हमारा जीवन एक रोलरकोस्टर में बैठी सवारी की तरह है, जिसे कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता हैं और फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) एक ऐसा तरीका है जो रोलरकोस्टर की इस यात्रा को आसान बनाने में आपकी मदद कर सकता है। चाहे आपका अपना कारोबार हो या आपकी सरकारी नौकरी हो, आर्थिक मंदी कभी बता कर नहीं आती, इसलिए समय रहते सही उम्र में अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक अच्छी वित्तीय योजना बनाना महत्वपूर्ण है। पर कई लोगों के मन में अब ये सवाल आता है कि हमने फाइनेंशियल प्लानिंग तो कर ली अब इस योजना को कैसे सही तरीके से अमल में लाया जाए? तो आपके इस सवाल का जवाब आज हम इस आर्टिकल में लेकर आएं हैं। तो चलिए जानते हैं फाइनेंशियल प्लानिंग प्रोसेस के स्टेप्स क्या हैं…
फाइनेंशियल प्लानिंग प्रोसेस के स्टेप्स
स्टेप 1: अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति को पहचानें
आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग प्रक्रिया में यह सबसे महत्वपूर्ण कारक में से एक है। शांति से बैठे और अपने होने वाले सभी तरह के खर्चों पर विचार करें आप इसके लिए अपने परिवार के सदस्यों को भी अपने साथ शामिल कर सकते है। घर में आने वाले सभी आय के स्रोतों, हर महीने के खर्चों, यदि कोई लोन लिया है तो उसका भुगतान, किराया, ट्रैवल और निवेश आदि जैसी सभी चीजों पर हर महीने कितना खर्च होता है और तब विचार करें कि आपकी हर महीने की बचत क्या है। एक बार जब आप अपनी आय और कुल खर्च के बीच अंतर देख लेंगे, तो आप अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति को समझ पाएंगे।
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स्टेप 2: अपने फाइनेंशियल गोल्स को सेट करें
अपने परिवार के सभी सदस्यों से यह तय करने के लिए कहें कि वे वर्तमान और भविष्य के पारिवारिक लक्ष्यों के बारे में क्या सोचते हैं। जिसके बाद आप हर एक गोल के लिए एक अवधि निर्धारित करें, यानी कि उस गोल को पूरा करने के लिए आपको कब पैसों कि जरूरत होगी। उदाहरण के लिए अभी आपका बच्चा 10 साल का है आज से 8 साल बाद आपको उसकी हायर एजुकेशन के लिए 20 लाख रुपये कि जरूरत होगी। यदि संभव हो, तो प्रत्येक लक्ष्य की राशि भी निर्धारित करें। अपने गोल्स को निर्धारित..
शार्ट टर्म गोल्स: मासिक बजट बनाना, अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान करना, इमरजेंसी फंड बनाना, किराया देना आदि शामिल करें।
मिड टर्म गोल्स: अपनी शादी के लिए बचत करना, नई कार खरीदना, इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाना आदि को शामिल करें।
लॉन्ग टर्म गोल्स: इन गोल्स में अपना खुद का घर खरीदना, रिटायर होने के लिए पैसे बचाना आदि जैसी चीजें शामिल हैं।
स्टेप 3: इनकम के सोर्स को बढ़ाएं
एक बार जब आप जान जाते हैं कि आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और फाइनेंशियल गोल्स क्या है। अब आपको ये देखना है कि आपके पास इनकम के कितने सोर्स? क्या आपके पास इमरजेंसी फंड है? या आप एक्स्ट्रा इनकम कैसे प्राप्त कर सकते हैं? और विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपको कितनी राशि की आवश्यकता है? इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप एक वित्तीय योजना बना सकते है इसमें आपके खर्च करने की आदतों में बदलाव कर सकते है और अपनी बचत और निवेश पर ध्यान दे सकते हैं। आप अपनी रुचियों और कौशल के आधार पर इनकम के लिए कोई छोटा व्यवसाय शुरू कर सकते है, पार्ट टाइम जॉब और फ्रीलांसिंग जैसी आदि चीजों का सहारा लें सकते हैं। यह सभी कारक आपके लक्ष्यों तक पहुंचने में मददगार साबित होंगे और आप अपने जीवन में वित्तीय से जुड़े निर्णय आसानी से ले सकेंगे।
स्टेप 4: विभिन्न निवेश विकल्पों पर विचार करें
अब आप स्टॉक मार्किट, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ, बॉन्ड, और फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जैसे विभिन्न निवेश विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। पर उनके बारे में पूरी जानकारी, निवेश की अवधि, अपनी आवश्यकताओं और लक्ष्यों को ध्यान में रखकर विकल्पों का चुनाव करें।
स्टेप 5: फाइनेंशियल प्लानिंग में समय के साथ बदलाव करें
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर हैं, अपनी वित्तीय योजना आपने कई सारे कारकों को ध्यान में रखकर बनाई हैं उसको समय-समय पर चेक करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि कई बार किसी समय खर्चे आपके बनाए गए बजट से अधिक हो सकते हैं। इसलिए समय के साथ अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में आवश्यक बदलाव करें। हालांकि फाइनेंशियल प्लानिंग का पालन करना उचित है क्योंकि यह आपके लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
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निष्कर्ष
फाइनेंशियल प्लानिंग किसी व्यक्ति की वर्तमान वित्तीय परिस्थितियों और उनके शार्ट, मिड और लॉन्ग टर्म के वित्तीय लक्ष्यों के बारे में जानकारी देता हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग आपको बुनियादी जरूरतों को जानने और उनको पूरा करने में मदद कर सकती है। पर उसके लिए आपको फाइनेंशियल प्लानिंग प्रोसेस के स्टेप्स को जानना भी जरुरी हैं क्योंकि फाइनेंशियल प्लानिंग तो आपने कर ली पर उस प्लानिंग के तरीकों पर कैसे और कब अमल करना हैं ये आपको फाइनेंशियल प्लानिंग प्रोसेस के स्टेप्स से ही पता चल सकेगा।