किसान विकास पत्र (KVP) छोटी राशि के निवेश पर डबल मुनाफा कमाने के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह इंडियन पोस्ट ऑफिस की एक सर्टिफिकेट स्कीम है। जो लगभग 9.5 साल यानी 115 महीने में एक बार के निवेश को दोगुना कर देता है। किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) के फायदे क्या हैं, ब्याज दरें कितनी है और क्या इस पर लोन मिल सकता है जैसे सवालों का जबाव इस लेख में जानेंगे:
किसान विकास पत्र क्या है?
किसान विकास पत्र एक स्मॉल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम है, जिसे भारत के किसी भी पोस्ट ऑफिस में या चुनिंदा पब्लिक सेक्टर बैंक में खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम का उद्देश्य लोगों को लॉन्ग टर्म निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना की निवेश अवधि 9.5 साल (115 महीने) है। स्कीम में एकमुश्त निवेश करने पर मैच्योरिटी पर निवेश राशि डबल मिलती है।
किसान विकास पत्र इंटरेस्ट रेट
इस स्कीम में न्यूनतम 1000 रु. और अधिकतम कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं। निवेश पर मिलने वाली ब्याज दरें 7.5% प्रति वर्ष (Q1 वित्त वर्ष 2024-25) है। जोकि आपके निवेश को 115 महीनों में डबल करने के लिए पर्याप्त है। हालांकि केवीपी स्कीम की ब्याज दरें वित्त मंत्रालय के आदेशानुसार बदली जा सकती है।
किसान विकास पत्र के प्रकार
किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है:
- सिंगल होल्डर सर्टिफिकेट- इस तरह का सर्टिफिकेट किसी वयस्क व्यक्ति या फिर नाबालिग के लिए जारी किया जाता है।
- जॉइंट ‘A’ सर्टिफिकेट- यह सर्टिफिकेट दो वयस्कों को जॉइंट रुप से दिया जाता है, जिसका लाभ दोनों को या फिर मैच्योरिटी तक जीवित रहने वाले व्यक्ति को दिया जाता है।
- जॉइंट ‘B’ सर्टिफिकेट- यह दो वयस्कों को जॉइंट रूप से दिया जाता है लेकिन भुगतान दोनों में से किसी एक को या फिर मैच्योरिटी तक जीवित रहने वाले सदस्य को किया जाता है।
किसान विकास पत्र के फायदे/विशेषताएं
किसान विकास पत्र में गारंटीड रिटर्न तो मिलता ही है, इसके अलावा इसकी अन्य फायदे व विशेषताएं निम्नलिखित प्रकार है:
- निश्चित रिटर्न- बाजार के उतार-चढ़ाव के इतर किसान विकास पत्र निवेशकों को गारंटीड रिटर्न देता है। यह मुख्य रुप से किसानों के निवेश के लिए बनाया गया था लेकिन बाद में सब के लिए खोल दिया गया।
- सुरक्षित निवेश- किसान विकास पत्र एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। मैच्योरिटी पूरी होनी पर ब्याज समेत मूल राशि निवेशक को प्रदान की जाती है।
- ब्याज दर- किसान विकास पत्र की वर्तमान ब्याज दरें (Kisan Vikas Patra Interest Rate 2024) 7.5% प्रति वर्ष है। इस पर कम्पाउंडिंग के तहत ब्याज कैलकुलेट किया जाता है। जिससे आपको आपके निवेश पर अधिक रिटर्न मिलता है।
- टैक्स बेनिफिट- केवीपी पर कर अधिनियम- 80C के तहत कोई टैक्स बेनिफिट नहीं दिया जाता। इंटरेस्ट इनकम पूरी तरह से टैक्सेबल है। जमा किए गए ब्याज पर हर साल 10% TDS काटा जाता है।
- प्री- मैच्योर निकासी नियम- किसान विकास पत्र की मैच्योरिटी अवधि 115 महीने है हालांकि इसका लॉक-इन पीरियड 30 महीने (2 साल और 6 महीने) है। अकाउंट होल्डर की मृत्यु या कोर्ट के आदेश से पहले खाते से पैसे नहीं निकाल सकते।
- केवीपी सर्टिफिकेट पर लोन- निवेशक इस सर्टिफिकेट को बैंक या एनबीएफसी में गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं। आमतौर पर ऐसे लोन की ब्याज दरें कम होती है।
