महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है और इसके साथ बच्चों की शिक्षा की लागत भी। इन्फ्लेशन से निपटते हुए बच्चों के एजुकेशन के लिए पैसा बचाना काफी मुश्किल काम तो है, लेकिन ज़रूरी भी है। नीचे बताए गए टिप्स बच्चों की शिक्षा के लिए पैसे बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
लक्ष्य निर्धारित करें
अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए कितने पैसे बचाने हैं, यह तय करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि आपको पता नहीं है कि आगे चलकर आपका बच्चा कौन-सा कोर्स करना चाहेगा और उसमें कितना खर्च आएगा। ऐसे में आप विभिन्न कोर्स में लगने वाले फीस का मुआयना करें और उसके बाद बचत के लिए एक रकम निर्धारित करें। अगर आप अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाना चाहते हैं, तो उसके लिए बड़ी बचत करनी होगी। साथ ही, उस देश की करेंसी में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी ध्यान रखना होगा।
कितनी रकम जमा करनी है इसे तय करने के साथ ही कितनी अवधि के लिए जमा करनी है, यह निर्धारित करना ज़रूरी है। अगर आपका बच्चा 5 साल का है और आप उसके हायर एजुकेशन के लिए पैसा जमा करना चाहते हैं तो आपको अगले 14-15 साल में एकमुश्त पैसों की ज़रूरत पड़ेगी, तो उस हिसाब से बचत करें।
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निवेश जल्द शुरू करें
बच्चों के एजुकेशन के लिए पैसे जमा करना एक लॉन्ग टर्म गोल है, जिसके लिए बड़ी रकम की ज़रूरत पड़नी तय है। आप जितनी जल्दी बचत करेंगे, उतना बेहतर होगा। शुरू से ही बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए पैसे जमा करने से आप लंबी अवधि में बड़ी रकम जमा कर पाएंगे। लॉन्ग टर्म में आपको कंपाउंडिंग का भी लाभ मिलेगा। लेकिन देरी से सेविंग करने पर आप न सिर्फ कम रकम इक्ट्ठा कर पाएंगे बल्कि आपको ज्यादा पैसे भी लगाने पड़ेंगे। हालांकि, बच्चों के एजुकेशन के लिए पैसा जमा करने के साथ ही इमरजेंसी फंड, रिटायरमेंट सेविंग आदि का भी ध्यान रखना ज़रूरी है।
पैसे कहां निवेश करें
एजुकेशन के लिए सेविंग करने के साथ ही यह तय करना ज़रूरी है कि उसे कहां जमा या निवेश करना है। कुछ लोग ट्रेडिशनल इंवेस्टमेंट ऑप्शन्स जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस स्कीम आदि में निवेश करना पसंद करते हैं, तो कुछ मार्केट आधारित विकल्पों पर। यह बात सही है कि इन्वेस्टमेंट के दूसरे विकल्प मार्केट आधारित निवेश विकल्पों की बराबरी नहीं कर सकते। लेकिन यह भी सच है कि इनमें इन्वेस्ट करने में रिस्क हो सकता है, ट्रेडिशनल विकल्प गारंटीड रिटर्न के चलते सेफ माने जाते हैं।
अगर आपकी बेटी है और आप सेफ विकल्पों में निवेश करना चाहते हैं, सुकन्या समृद्धि योजना, PPF, एफडी आदि में इंवेस्ट कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप एजुकेशन इन्फ्लेशन से निपटना चाहते हैं, अधिक रिटर्न पाना चाहते हैं तो मार्केट आधारित विकल्पों जैसे इक्विटी फंड्स या फिर विभिन्न कंपनियों द्वारा ऑफर किए जाने वाले चाइल्ड प्लान में निवेश कर सकते हैं। बाज़ार में निवेश के कई विकल्प होने की वजह से कंफ्यूजन हो सकती है। इसलिए किसी भी विकल्प में आंख मूंद कर निवेश करने से पहले अपनी ज़रूरतों को समझें। जहां निवेश करना चाहते हैं उसके बारे में पूरी जानकारी, रिस्क एनालिसिस और किसी वित्तीय सलाहकार की सलाह लेना ज़रूरी है।
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नियमित तौर पर बचत करें
अपने बचत को लेकर नियमित रहना काफी ज़रूरी है, तभी आप अपने गोल्स तक पहुंच पाएंगे। समय-समय पर अपनी निवेश योजना की समीक्षा करें और विशलेषण करें जिससे आप यह सुनिश्चित हो सके कि आप सही ट्रैक पर हैं। अगर आप बचत के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं तो गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करने की कोशिश करें।
बच्चों के एजुकेशन के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग काफी सोच-समझकर करनी चाहिए, ताकि आगे पैसों की कमी आपको बच्चों के सपनों के आड़े ना आए। अगर आप पर्सनल या फाइनेंशियल कारणों की वजह से उतने पैसे नहीं जमा कर पाते तो निराश होने की ज़रूरत नहीं है। आप एजुकेशन लोन ले सकते हैं। लोन लेने के लिए आपको सिक्योरिटी या गारंटर की ज़रूरत पड़ सकती है। लेकिन लोन का भुगतान आपको तभी करना होता है, जब आपका बच्चा अपनी एजुकेशन पूरी कर ले। इसके अलावा, लोन लेने के बाद उसका भुगतान करने के लिए लेंडर्स 6-12 महीनों का समय भी देते हैं।
इमरजेंसी फंड से समझौता न करें
अपने बच्चों के एजुकेशन के लिए कॉर्प्स बनाना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी इमरजेंसी फंड बनाना भी है। यह फंड किसी भी इमरजेंसी जैसे नौकरी छूटने, बीमार पड़ने या फिर किसी अन्य वित्तीय संकट के दौरान आपको बच्चों के एजुकेशन या अपने रिटायरमेंट के लिए जमा किए गए फंड का इस्तेमाल करने से बचाता है। इमरजेंसी फंड बनाते समय सुनिश्चित करें कि इसमें आपके 6 महीने के खर्चों को पूरा करने की क्षमता होनी चाहिए।