रमेश और उनकी पत्नी काफी समय से अपने घर के रेनोवेशन (Home Renovation) के लिए विचार कर रहें है। उनके लिए यह खर्च बड़े खर्चों में से एक हैं जिसके लिए उनके पास पर्याप्त धन नहीं है। काफी विचार करने के बाद रमेश और उनकी पत्नी ने यह फैसला किया कि वह होम रेनोवेशन के लिए लोन का सहारा लेंगे। पर उन्हें अपने घर को रेनोवेट करने के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए या होम लोन? कौन सा लोन उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर सकेगा? ब्याज दरें क्या होगी? लोन राशि और अपनी रिपेमेंट क्षमता जैसे कई सवाल हैं जो उनको परेशान कर रहें है। रमेश और उनकी पत्नी के इन्ही सवालों का जवाब आज हम इस लेख की मदद से देने वाले है, जिसके बाद उनको अपने घर के रेनोवेशन के लिए कौन से लोन का चुनाव करना चाहिए यह पता चल जाएगा…
ब्याज दर
अधिकांश बैंक और NBFC के द्वारा घर के रेनोवेशन के लिए प्राइवेट सेक्टर बैंक आमतौर पर 10.49% प्रति वर्ष से शुरू होने वाली ब्याज दरों पर पर्सनल लोन की पेशकश करते हैं, जबकि कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक अपनी पर्सनल लोन स्कीम पर कम ब्याज दरों को प्रदान करते हैं। दूसरी तरफ बैंक और HFC आमतौर पर होम रेनोवेशन पर 8.40% प्रति वर्ष से शुरू होने वाली ब्याज दरों पर होम लोन देते हैं।
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लोन अवधि
होम रेनोवेशन के लिए पर्सनल की पेशकश करने वाले बैंक और NBFC द्वारा तय लोन अवधि 5 वर्ष तक हो सकती है। हालांकि, कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक 7 साल तक की अवधि की पेशकश कर सकते हैं। इसके अलावा, कई बैंक अलग से होम रेनोवेशन लोन देते हैं जो 20 साल तक की रीपेमेंट अवधि प्रदान करते हैं। वहीं बैंक/एचएफसी 30 वर्ष तक की अवधि के लिए होम रेनोवेशन लोन देते हैं।
जो लोग कम रीपेमेंट अवधि की तलाश में हैं वह घर के रेनोवेशन के लिए पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, इससे आपकी लोन ईएमआई अधिक हो जाती है। ठीक वैसे ही लोन अवधि ज्यादा होने पर आपकी ईएमआई तो कम होती हैं पर आपके लोन की इंटरेस्ट कॉस्ट अधिक हो जाती है।
इसलिए, यदि आपको ज्यादा पैसों की जरूरत हैं, तो रेनोवेशन के लिए होम लोन का विकल्प चुन सकते हैं, क्योंकि ज्यादा अवधि के कारण ईएमआई का बोझ कम होता है, जबकि कम राशि चाहने वालों को अपनी लोन की इंटरेस्ट कॉस्ट को कम करने के लिए होम रेनोवेशन के लिए पर्सनल लोन का लाभ उठाना चाहिए।
लोन की राशि
पर्सनल लोन के मामले में बैंक आमतौर पर होम रेनोवेशन के लिए 40 लाख रुपये तक की लोन राशि प्रदान करता हैं। कुछ बैंक अधिक लोन राशि ऑफर कर सकते हैं। बैंक और NBFC अपने आवेदकों के लिए उनकी मासिक आय, रीपेमेंट क्षमता आदि के आधार पर लोन राशि तय करता है।
होम लोन मामले में, बैंक और HFC आवेदक की रीपेमेंट क्षमता, क्रेडिट स्कोर, मासिक इनकम, लोन राशि, लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो, जॉब प्रोफ़ाइल और नियोक्ता/ कंपनी की प्रोफ़ाइल आदि के आधार पर लोन राशि तय करते हैं। लोन-टू-वैल्यू (LTV) लोन की राशि का वह रेश्यो होता है, जो प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू पर दिया जा सकता है।
एलटीवी पर आरबीआई के दिशानिर्देश अनुसार 30 लाख रुपये तक की लोन राशि के लिए 90% तक, 30 लाख रुपये से अधिक और 75 लाख रुपये तक की लोन राशि के लिए 80% तक और 75 लाख रुपये से अधिक के होम लोन के लिए 75% एलटीवी तक मिल सकती हैं। ज्यादा एलटीवी का मतलब है कि आपको ईएमआई के जरिए बैंक को ज्यादा राशि चुकानी होगी। अगर आपके पास डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त राशि है तो कम लोन के विकल्प को चुनें, क्योंकि इसे चुकाने में आपको आसानी होगी।
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कोलैटरल/सिक्योरिटी
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन हैं इसलिए घर के रेनोवेशन के लिए आपको कोई भी कोलैटरल/सिक्योरिटी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरी ओर, यदि आप रेनोवेशन के लिए होम लोन लेना चाहते है तो अपनी प्रॉपर्टी या खरीदी गई नई प्रॉपर्टी को बैंक या HFC को सिक्योरिटी के रूप में गिरवी रखना होगा।
लोन डिस्बर्सल
होम लोन के मामले में लोन डिस्बर्सल और लोन मिलने की प्रक्रिया में आमतौर पर अधिक समय लगता है क्योंकि इसमें सिक्योरिटी के रूप में गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी की सही तरीके से जांच की जाती हैं। इसकी तुलना में, पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होने के कारण जल्द लोन डिस्बर्स हो जाता है। कई बैंकों/एनबीएफसी द्वारा अपनी लोन ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को 100% डिजिटल बनाने से, पर्सनल लोन के लिए डिस्बर्सल प्रक्रिया तेज और अधिक कुशल हो गई है। परिणामस्वरूप, कई बैंक लोन आवेदन के कुछ घंटों के भीतर नए आवेदकों को पर्सनल लोन देने का दावा करते हैं। इसलिए, होम रेनोवेशन के लिए जल्द पैसों की जरूरत पड़ने पर आप पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकते है।
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निष्कर्ष
नया घर खरीदने या घर की रेनोवेशन अक्सर मंहगी साबित हो सकती हैं। जिसके लिए ज्यादा राशि की आवश्यकता होती है। एक लोन आपको उन लागतों को कवर करने में मदद कर सकता है। पर लोन का चुनाव आपको हमेशा अपनी आवश्यकताओं, ब्याज दर, लोन राशि और अपनी रिपेमेंट क्षमता जैसे कारकों को ध्यान में रखकर करना चाहिए।