- आसान और एफोर्डेबल निवेश विकल्प – इसमें निवेशक अपनी क्षमतानुसार 1,000 रु, 5,000 रु, 10,000 रु और 50,000 रु भी निवेश कर सकते हैं। हालांकि निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
- केवीपी पहचान स्लिप- इसमें किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट का सीरियल नंबर, राशि, मैच्योरिटी डेट और मैच्योरिटी पूरी होने पर मिलने वाली राशि अंकित होती है।
किसान विकास पत्र: ऑनलाइन आवेदन प्रोसेस
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया निम्नलिखित प्रकार है:
- इंडिया पोस्ट बेवसाइट पर जाएं और इंटरनेट बैंकिंग में लॉगिन करें।
- “किसान विकास पत्र” को सेलेक्ट करें और फॉर्म-A डाउनलोड करें। सभी आवश्यक जानकारी भरें।
- निवेश राशि, पेमेंट का तरीका और सर्टिफिकेट का प्रकार चुनें।
- नॉमिनेशन डिटेल्स भरें और केवाईसी डॉक्यूमेंट के साथ पोस्ट ऑफिस या बैंक में जमा कर दें।
- डॉक्यूमेंट वैरिफाई होने के बाद आप निवेश कर सकते हैं। निवेश करने के बाद आपको केवीपी सर्टिफिकेट मिलेगा। जिसे आपको संभालकर रखना है और मैच्योरिटी के समय जमा करना होगा। आप ई-मेल के जरिए भी सर्टिफिकेट मंगवा सकते हैं।
किसान विकास पत्र से संबंधित सवाल
किसान विकास पत्र हेल्पलाइन नंबर क्या है?
किसान विकास पत्र आवेदन करते समय किसी तरह की दिक्कत होने पर KVP कस्टमर केयर नंबर (Customer Care Number) – 1800 266 6868 पर कॉल कर सकते हैं।
क्या मैं केवीपी सर्टिफिकेट को पोस्ट ऑफिस से बैंक में ट्रांसफर कर सकता हूं?
हां, आप केवीपी सर्टिफिकेट को एक डाकघर/बैंक से दूसरे डाकघर/बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं। इसके लिए आपको पोस्ट ऑफिस/बैंक में जाकर फॉर्म-बी भरना होगा। जॉइंट सर्टिफिकेट के लिए फॉर्म पर होल्डर्स के सिग्नेचर होने चाहिए।
क्या किसान विकास पत्र मैच्योरिटी के बाद टैक्सेबल है?
हां, किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है। इंटरेस्ट इनकम पर 10% का टीडीएस काटा जाता है।
किसान विकास पत्र योग्यता शर्तें क्या हैं?
किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित योग्यता शर्तें होनी चाहिए:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
- कोई वयस्क किसी नाबालिग के बदले आवेदन कर सकता है
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और अनिवासी भारतीय (NRIs) केवीपी में निवेश करने के योग्य नहीं है।
क्या किसान विकास पत्र पर लोन ले सकते हैं?
आर्थिक ज़रूरत पड़ने पर आप एफडी को तोड़े बिना इस पर लोन ले सकते हैं। बैंक या एनबीएफसी डाकघर किसान विकास पत्र को गिरवी रखकर आपको लोन दे देंगे। आमतौर पर ऐसे लोन की ब्याज दरें कम होती है।
कितने महीनों में केवीपी का पैसा डबल हो सकता है?
किसान विकास पत्र में आपका निवेश 115 महीनों यानी 9.5 साल में डबल हो सकता है।
क्या किसान विकास पत्र टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है?
किसान विकास पत्र कर अधिनियम 80C के तहत कोई टैक्स बेनिफिट प्रदान नहीं करता। यानी इसमें निवेश करके आप सालाना 1.50 लाख रु. तक की बचत नहीं कर सकते हैं। बल्कि इस पर मिलने वाला इंटरेस्ट पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। जमा किए गए ब्याज पर हर साल 10% TDS काटा जाता है।
किसान विकास पत्र निकासी नियम क्या है?
किसान विकास पत्र की मैच्योरिटी अवधि 115 महीने है। हालांकि इसका लॉक-इन पीरियड 30 महीने (2 साल और 6 महीने) है। किसान विकास पत्र के निकासी नियम (Kisan Vikash Patra Withdrawal Rule) अनुसार अकाउंट होल्डर की मृत्यु या कोर्ट के आदेश से पहले खाते से पैसे नहीं निकाला जा सकता है।