अपना घर हर किसी का सपना होता है, कई लोग इस सपने को होम लोन की मदद से पूरा करते हैं। हालांकि होम लोन आवेदन प्रक्रिया के बारे में सही जानकारी न होने पर यह प्रोसेस आपको कठिन लग सकता है। इसलिए आवेदन से पहले होम लोन प्रोसेस के बारे में जान लें, ताकि बिना किसी परेशानी के आप लोन ले सकें। तो चलिए लेख में जानते हैं कि home loan kaise milta hai और इसकी प्रक्रिया क्या है।
होम लोन कैसे मिलता है?
होम लोन के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। लेकिन ऑफलाइन की तुलना में ऑनलाइन home loan ki prakriya न सिर्फ आसान है बल्कि तुरंत पूरी होने वाली प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में कुछ स्टेप्स शामिल है, जो डिटेल में नीचे समझाए गए हैं।
- लोन एप्लीकेशन
- डॉक्यूमेंटेशन
- प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन
- सेंक्शन लेटर
- सिक्योर पेमेंट फीस
- प्रॉपर्टी वैरिफिकेशन और कानूनी जांच
- लोन डिस्बर्सल
होम लोन एप्लीकेशन प्रोसेस
होम लोन प्रोसेस एप्लीकेशन फॉर्म भरने और केवाईसी दस्तावेज़ जमा करने से शुरू होता है। KYC डॉक्यूमेंट में नाम, इनकम का सबूत, प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज़, कॉन्टेक्ट डिटेल्स और अगर कोई को-एप्लीकेंट है तो उसके सिग्नेचर आदि की आवश्यकता होती है। हालांकि सलाह दी जाती है कि किसी बैंक या एचएफसी में होम लोन आवेदन करने से पहले ऑनलाइन मार्केटप्लेस जैसे पैसाबाज़ार से विभिन्न बैंकों द्वारा ऑफर की जाने वाली ब्याज दरें और प्रोसेसिंग फीस की तुलना कर लें। इसके बाद अपने लिए बेहतर होम लोन चुनें।
होम लोन के लिए डाक्यूमेंट्स
बेसिक जानकारी भरने के बाद आपको वेरिफिकेशन के लिए निम्नलिखित होम लोन डाक्यूमेंट्स जमा करना होता है। इन् दस्तावेजों को जमा करने के बाद होम लोन का प्रोसेस आगे बढ़ता है।
- पहचान प्रमाण – पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस
- एड्रेस प्रूफ – कोई भी यूटिलिटी बिल जैसे बिजली बिल, पानी बिल, आदि की कॉपी हो सकती है।
- पिछले तीन महीने की सैलरी स्लिप और नौकरी करने का सबूत
- पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- फॉर्म 16
नोट – अगर आप कोई गैर-नौकरीपेशा है तो आपको पिछले 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और अन्य इनकम से संबंधित दस्तावेज देने होंगे।
होम लोन प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन
होम लोन आवेदन फॉर्म भरने के साथ संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद से ही बैंक या एचएफसी होम लोन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। बैंक आवेदक द्वारा दिए गए सभी दस्तावेजों को वैरिफाई करता है। इस सिलसिले में बैंक आपके घर या ऑफिस भी जा सकता है। इसके बाद बैंक एक उधारकर्ता के रुप में आपकी क्रेडिटवर्थनेस को चेक करता है। जिसके लिए वह आवेदक के क्रेडिट स्कोर को चेक करता है।
इसलिए होम लोन प्रक्रिया शुरू होने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर जरूर चेक कर लें। अगर क्रेडिट स्कोर कम हो तो उसमें सुधार करें। क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के तरीकों के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें। अगर आपके सभी डॉक्यूमेंट सही पाएं जाते हैं और क्रेडिट स्कोर भी अच्छा (700 या उससे अधिक) होता है तो आपके होम लोन के प्रोसेस होने की पूरी उम्मीद होती है।
होम लोन सेंक्शन लेटर
होम लोन आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद बैंक आपको एक सेंक्शन लेटर भेजता है। यह लेटर इस बात का सबूत है कि बैंक ने आपके होम लोन आवेदन को मंजूरी दे दी है। इस लेटर में निम्नलिखित जरूरी डिटेल्स दिए हुए होते हैं:
- आपको कितनी लोन राशि लेने के योग्य हैं
- आपको दिए गए होम लोन का ब्याज दर
- इंटरेस्ट रेट फिक्स्ड है या फ्लोटिंग है
- लोन रिपेमेंट की अवधि कितनी है
- लोन रिपेमेंट से संबंधित नियम व शर्तें क्या हैं
आइए समझते हैं फिक्स्ड और फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट क्या होता है। लोन लेते समय बैंक जिस दर पर लोन देता है उसे फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट कहते हैं। इस पर रेपो रेट का कोई असर नहीं पड़ता। दूसरी तरह फ्लोटिंग इंटेरेस्ट रेट रेपो रेट से लिंक होता है। यानी रेपो रेट का सीधा असर फ्लोटिंग इंटेरेस्ट रेट पर पड़ता है।
