुगतान करें
एजुकेशन लोन हायर एजुकेशन के उद्देश्य से लिया गया लोन है। यदि आपने एजुकेशन लोन लिया हुआ है तो इसका भुगतान सबसे पहले करें। क्योंकि इस लोन में किसी भी प्रकार का डिफॉल्ट होता है तो आपके फाइनेंशियल स्टेटस पर इसका बहुत गहरा असर पड़ सकता है। पढ़ाई के दौरान आपको लोन पर ब्याज देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ब्याज लोन की राशि में जुड़ता जाता है और मोरेटोरियम (पढ़ाई और छह महीने या एक साल की अवधि) के बाद किस्तें शुरू होती हैं। एजुकेशन लोन लेते समय अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार भुगतान अवधि का चुनाव करें। इस तरह, आप जानते है कि आपकी पहली ईएमआई शुरू होने से पहले नौकरी ढूंढने और बचत करने के लिए आपके पास कितना समय है।
2. हेल्थ इंश्योरेंस है आवश्यक
यह एक बुनियादी ज़रूरत है और आपको इसके बारे में इसी तरह सोचना चाहिए। अचानक मेडिकल इमरजेंसी आपको कर्ज के जाल में फंसा सकती हैं पर हेल्थ इंश्योरेंस आपको इस जोखिम से निकाल सकता है। हालांकि जब आप युवा, स्वस्थ और शायद अकेले हों तो उस समय इंश्योरेंस आपको एक आवश्यकता नहीं लग सकती है, लेकिन समय के साथ साथ आपकी उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी भी बढ़ती हैं तब हेल्थ इंश्योरेंस काम आता है। हेल्थ इंश्योरेंस होने से आपके पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के पास फाइनेंशियल सिक्योरिटी और सेफ्टी भी रहती हैं। इसलिए जब आप युवा हों और अच्छे स्वास्थ्य में हों तो हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने की सलाह दी जाती है।
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3. इमरजेंसी फंड पर करें विचार
मुश्किल दिनों के लिए एक इमरजेंसी फंड ज़रूर तैयार कर लें। हो सकता है कि आप यह सोचें कि आपको इसकी क्या ही ज़रूरत है, लेकिन कोई नहीं जानता कि कब अचानक से पैसों की ज़रूरत पड़ जाए, उस समय हम लोन का सहारा लेते हैं पर यदि आपके पास इमरजेंसी फंड होगा तो ये आपको एक्सीडेंट, बिजनेस में नुकसान, हायर एजुकेशन और नौकरी चले जाने आदि जैसे कारणों से निपटने के लिए मदद करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये किसी व्यक्ति को फाइनेंशियल क्राइसेस में उधार लेने से बचाता है, इसलिए इमरजेंसी फंड रखना ज़रूरी है।
4. पहली सैलरी से करें निवेश की शुरुआत
कुछ लोगो को निवेश करना कठिन लग सकता है, खासकर तब जब आपके हाथ में आपकी पहली सैलरी हो पर निवेश करने की आदत ज़रूर डालें। आज के समय में पीपीएफ, एसआईपी, आरडी, एफडी आदि तमाम ऐसी स्कीम्स हैं, जिनमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो काफी अच्छा मुनाफा मिलता है। आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में भी निवेश कर सकते हैं इसके अलावा आप चाहें तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट आदि में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
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5. अपनाएं (50/20/30) फॉर्मूला
बैलेंस मनी फॉर्मूला जिसे (50/20/30 बजट) भी कहा जाता है यह बिगिनर्स के लिए सबसे लोकप्रिय बजट नियमों में से एक है। हमें अपनी इनकम का 50 फीसदी हिस्सा उन जरूरतों पर खर्च करना चाहिए, जिसके बिना आपका गुजारा नहीं हो सकता है. इसमें आपके घर का राशन, आपके बिल, पढ़ाई आदि से जुड़े कई खर्चे आते हैं। अपनी सैलरी के 30 फीसदी हिस्से का खर्च ऐसे होते हैं, जिनको आप टाल भी सकते हैं. ये आपके मनोरंजन के लिए होते है. जैसे – मूवी देखना, घूमने जाना, बाहर खाना, पार्टी करना, सेल्फ केयर और शॉपिंग करना आदि। इसके अलावा 20 फीसदी हिस्से की आपको बचत करनी चाहिए। इन पैसों का इस्तेमाल अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग, बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी और इमरजेंसी के लिए करते हैं।
निष्कर्ष
हर महीने की जाने वाली थोड़ी- थोड़ी बचत ही भविष्य में बड़ा सहारा बनती है। यह केवल एक अच्छी आदत नहीं बल्कि आगे की जिंदगी को और भी बेहतर बनाने, किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार रहने और पैसों की ज़रूरत पड़ने पर उधार न लेने का एक रास्ता है।