अगर आपका क्रेडिट स्कोर (जिसे आम बोल-चाल की भाषा में सिबिल स्कोर भी कहते हैं) कम है, जिसकी वजह से लोन लेने में परेशानी हो रही है तो इस लेख में कुछ ऐसे टिप्स बताएं गए हैं जिन्हें फॉलो करके आप अपना सिबिल स्कोर बढ़ा सकते हैं। तो चलिए इस लेख में सिबिल स्कोर में सुधार के तरीके जानते हैं:
सिबिल स्कोर में सुधार के तरीके
ऐसे कई कारक हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं, जिनमें आपका रिपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट मिक्स, आयु और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) आदि शामिल हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख तरीके बताए गए हैं, जो आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:
1. समय पर ईएमआई भुगतान करें
अपने लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड ड्यू का समय पर व पूरा भुगतान करें। क्योंकि ऐसा करना आपको जिम्मेदार उधारकर्ता इंगित करता है और आपका क्रेडिट स्कोर धीर-धीरे बढ़ने लगता है। इसके उल्ट समय से भुगतान न करने पर आपका सिबिल स्कोर कम होने लगता है।
2. एक समय पर कई लोन लेने से बचें
एक समय में एक से अधिक लोन लेने के बजाए मौजूदा लोन को चुकाना बेहतर विकल्प है। क्योंकि इससे आपकी ईएमआई मिस नहीं होगी और आपको आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
3. ड्यू या बकाया न रखें
क्रेडिट स्कोर (Credit Score) बढ़ाने की राह में क्रेडिट कार्ड के बकाया को समाप्त करना एक जरूरी कदम है। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड में सुधार करना चाहते हैं तो तय तारीख से पहले अपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान करें।
4. हार्ड इन्क्वायरी से बचें
बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें। क्योंकि आप जब-जब लोन के लिए आवेदन करते हैं, बैंक व एनबीएफसी आपका क्रेडिट रिस्क चेक करने के लिए सिबिल स्कोर चेक करती है, जिसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं। इस हार्ड इन्क्वायरी से सिबिल स्कोर पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है यानी क्रेडिट स्कोर कम होता है।
5. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लिमिट में करें
आप अपने क्रेडिट कार्ड का किस लिमिट तक इस्तेमाल करते हैं, उसे क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो (सीयूआर) कहते हैं। सीयूआर जितना कम होता है उतना बेहतर माना जाता है क्योंकि इससे पता चलता है कि क्रेडिट कार्ड पर आपकी निर्भरता कम है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार होने लगता है।
6. भुगतान क्षमता के आधार पर लोन रिपेमेंट अवधि चुनें
अगर आपके पास ईएमआई भुगतान के अलावा अन्य जरूरी खर्चे हैं और आय कम है तो लोन भुगतान के लिए लंबी अवधि चुनें। जिससे EMI कम होगी और आप आसानी से भुगतान कर पाएंगे। लोन डिफॉल्ट न करके आप अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार कर पाएंगे।
7. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में कमियों की जांच करें
समय- समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें और किसी तरह की कोई गलती निकलने पर उसे ठीक करने के लिए बैंक से संपर्क करें। ऐसा करने से आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ाने (Credit Score Badhaye) में मदद मिल सकती है।
क्रेडिट स्कोर को सिबिल स्कोर क्यों कहते हैं?
जैसा कि आपको पता है बैंक व एनबीएफसी लोन देने से पहले आवेदक की जोखिम क्षमता का मूल्यांकन करने के कई पहलुओं पर विचार करते हैं, जिसमें से क्रेडिट स्कोर (300 से 900 के बीच की संख्या) महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
क्रेडिट स्कोर भारत के 4 क्रेडिट ब्यूरो- ट्रांसयूनियन CIBIL, Equifax, Experian और CRIF Highmark द्वारा प्रदान किया जाता है। जिसमें से ट्रांसयूनियन CIBIL सबसे पुराना व प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है। जिसकी वजह से आम बोल-चाल की भाषा में क्रेडिट स्कोर की जगह सिबिल स्कोर की भी इस्तेमाल किया जाता है।
बता दें कि अलग-अलग बैंक व एनबीएफसी इन अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो द्वारा दिए जाने वाले सिबिल स्कोर को ध्यान में रखकर आपके आवेदन का मूल्यांकन करते हैं। यानी आपका सिबिल स्कोर विभिन्न क्रेडिट ब्यूरो के साथ अलग-अलग हो सकता है।
सिबिल स्कोर से संबंधित प्रश्न
सिबिल स्कोर अच्छा होने के क्या फायदे हैं?
700 या उससे अधिक सिबिल स्कोर होने पर लोन मिलने में आसानी होती है। जबकि 600 से कम सिबिल स्कोर होने पर लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अच्छा सिबिल स्कोर (CIBIL score) मैनटेन करना जरूरी है।
सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?
सिबिल स्कोर 300-900 अंकों के बीच होता है। आमतौर पर बैंक व एनबीएफसी 750 या उससे अधिक सिबिल स्कोर को अच्छा मानते हैं।
क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाएं (Credit Score Kaise Badhaye)
क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
- अपने क्रेडिट कार्ड और लोन ईएमआई का समय से भुगतान करें
- समय-समय पर अपना सिबिल रिपोर्ट चेक करते रहें
- अपनी भुगतान क्षमता से अधिक लोन न लें और कर्ज का भुगतान करें
- क्रेडिट कार्ड लिमिट का पूरा इस्तेमाल न करें यानी कम सीयूआर मैनटेन करें
- एक समय पर कई लोन लेने से बचें।
क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर होना अच्छा है?
700 या उससे अधिक सिबिल स्कोर होने पर क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना अधिक होती है। हालांकि अगर आपके पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड या एंट्री लेवल क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।
सिबिल का फुल फॉर्म क्या है?
सिबिल का फुल फॉर्म- क्रेडिट इंफोर्मेंशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) होता है। इसे साल 2000 में स्थापित किया गया था।