रेपो रेट के बढ़ने या घटने से होम लोन की ब्याज दरें भी बढ़ती और घटती है। सेंक्शन लेटर में दी गई सभी जानकारियों को ध्यान से पढ़ने के बाद इस पर सिग्नेचर करना होता है और फिर इसे बैंक को वापस लौटाना होता है। इस लेटर के मिलने के बाद ही बैंक होम लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है।
होम लोन सिक्योर फीस पेमेंट
सेंक्शन लेटर पर सिग्नेचर करने के बाद आवेदक को वन-टाइम सिक्योर पेमेंट फीस का भुगतान करना होता है। बैंक आपसे होम लोन मंजूरी से पहले या बाद में शुल्क का भुगतान करने के लिए कह सकता है।
होम लोन प्रॉपर्टी वैरिफिकेशन और कानूनी जांच
होम लोन प्रोसेस करने से पहले बैंक प्रॉपर्टी की लीगल और टेक्निकल चेकिंग करता है। जैसे आपने जिस प्रॉपर्टी के लिए लोन आवेदन किया है वह संपत्ति आपकी है या नहीं, उसमें कोई कानूनी दिक्कत तो नहीं, आवेदक ने जो प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट दिए हैं वो सही है या नहीं। इसके अलावा बैंक प्रॉपर्टी की वर्तमान और रिसेल वैल्यू भी पता करते हैं। अगर संपत्ति निर्माणाधीन है तो उसके काम की क्वालिटी चेक की जाती है। अगर प्रॉपर्टी रिसेल है तो उसकी रख-रखाव चेक किया जाता है।
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होम लोन डिस्बर्सल
लीगल और टेक्निकल चेकिंग में सब कुछ सही पाने जाने पर बैंक होम लोन आवेदन की मंजूरी दे देता है और आवेदक को एक फाइनल एग्रीमेंट लेटर दिया जाता है। बने बनाएं घर या फ्लैट खरीदने के लिए बैंक एकमुश्त लोन राशि प्रदान करता है। जबकि घर बनने के मामले में बैंक निर्माण कार्य के हिसाब से लोन राशि देता है। लोन राशि के फाइनल डिस्बर्सल तक उधारकर्ताओं को प्री-ईएमआई ब्याज का भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें उधारकर्ता को मिले हुए लोन राशि के आधार पर प्रति माह ईएमआई का भुगतान करना होता है।
नोट- ऊपर बताए गए होम लोन प्रोसेस एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकता है।
होम लोन प्रोसेस से संबंधित सवाल
होम लोन लेने का प्रोसेस क्या है?
होम लोन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। हालांकि ऑफलाइन की तुलना में ऑनलाइन होम लोन आवेदन की प्रक्रिया आसान और तुरंत पूरी होने वाली होती है। ऑनलाइन होम लोन आवेदन की प्रक्रिया में कई स्टेप्स शामिल होते हैं जैसे लोन एप्लीकेशन, डॉक्यूमेंट्शन, प्रोसेसिंग और वैरिफिकेशन, सेंक्शन लेटर, सिक्योर पेमेंट फीस, प्रॉपर्टी वैरिफिकेशन व कानूनी जांच और लोन डिस्बर्सल।
होम लोन आवेदन मंजूरी में कितना समय लगता है?
आमतौर पर होम लोन आवेदन की मंजूरी में 2 से 4 सप्ताह का समय लगता है। हालांकि ये समय एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग-अलग हो सकता है। प्री-अप्रूव्ड होम लोन के मामले में, प्रोसेसिंग समय कम होता है क्योंकि वह आमतौर पर ऐसे ग्राहकों को ऑफर किया जाता है जो पहले से लोन आवेदन की योग्यता शर्तों को पूरा करते हैं।
होम लोन फुल डिस्बर्समेंट क्या होता है?
किसी आवेदक को जितनी होम लोन राशि सेंक्शन हुई है उस पूरे लोन राशि को एक बार में ही कोई तैयार प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ले लेना, होम लोन फुल डिस्बर्समेंट (Home Loan Full Disbursement) कहलाता है। इसका मतलब यह है कि लोन संस्थान चेक के माध्यम से लोन राशि का पूर्ण भुगतान कर देता है।
होम लोन पार्शल डिस्बर्समेंट क्या है?
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के मामले में, जैसे-जैसे घर बनता जाता है वैसे-वैसे लोन राशि आपको मिलती रहती है। इसे होम लोन पार्शल डिस्बर्समेंट (Home Loan Partial Disbursement) कहते हैं।
होम लोन सेंक्शन लेटर क्या होता है?
होम लोन सेंक्शन लेटर बैंक व एनबीएफसी द्वारा योग्य आवेदकों के लोन मंजूरी पर दिया जाता है। इस लेटर में लोन राशि, ब्याज दर, टैन्योर, रिपेमेंट शेड्यूल, रिपेमेंट चार्जेस, सिक्योरिटी या कोलैटरल और अन्य नियम व शर्तें दी हुई रहती।
होम लोन प्री-पेमेंट क्या है?
लोन रिपेमेंट के लिए जितनी समयावधि मिली है उससे पहले लोन का भुगतान करना, लोन प्रीपेमेंट कहलाता है। प्रीपेमेंट आंशिक या फुल कर सकते हैं। हालांकि ध्यान रखें कि बैंक या एनबीएफसी लोन रिपेमेंट के लिए कुछ चार्जेस ले सकते हैं।