सोना सिर्फ आपके पहनने के ही नहीं बल्कि इमरजेंसी के वक्त भी काम आता है। आज भी कई ऐसे लोग हैं जो सोना सिर्फ इसलिए खरीदते हैं जिससे वे मुश्किल वक्त में इसका इस्तेमाल कर सकें। अचानक कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाए, बिज़नेस संबंधित ज़रूरत हो, शादी या बच्चों की फीस भरनी हो। ज़रूरत चाहे कोई भी हो इसे पूरा करने के लिए गोल्ड लोन लिया जा सकता है।
गोल्ड लोन कैसे मिलता है?
गोल्ड लोन एक तरह का सिक्योर्ड लोन है जिसे किसी बैंक या NBFC से आप अपने सोने को गिरवी रखकर ले सकते हैं। कोई भी कस्टमर सोने के गहनों या शुद्ध सोने के सिक्कों को बैंक/NBFC में गिरवी रखकर लोन प्राप्त कर सकता है। अधिकतर बैंकों में 18 से 75 साल तक की उम्र के लोगों को लोन दिया जाता है, कुछ बैंकों में न्यूनतम और अधितकतम उम्र अलग-अलग हो सकती हैं। इसके साथ ही, RBI के नियमों के मुताबिक, गोल्ड लोन के लिए सोने के सिक्के की प्योरिटी 99.9% होनी चाहिए और उसका वजन (प्रति व्यक्ति) 50 ग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
बैंक गोल्ड लोन देने से पहले कस्टमर की योग्यता को कई कारकों के आधार पर आंकते हैं, जिनमें कस्टमर की उम्र, पेशा, सोने का वजन और प्योरिटी शामिल है। इसी तरह, आपको कितनी राशि तक का गोल्ड लोन मिलेगा यह सोने की शुद्धता, भार, मौजूदा मार्केट रेट और लोन देने वाले बैंक/NBFC पर निर्भर करता है। गोल्ड लोन की राशि को निर्धारित करने में LTV रेश्यो भी एक महत्वपूर्ण कारक है, जो कि एक बैंक से दूसरे में अलग होता है। वैसे तो, आरबीआई के डायरेक्टिव के मुताबिक अधिकतम लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो 90% है। हालांकि, अलग-अलग बैंकों में इसकी लिमिटी भिन्न होती है।
इसके साथ ही, गोल्ड लोन के मामले में बैंक और NBFC आपके क्रेडिट स्कोर व क्रेडिट हिस्ट्री पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, ऐसे में जिन लोगों को कम क्रेडिट स्कोर की वजह से लोन नहीं मिल रहा, वे गोल्ड लोन का लाभ उठा सकते हैं। अन्य सभी लोन की तरह ही गोल्ड लोन पर भी कस्टमर को ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। ये ब्याज दरें एक बैंक/NBFC से दूसरे में अलग होती हैं।
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गोल्ड लोन का भुगतान कैसे कर सकते हैं?
गोल्ड लोन को चुकाने के लिए कस्टमर्स को कई विकल्प दिए जाते हैं। ग्राहक चाहे तो एकमुश्त लोन का भुगतान कर सकता है या फिर ईएमआई के रूप में लोन को चुका सकता है। इन विकल्पों को बुलेट रिपेमेंट ऑप्शन और EMI-बेस्ड ऑप्शन के नाम से भी जाना जाता है:-
- बुलेट रिपेमेंट ऑप्शन: इस विकल्प के तहत लोन की अवधि पूरी होने पर एक बार में लोन राशि और ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
- EMI-बेस्ड ऑप्शन: इसमें कस्टमर हर महीने ईएमआई भरकर लोन का भुगतान करता है। वहीं कई बैंक कस्टमर्स को ईएमआई के रूप में ब्याज का भुगतान करने और मैच्योरिटी में लोन की मूलराशि का भुगतान करने का विकल्प प्रदान करते हैं।
इसके अलावा अगर आप लोन का भुगतान समय से पहले करते हैं तो उस पर फोरक्लोज़र या प्रीपेमेंट चार्ज़ेस लिए जा सकते हैं। यह चार्ज़ेस एक बैंक से दूसरे में अलग हो सकते हैं।
गोल्ड लोन नहीं चुका पाते तो क्या होगा?
