फिक्स्ड डिपॉज़िट रसीद (FDR) में आपकी एफडी से जुड़ी ज़रूरी जानकारी होती है। यह इस बात का प्रूफ है कि आपने बैंक में तय अवधि के लिए निश्चित ब्याज पर एफडी खोली है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि आखिर एफडी रसीद होती क्या है और इसकी ज़रूरत कब पड़ती है।
क्या होती है फिक्स्ड डिपॉज़िट रसीद (FDR)?
किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में एफडी अकाउंट खोलने पर एक रसीद जारी की जाती है, जिसे फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट (FDR) के नाम से जाना जाता है। FDR (what is fdr in bank) इस बात का प्रूफ है कि आपने फलां बैंक में एफडी अकाउंट खोला है। इसके अलावा इसमें कई अन्य जानकारी जैसे-एफडी में जमा की गई रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी की तारीख होती है।
एफडी रसीद में होती हैं ये जानकारियां
एफडी रसीद में आपके द्वारा एफडी में किए गए निवेश संबंधित जानकारी के साथ-साथ कई अन्य ज़रूरी जानकारी भी होती है। चलिए जानते हैं इनके बारे में :-
- डिपॉज़िटर की जानकारी: इस रसीद में एफडी खोलने वाले कस्टमर का नाम, कस्टमर आईडी, अकाउंट नंबर जैसी जानकारी होती है।
- एफडी का प्रकार: एफडी दो तरह की होती है, कुमुलटिव और नॉन-कुमुलेटिव। इनमें से कस्टमर ने कौन-सी एफडी खोली है, इसकी जानकारी भी FDR में होती है।
- एफडी पर मिलने वाला ब्याज: एफडी पर मिलने वाला ब्याज समय-समय पर बदलता रहता है। ऐसे में आपने जिस ब्याज दर पर एफडी बुक की है, उसका उल्लेख FDR में होता है।
- एफडी की रकम: इसके अलावा, FDR में एफडी में जमा की गई रकम, मैच्योरिटी में मिलने वाली रकम और उस रकम पर मिलने वाले कुल ब्याज की डिटेल होती है।
- एफडी की मैच्योरिटी या उसके रिन्यूअल की जानकारी: आपकी एफडी किसी कब मैच्योर होगी, इसकी जानकारी भी FDR में होती है। अगर आपने एफडी रिन्यूअल का ऑप्शन चुना है, तो इसमें रिन्युअल की तारीख दी गई होगी।
- नॉमिनेशन की जानकारी: अगर एफडी का कोई नॉमिनी है, तो FDR उसकी डिटेल्स मौजूद होंगी।
FDR की ज़रूरत कब पड़ती है?
आपने एफडी में पैसे जमा किए है, FDR इसका प्रूफ है। एफडी के संबंध में बैंक के साथ कोई भी विसंगति होने पर फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट एक सबूत की तरह काम करती है। कई लोग एफडी रसीद को एक गैर-ज़रूरी दस्तावेज़ मानते हैं और इसे संभालकर नहीं रखते जिससे आगे चलकर उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। एफडी रसीद की ज़रूरत कब और किन कामों के लिए पड़ती है इसकी जानकारी नीचे दी गई है:-
- एफडी के बदले लोन लेने के लिए
आप यह तो जानते ही होंगे कि एफडी को गिरवी रख उसके बदले लोन लिया जा सकता है। लोन लेते वक्त आपको फिक्स डिपॉज़िट रिसिप्ट (fdr full form) गिरवी रखनी पड़ती है। लोन का पूरा भुगतान होने के बाद ही यह रसीद वापस की जाती है।
- एफडी का प्रीमैच्योर विड्रॉल करने पर
एफडी को तय अवधि से पहले तोड़ने पर या उसका प्रीमैच्योर विड्रॉल करने पर भी FDR जमा करना पड़ता है।
अगर आप एफडी की अवधि को आगे बढ़ाने चाहते हैं यानी इसे रिन्यू करना चाहते हैं तो आपको बैंक में एफडीआर जमा कराना होगा। इसके बाद बैंक एक नया FDR जारी करता है जिसमें रिन्यू की गई एफडी की जानकारी होती है।
- टैक्स बेनिफिट का लाभ लेने के लिए
टैक्स सेविंग एफडी के मामले में टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के लिए फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट काम आती है।
- नॉमिनी द्वारा एफडी की रकम क्लेम करते समय
डिपॉज़िटर की मृत्यु के मामले में एफडी की रकम का हकदार नॉमिनी होता है। नॉमिनी की जानकारी एफडी का रसीद में होती है जिससे यह बात साबित करने में मदद मिलती है कि जिस व्यक्ति को डिपॉज़िटर ने नॉमिनी बनाया गया था, एफडी की रकम उसी के द्वारा क्लेम की जा रही है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट से संबंधित प्रश्न
FD और FDR के बीच क्या अंतर है?
एफडी (FD) यानी कि फिक्स्ड डिपॉज़िट, जो कि निवेश का एक प्रकार है। जबकि FDR किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था में एफडी अकाउंट खोलने पर जारी की जाने वाली रसीद को कहते हैं।
फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट कहां से मिलती है?
आपने जिस बैंक में एफडी खोला होगा, उसके द्वारा FDR जारी किया जाता है। कुछ बैंकों में FDR हार्ड कॉपी में दिया जाता है, तो कुछ में इसे ऑनलाइन ही जारी किया जाता है। कई बैंक ईमेल के माध्यम से FDR भेजते हैं, तो कुछ में इसे मोबाइल या नेट बैंकिंग के ज़रिए एक्सेस किया जा सकता है।
क्या फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसिप्ट में नॉमिनी की जानकारी होती है?
हां, FDR में डिपॉज़िटर द्वारा नॉमिनी की जमा की गई सभी जानकारी होती है।
FDR खो जाने पर इसे कैसे प्राप्त करें?
अगर एफडी रसीद खो जाती है तो आप बैंक से डुप्लीकेट रसीद जारी करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
ऑनलाइन FDR कैसे मिलेगी?
अधिकतर बैंक एफडी खुलवाने पर ऑनलाइन एफडीआर भी जारी करते हैं। इसे आप बैंक की मोबाइल बैंकिंग ऐप के माध्यम से या फिर नेट बैंकिंग के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं।