राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) पेंशन या रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है, जिसमें मिलने वाला रिटर्न मार्केट पर निर्भर करता है। वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सरकार समर्थित सेविंग स्कीम है जिसमें फिक्स्ड रिटर्न मिलता है। PPF में जमा फंड का इस्तेमाल किसी भी काम जैसे शादी, शिक्षा आदि के लिए किया जा सकता है। इन दोनों स्कीम में से कोई एक स्कीम चुनने के लिए आपको NPS और PPF क्या है और इन दोनों के प्रमुख अंतरों के बारे में पता होना चाहिए, जिसके बारे में इस लेख में बताया गया है।
एनपीएस और पीपीएफ़ की तुलना
सिक्योरिटी
NPS मार्केट आधारित है, ऐसे में इसमें निवेश करने पर कुछ जोखिम उठाना पड़ सकता है। लेकिन NPS को पेंशन फण्ड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। ऐसे में इसमें धोखाधड़ी की संभावना न के बराबर है। वहीं दूसरी ओर PPF एक सरकारी योजना है इसलिए इसमें जमा की गई राशि पूरी तरह सुरक्षित होती है।
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रिटर्न
PPF में फिक्स्ड रिटर्न मिलता है जबकि NPS में रिटर्न की दर फिक्स्ड नहीं होती। NPS में मिलने वाला रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। हालांकि, ऐसा देखा गया है कि PPF की तुलना में NPS में अधिक रिटर्न मिलता है।
लिक्विडिटी
पब्लिक प्रोविडेंट फंड 15 साल में मैच्योर होता है। आप PPF अकाउंट खोलने के 6 साल बाद कुछ प्रतिशत राशि उसमें से निकाल सकते हैं। वहीं NPS में आप 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद पूरी राशि निकाल सकते हैं। NPS से अकाउंट खोलने की तारीख से 10 साल बाद कुछ प्रतिशत राशि उसमें से निकाली जा सकती है, या अकाउंट खोलने के पांच साल बाद उसमें से पार्शल विड्रॉल किया जा सकता है।
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योग्यता
NPS में NRIs समेत 18 से 60 साल का कोई भी भारतीय नागरिक राशि जमा कर सकता है। वहीं PPF में भी कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। हालांकि इसमें NRIs निवेश नहीं कर सकते।
रिटायरमेंट
NPS उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें हर महीने तय राशि मिलती रहे। वहीं अगर आप रिटायरमेंट के आलावा शादी, बच्चों की शिक्षा जैसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए पैसे बचाना चाहते हैं, और पूरी राशि एक साथ निकालना चाहते हैं, तो आप PPF में निवेश कर सकते हैं।