फाइनेंशियल प्लानिंग

फिजूलखर्ची से हैं परेशान ऐसे करें उसका समाधान

फिजूलखर्ची से हैं परेशान ऐसे करें उसका समाधान
Vandana Punj
Vandana Punj

जरूरत से ज्यादा खर्च करना कई लोगों की आदत होती है। ऐसे लोगों के लिए न सिर्फ वित्तीय लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होता है बल्कि कई बार कर्ज के जाल में भी फंस जाते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं जो महीने के अंत तक आते-आते पैसों की कमी से जूझने लगते हैं, तो इसकी वजह आपका गलत फाइनेंशियल मैनेंजमेंट हो सकता है। इस लेख में कुछ तरीके बताएं गए हैं जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि क्या आप फिजूलखर्ची कर रहे हैं, अगर हां तो उन्हें कैसे रोक जा सकता है:

1. खर्च का हिसाब न रखना

केवल खर्च करना और उसका कोई हिसाब न रखना आपके फाइनेंस पर भारी पड़ सकता है। किसी भी वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सही फाइनेंशियल प्लान का होना जरूरी है, पर उससे भी ज्यादा जरूरी है ये पता होना कि आपके पैसे हर महीने कहां जा रहे हैं। आपको अपने खर्चों के बारे में पता होगा तभी आप उसका सही मूल्यांकन कर सकते हैं। ये निर्धारित कर सकते हैं कि कहां से खर्चों को कम करना है या उस पर लगाम लगाना है आदि। इस तरह एक लिस्ट बनाएं कि आप प्रति माह किन सामानों पर कितना खर्च कर रहे हैं।

समाधान- खर्चों का हिसाब रखने के लिए आप मोबाइल बजट ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन ऐप की मदद से आप विभिन्न कैटेगरी में कितना खर्च कर रहे हैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकते हैं। जैसे शॉपिंग पर कितना खर्च हो रहा, आप खाने-पीने पर कितना खर्च करते हैं आदि। इस जानकारी के माध्यम से आप अपनी जरूरत अनुसार कटौती कर सकते हैं।

2. मंथली इनकम से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का बिल आना

अगर आपके मंथली सैलरी से अधिक आपके क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तो इससे पता चलता है कि आप क्रेडिट कार्ड का लापरवाही से इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर ऐसा ही कुछ महीनों के लिए चलता रहा तो आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। क्योंकि क्रेडिट कार्ड बिल का समय से भुगतान न करने पर बकाया बिल का बोझ तो बढ़ता ही, नए ट्रांजेक्शन समेत बकाया राशि पर भारी भरकम पेनल्टी भी भरनी पड़ती है।

समाधान- अपने क्रेडिट कार्ड से उतना ही खर्च करें जितना आप अपनी सैलरी से आसानी से भुगतान कर सकें। और हां, अपनी पूरी सैलरी क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट पर ही खर्च न करें बल्कि कुछ पैसे इंरजेंसी फंड और अन्य कामों के लिए भी बचाएं।

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3. बजट को फॉलो न करना

बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए बजट बनाना जरूरी है। लेकिन उससे भी जरूरी है बनाएं हुए बजट को फॉलो करना। अगर आपके खर्चे बजट के अनुरुप नहीं हो रहे हैं इसका मतलब है कि आप जरूरत से अधिक खर्च कर रहे हैं। क्योंकि आमतौर पर बजट में जरूरी खर्चों के अलावा विभिन्न खर्चों के लिए भी एक निश्चित राशि तय रखते हैं। अगर आप गैर-जरूरी सामानों की कैटेगरी पर अधिक खर्च करते हैं तो आपके आवश्यक भुगतानों पर इसका असर पड़ेगा, या फिर इसके भुगतान के लिए आपको क्रेडिट कार्ड का सहारा लेना पड़ सकता है।

समाधान- बनाएं हुए बजट को सख्ती से फॉलो करें। विभिन्न खर्चों के लिए जितनी राशि निर्धारित की है उतना ही खर्च करें।

4. इनकम के साथ खर्च का बढ़ना

आपके खर्चों का आपकी इनकम के साथ बढ़ना स्वाभाविक है। लेकिन अधिक पैसे होने का ये मतलब नहीं कि अधिक खर्च करने लग जाएं। बल्कि बचत और निवेश को बढ़ाना चाहिए। अगर आप हर बार अपनी बढ़ती सैलरी के साथ अपने खर्चों को बढ़ा रहे हैं तो आपको एक कदम पीछे हटकर अपने खर्च पैटर्न पर गौर करने की आवश्यकता है।

समाधान- अपने बढ़ते खर्च को कम करने के लिए आप शॉर्ट टर्म गोल निर्धारित कर सकते हैं। जैसे- अगले 15 दिनों तक 5,000 रु. से अधिक कीमत वाला कोई सामान न खरीदना, 2 सप्ताह तक बाहर से खाना न मंगवाना आदि। अगर आप यूपीआई से पेमेंट कर रहे हैं तो कुछ दिन के अपनी जरूरी खर्चों के लिए कैश रखना शुरू कर दें।

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5. क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो का अधिक होना

क्रेडिट कार्ड आपकी पर्चेजिंग पावर को बढ़ाता है। अगर आप अपने कार्ड के बिल का समय से भुगतान करने में सक्षम हैं तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन आपके पास कई कार्ड हैं और आप प्रत्येक कार्ड का 90% से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये एक साइन है कि आप अधिकखर्च कर रहे हैं। इन खर्चों के लिए पूरी तरह से क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हैं। क्रेडिट कार्ड के ज्यादा इस्तेमाल से न केवल क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (सीयूआर) बढे़गा और क्रेडिट स्कोर कम होगा बल्कि समय पर अपना बकाया चुकाना भी मुश्किल हो सकता है।

समाधान- क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कम करने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से क्रेडिट कार्ड को अनलिंक्ड करें। ऐसा करने से पेमेंट का काम थोड़ा मुश्किल हो सकता और हो सकता है कि फिर आप शॉपिंग के लिए उस प्लेटफॉर्म पर जाना कम कर दें।

निष्कर्ष

अपने अधिकखर्च करने की आदतों के बारे में जानने के बाद उसके समाधान पर काम करें। हालांकि आदतें एक रात में नहीं बदलती लेकिन धीरे-धीरे सुधार हो सकता है। छोटे-छोटे वित्तीय गोल निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने की कोशिश करें। इसके अलावा उपरोक्त बताएं गए तरीकों को अप्लाई करें।

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