बैंक व एनबीएफसी आमतौर पर 10 हजार रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक पर्सनल लोन ऑफर करते हैं। हालांकि किसी आवेदक को पर्सनल लोन के तहत कितनी लोन राशि देनी है, ये निर्धारित करने के लिए बैंक/NBFCs आमतौर पर दो मेथड का इस्तेमाल करते हैं- EMI/NMI रेश्यो और मल्टीप्लायर मेथड। बैंक व एनबीएफसी चाहे तो दोनों तरीकों या फिर किसी एक मेथड का इस्तेमाल करके ही आपका लोन राशि निर्धारित कर सकते हैं। तो चलिए इन दोनों तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
ईएमआई/एनएमआई रेश्यो
ईएमआई/एनएमआई रेश्यो के बारे में जानने से पहले EMI/NMI के बारे में समझते हैं। ईएमआई यानी ‘ईक्वटेड मन्थली इंस्टॉलमेंट’ एक समान मासिक किस्त है जो आप लिए गए लोन का भुगतान करने के लिए एक निश्चित समय तक अपने बैंक या NBFC को देते हैं। वहीं, नौकरीपेशा को इन हैंड कितनी सैलरी मिलती है, इसे ही एनएमआई कहते है। एनएमआई का फुल फॉर्म ‘नेट मंथली इनकम’ होता है।
आप अपनी सैलरी का कितना प्रतिशत लोन ईएमआई भुगतान में खर्च करते हैं, इसे ईएमआई/एनएमआई रेश्यो कहते हैं। आमतौर पर बैंक उन आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं, जो अपनी कुल मासिक इनकम का 50% से 55% ही ईएमआई भुगतान (वर्तमान ईएमआई और लिये जाने वाले लोन की ईएमआई को मिलकर) में खर्च करते हैं। क्योंकि ऐसे आवेदकों के लोन डिफॉल्ट होने की संभावना कम होती है। अगर आप इस रेश्यो से ज्यादा खर्च करते हैं, तो अधिक लोन राशि मिलने की संभावना कम होगी। हालांकि लोन टेन्योर बढ़ाकर आप लोन प्राप्त करने के योग्य हो सकते हैं।
मल्टीप्लायर मेथड
इस मेथड के तहत बैंक व एनबीएफसी लोन राशि निकालने के लिए आवेदक के ग्रॉस मंथली सैलरी को पूर्वनिर्धारित संख्या (आमतौर पर 10 से 24 गुना) से गुणा करके निकालते हैं। यह पूर्वनिर्धारित संख्या बैंकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।
उदाहरण से समझें- अगर आपकी ग्रॉस मंथली सैलरी 30,000 रुपये है, और बैंक आपको 24 गुना से लोन राशि दे रहा है, तो इस हिसाब से आपको 7,20,000 रुपये लोन अमाउंट मिल सकता है।
निष्कर्ष
विभिन्न बैंक व एनबीएफसी ऊपर बताएं गए तरीकों को अपनी लोन पॉलिसी के हिसाब से प्राथमिकता दे सकते हैं। लोन आवेदक को कितनी राशि तक लोन मिल सकता है यह उसके वित्तीय स्थिति पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा आवेदक लोन अप्लाई करने से पहले अपनी योग्यता जान सके इसके लिए कई सारे बैंक व एनबीएफसी ‘पर्सनल लोन एलिजिबिलिटी कैलकुलेटर’ ऑनलाइन ही प्रदान कर देते हैं। इसकी मदद से आवेदक लोन इंटरेस्ट रेट, लोन अवधि, मंथली इनकम आदि के आधार पर पता कर सकते हैं कि वह कितनी लोन राशि पाने के हकदार है, फिर इसी हिसाब से वह अपनी सुविधानुसार लोन के लिए अप्लाई कर अपना समय बचा सकते हैं।