33 साल के हरीश सिंह ने 8.40% की ब्याज दर पर 35 लाख रुपये का होम लोन लिया जिसकी अवधि 20 साल है और वह 30.152 रुपये की मासिक ईएमआई का भुगतान करते हैं। हर महीने उनकी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा लोन के भुगतान में जाता है। इसके चलते हरीश को अफसोस है कि वह अपने परिवार के साथ घूमने का प्लान, नई कार खरीदने जैसे अपने कई सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में किसी ने उन्हें होम लोन प्रीपेमेंट की सलाह दी। पर हरीश को यह विकल्प को चुनने से पहले, इसके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना आवश्यक है। तो आइए होम लोन प्रीपेमेंट (Home Loan Prepayment) के फायदे और नुकसान के बारे में और जानते है।
होम लोन प्रीपेमेंट क्या होता है?
होम लोन अवधि पूरी होने से पहले बकाया मूल राशि का पेमेंट करना, होम लोन प्रीपेमेंट कहलाता है। आप अपनी वित्तीय क्षमता के आधार पर पूरा भुगतान (फोरक्लोजर पेमेंट) या आंशिक भुगतान (पार्ट प्रीपेमेंट) कर सकते है।
सकारत्मक प्रभाव:
कम ब्याज का भुगतान करना होगा
जल्दी होम लोन चुकौती का एक मुख्य लाभ यह है कि आप ब्याज की राशि पर बचत करते हैं। अब आप सोच रहें होंगे कैसे? वो ऐसे यदि आप अपने लोन की बकाया राशि का भुगतान जल्दी कर देते हैं, तो आपको केवल उस अवधि तक का ब्याज भुगतान करना होगा जबतक आप होम लोन नहीं चूका देते। पुनर्भुगतान अवधि जितनी लंबी होगी, कुल मिलाकर उतना अधिक ब्याज देना होगा। आपको इस पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि यदि आपके पास छोटी पुनर्भुगतान योजना है तो यह आपको ब्याज भुगतान पर बड़ी बचत कर सकते हैं।
हरीश ने 8.40% की ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए 35 लाख रुपये का होम लोन लिया है। होम लोन की ईएमआई 30,152 रुपये बनती है। 12 महीने के बाद 5 लाख का भुगतान करने से ईएमआई अवधि 64 महीने कम हो गई परिणामस्वरुप हरीश ने लगभग 14,53,700 रूपये तक का ब्याज बचाया है।
ये भी पढ़ें: रिवर्स मॉर्गेज लोन हो सकता है आपके बुढ़ापे का हेल्पिंग हैं
फ्लोटिंग ब्याज दरों पर नहीं देना होगा प्रीपेमेंट शुल्क
ऐसी ब्याज दर जो मार्किट के अनुसार बदलती रहती है, उसे फ्लोटिंग ब्याज दर कहा जाता है। जबकि फिक्स्ड ब्याज दरें तय होती हैं और भारतीय वित्तीय बाजार के उतार-चढ़ाव या बदलाव होने पर भी इसमें बदलाव नहीं होता हैं। फिक्स्ड ब्याज दरें फ्लोटिंग ब्याज दरों से 1%-2.5% अधिक होती हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने सभी बैंक और लोन संस्थानों को फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लिए गए होम लोन के प्रीपेमेंट पर कोई भी शुल्क लेने से मना कर दिया है। हालांकि, निश्चित ब्याज दरों पर होम लोन लेने वाले ग्राहक के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है।
वित्तीय स्वतंत्रता
व्यक्ति अक्सर अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति को लेकर तनावग्रस्त है। यह कहना सही होगा कि इस वित्तीय तनाव का अधिकांश हिस्सा कर्ज/लोन से आता है। होम लोन को जल्दी खत्म करने से आपको मानसिक शांति मिल सकती है। जल्दी लोन का भुगतान आपको वित्तीय स्वतंत्रता भी प्रदान करता है। अपने लोन का पूरा भुगतान करना मतलब लोन भुगतान के बोझ से छुटकारा पाना।
ये भी पढ़ें: पर्सनल लोन का प्री-पेमेंट करते समय इन बातों का रखें ध्यान
नकारत्मक प्रभाव:
देना हो सकता है प्रीपेमेंट शुल्क
जब आप अपना घर खरीदने के लिए लोन का समय से पहले भुगतान करने का निर्णय लेते हैं तो आपको इसपर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। क्योंकि अधिकांश बैंक और हाउसिंग फाइनेंस होम लोन की बकाया मूल राशि का 2% से 4% के बीच प्रीपेमेंट जुर्माना लेते हैं।
टैक्स में नहीं मिलेगी कोई राहत
जब आप होम लोन समय से पहले चुका देते हैं तो यह सबसे बड़े नुकसानों में से एक हो सकता है। पहले से बने घर के लिए, ब्याज पर हर वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती उपलब्ध है। पहली बार घर खरीदने वालों के मामले में, ब्याज पर 50000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है। पर यदि आप होम लोन की प्रीपेमेंट करते है तो आप धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती से चूक सकते हैं क्योंकि ये टैक्स लाभ पूर्वभुगतान के मामले में मान्य नहीं है।
ये भी पढ़ें: जानें होम लोन इंश्योरेंस क्या है और इसे करवाना क्यों ज़रूरी है?
आपकी बचत पर पड़ेगा नकारत्मक असर
हर महीने अतिरिक्त भुगतान करना या अपने लोन को जल्दी चुकाने के चक्कर में एक बार में बड़ी राशि का एकमुश्त भुगतान करने के लिए हम इमरजेंसी फंड और अपनी बचत का भी इस्तेमाल कर देते है। यह सबसे बड़ी गलती हो सकती है क्योंकि यह कदम आपके वित्तीय तनाव का कारण भी बन सकता है। होम लोन प्रीपेमेंट के लिए आप उस पैसे का भी उपयोग कर सकते हैं जिसे किसी निश्चित उद्देश्य के लिए अलग नहीं रखा गया है, यदि किसी उद्देश्य से रखा भी गया हैं तो वो काम अभी इतना जरूरी नहीं हैं।
निष्कर्ष
यदि आपके पास अपने लोन का भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि है और लोन के भुगतान के बाद भी आप बिलों को कवर करने और इमरजेंसी फंड के लिए बजट है, तो लाभ के रूप में आपको लोन का जल्दी भुगतान करने से आपको ब्याज पर बचत मिल सकती है, वहीं इसमें लगने वाले प्रीपेमेंट पेनल्टी चार्ज जैसे नुकसान भी है। इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले विचार करें कि क्या होम लोन प्रीपे करना सही कदम है या नहीं।
ये तो थे होम लोन प्रीपे करने के फायदें और नुकसान, पर क्या आपको पता है होम लोन प्रीपे करने से पहले कुछ बातें है जिनपर आपको विचार करना चाहिए , वो ध्यान रखने योग्य बातें कौन सी है ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।