अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर किसी के पास एक मज़बूत फाइनेंशियल प्लान का होना बहुत ज़रूरी है। लेकिन कई लोग कम ज्ञान और अनुभवहीनता के कारण फाइनेंशियल प्लानिंग में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनका खामयाज़ा उन्हें भविष्य में उठाना पढ़ता है। आप ऐसी गलतियां न दोहराएं उसके लिए नीचे दी हुई इन फाइनेंशियल मिस्टेक को करने से बचें:
बजट न बनाना या उसे फॉलो न करना
हम कितना कमाते हैं और कितना खर्च कर रहे हैं, इसका हिसाब-किताब ही बजट कहलाता है। कई बार बजट न बनाने के चलते हम जरूरत से ज्यादा खर्च कर जाते हैं। जबकि बजट के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे लिए क्या जरूरी है और हम उस पर कितना खर्च कर सकते हैं। इस तरह बजट हमारे कमाई और खर्च के बीच तालमेल बैठाते हुए, हमें सेविंग करने में मदद करता है।
समय के साथ इमरजेंसी फंड न बढ़ाना
इमरजेंसी फंड आपके आपातकालीन वित्तीय समस्याओं जैसे-बीमारी, नौकरी चले जाना आदि पर आपके जरूरी खर्चों को पूरा करने में मददगार होता है। इसलिए एक इमरजेंसी फंड बनाएं और समय के साथ उसकी राशि भी बढ़ाएं। इस फंड में इतनी राशि जरूर रखें कि वह कम से कम 6 महीनों तक आपके जरूरी खर्चों जैसे- राशन, बिजली बिल, मेडिकल बिल, आदि को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो। अगर आपका कोई लोन चल रहा है या आगे जाकर आप लोन लेने का प्लान कर रहे हैं तो उसकी कम से कम चंद महीनों की EMI को अपने इमरजेंसी फंड में शामिल करना न भुलें।
इमरजेंसी फंड होने से आपको आपातकालीन खर्चों से निपटने के लिए दूसरे सेविंग नहीं तोड़ने पड़ेंगे, जो आपने अन्य आर्थिक लक्ष्यों के लिए रखा है। इसके अलावा अपने इमरजेंसी फंड को ज्यादा ब्याज देने वाले सेविंग्स अकाउंट या एफडी अकाउंट में रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत निकाल सकें।
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पर्याप्त इंश्योरेंस कवर न खरीदना
किसी भी कामकाजी व्यक्ति के लिए अधिकतम टर्म इंश्योरेंस कवर उसकी वार्षिक आय के कम से कम 15 गुना के बराबर होना चाहिए। ज्यादातर लोग टर्म इंश्योरेंस को निवेश समझते हैं जिसके परिणामस्वरुप यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP), इंडोमेंट या कैश-बैक प्लान आदि में निवेश करते हैं। बिना ये सोचे कि ये इंश्योरेंस कवर कितना रिटर्न/प्रोटेक्शन देगा और किस कीमत पर। इसलिए जब भी लाइफ इंश्योरेंस कवर लेने की सोचे तो यह ध्यान रखें कि वह टर्म प्लान सिम्पल हो और आपको आपके परिवार को पर्याप्त कवर प्रदान करता हो।
इक्विटी में निवेश न करना
शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि अभी भी बहुत से लोग पारंपरिक निवेश जैसे- फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), पब्लिक प्रोविडेंड फंड (पीपीएफ) और स्मॉल सेविंग स्कीम्स में निवेश करने को ही तवज्जों देते हैं। लेकिन इन पारंपरिक निवेश पर मिलने वाला इंटरेस्ट रेट आज की बढ़ती महंगाई की तुलना में बहुत कम है। वहीं, शेयर मार्केट/इक्विटी और म्यूचुअल फंड में तुलनात्मक रुप से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है। इसलिए अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करने के लिए इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश को अनदेखा नहीं किया जा सकता। हालांकि शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिमों के अधीन है इसलिए अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम क्षमता को ध्यान में रख कर ही इसमें निवेश करें।