कोई भी लोन लेने के बाद पूरी जिम्मेदारी के साथ उसका भुगतान किया जाना चाहिए। अगर गोल्ड लोन लेने वाला ग्राहक लोन के भुगतान में देरी करता है या भुगतान नहीं करता तो उसे नुकसान झेलना पड़ सकता है। लोन न चुकाने पर बैंक ग्राहक को ईमेल या मैसेज के माध्यम से रिमांइडर भेजकर लोन का भुगतान करने के लिए कहते हैं। एक तय तारीख के बाद से बकाया राशि पर पेनल्टी लगाई जाएगी और यह पेनल्टी तब तक लगाई जाती है, जब तक कस्टमर ईएमआई का भुगतान नहीं करता। अगर रिमाइंडर भेजने के बावजूद लोन नहीं चुकाया जाता तो बैंक के पास गिरवी रखे गए सोने को बेचने या उसकी निलामी करने का अधिकार होता है।
गोल्ड लोन लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
अगर आप गोल्ड लोन लेने की प्लानिंग कर रहें हैं तो उससे पहले नीचे बताई गई बातों पर विचार-विमर्श ज़रूर कर लें, जिससे आगे चलकर आपको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े:-
- गोल्ड प्योरिटी: गोल्ड लोन में सोने की शुद्धता काफी मायने रखती है, क्योंकि इसी के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। वैसे तो विभिन्न बैंक/NBFC में इसे लेकर अलग-अलग नियम व शर्तें होती हैं, लेकिन लोन लेने के लिए सोना 18 कैरेट या उससे अधिक का होना चाहिए।
- इस बात का ध्यान रखें कि गोल्ड लोन सिर्फ सोने के बदले दिया जाता है। ऐसे में कई बैंक सोने की वैल्यू निर्धारित करते समय गहनों पर लगे हीरे या मोतियों को शामिल नहीं करते। इतना ही नहीं गोल्ड लोन लेने के लिए ज्वेलरी कैसी होनी चाहिए, इसे लेकर भी कई नियम और शर्तें हैं, जैसे कोटक महिंद्रा बैंक सोने की मूर्ती, बर्तन, घड़ी, कफलिंग, हेयर पिन आदि के बदले गोल्ड लोन नहीं देता। इसके अलावा बैंक गोल्ड बार (Gold Bar) के बदले भी लोन नहीं देते।
- ब्याज दरों की तुलना: हर बैंक और NBFC की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं, ऐसे में किसी भी बैंक से गोल्ड लोन लेने से पहले ब्याज दरों की तुलना कर लें। जिस बैंक से आपको कम ब्याज दरों और बेहतर शर्तों पर लोन मिल रहा है वहां आवेदन करें।
- लोन के भुगतान के विकल्प: लोन लेने से पहले उसके पेमेंट के विभिन्न विकल्पों के बारे में जान लें। मासिक तौर पर लोन का भुगतान कर सकते हैं तो EMI-बेस्ड ऑप्शन चुनें। लेकिन अगर पैसों की कमी है या आप वर्तमान में ईएमआई भरने में सक्षम नहीं हैं, पर आगे चलकर एकमुश्त पैसा दे सकते हैं तो बुलेट रिपेमेंट ऑप्शन चुनें। आप गोल्ड लोन ईएमआई कैलकुलेटर की मदद से भी लोन की ब्याज दरों और अवधि के आधार पर मासिक ईएमआई का पता लगा सकते हैं।
- गोल्ड लोन के लिए हमेशा विश्वसनीय बैंक और NBFC में आवेदन करें। कभी भी ज्वेलरी शॉप और छोटे-मोटे दुकानों से गोल्ड लोन न लें। क्योंकि इनसे लोन लेने पर धोखाधड़ी की अधिक संभावना होती है।