इंश्योरेंस

अपने और अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं? ये इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूर लें

अपने और अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं? ये इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूर लें
Bharti
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आज के समय में इंश्योरेंस का महत्व काफी बढ़ चुका है, चाहे हॉस्पिटल का खर्च हो या फिर गाड़ी संबंधित एक्सपेंस इन सभी के लिए इंश्योरेंस होना काफी ज़रूरी है। अगर आप अपने या अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं या किसी आर्थिक मुसीबत से बचना चाहते हैं तो आपको भी इंश्योरेंस लेने का विचार करना चाहिए। एक इंश्योरेंस पॉलिसी, पॉलिसीधारक को अचानक होने वाले फाइनेंशियल लॉस से बचाती है। हालांकि, आजकल कई तरह के इंश्योरेंस उपलब्ध हैं, ऐसे में कौन-सा इंश्योरेंस आपके लिए ज़रूरी है इसे जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)

आजकल लोग पैसे बचाने की अंधाधुंध दौड़ में लगे हुए हैं, कोई एफडी करा रहा है तो कोई स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा है। ऐसा नहीं है कि पैसा बचाना या निवेश करना गलत है। लेकिन पैसा बचाने के चक्कर में अक्सर लोग एक अहम चीज़ को नज़रअंदाज कर देते हैं, वो है हेल्थ इंश्योरेंस। इसे लेना बेहद ज़रूरी है क्योंकि गंभीर बीमारियों या सर्जरी के दौरान होने वाले खर्च, कम आमदनी वाले लोगों की कमर तोड़ सकते हैं।

बीमारियों के इलाज के दौरान लगने वाली फीस, दवाइयों का खर्च इतना ज्यादा होता है कि इस खर्च से उबरने के लिए लोगों को अपने घर, ज़मीन तक बेचने पड़ते हैं। इस बात का अंदाजा सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी सतत विकास लक्ष्य “राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क प्रगति रिपोर्ट 2023’’ (National Indicator Framework Progress Report 2023) के ज़रिए लगाया जा सकता है, जिसके मुताबिक देश के 9 करोड़ से ज्यादा लोग अपने कुल मासिक खर्च का 10% हिस्सा स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च कर रहे हैं। इस खर्च से उबरने में हेल्थ इंश्योरेंस आपकी मदद करता है।

हेल्थ इंश्योरेंस कम उम्र में ही ले लेनी चाहिए क्योंकि बीमारियां कभी उम्र देखकर नहीं होती। कम उम्र में पॉलिसी लेने पर कम प्रीमियम भरना पड़ता है, साथ ही अच्छा कवरेज भी मिल जाता है। इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80D और 80C के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है।

लेकिन ध्यान रहें किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने से पहले उसके नियम व शर्तों को पढ़ना न भूलें। साथ ही, कौन-सी पॉलिसी लेनी है इसे लेकर सोच-विचार ज़रूर कर लें।

ज़रूरी जानकारी: हाल ही में IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए उम्र की सीमा को समाप्त कर दिया है। पहले सिर्फ 65 साल तक की उम्र के लोग ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं। इस फैसले के बाद अब किसी भी उम्र के लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए इस नियम को लागू कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें: आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को दूसरी कंपनी में कर सकते हैं ट्रांसफर, जानें

जीवन बीमा (Life Insurance)

आपके न रहने पर आपके परिवार का क्या होगा? इस टेंशन से बचने के लिए आपके पास लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए। आपकी मृत्यु के बाद यह पॉलिसी आपके परिवार को आर्थिक सहायता जैसे उनकी ईएमआई का भुगतान करने, दैनिक खर्चों को पूरा करने और आपके बच्चों की पढ़ाई जैसे खर्चों को उठाने में मदद करती है। आदर्श रूप से, आपका जीवन बीमा कवर आपके वार्षिक आय का कम से कम 10-15 गुना होना चाहिए।

कई लोग इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं और ULIP मनी बैक और एंडोमेंट इंश्योरेंस जैसी पॉलिसी खरीदते हैं जिससे उन्हें लाइफ कवर के साथ-साथ रिटर्न दोनों मिले। लेकिन इनके बजाय आपको ऐसी पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें आपको कम प्रीमियम और ज्यादा लाइफ कवर मिले। साथ ही, बीमा कवर का आकलन करते समय अपनी इनकम, कर्ज़ और आप पर आश्रित सदस्य, अपने सालाना खर्च आदि का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसे चुनने से पहले यह ज़रूर चेक करें कि आप उस पॉलिसी पर जितना प्रीमियम भरने वाले हैं क्या आपको उतना लाभ मिल भी रहा है।

मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance)

आज के समय में वाहन होना सोसायटी स्टेटस का एक प्रतीक बन चुका है। अगर आपके पास गाड़ी, स्कूटर या बाइक है, तो इनका इंश्योरेंस करवाना काफी ज़रूरी है। साथ ही, इसे लेना कानूनन अनिवार्य भी है। यानी अगर आप बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग करते हैं तो आपको पेनेल्टी लग सकती है या आपका चलान कट सकता है।

एक मोटर इंश्योरेंस न सिर्फ चलान कटने से बचाता है बल्कि गाड़ी की दुर्घटना, बाढ़, भूकंप या चोरी से होने वाले नुकसान को भी कवर करता है। मौजदूा समय में चोरी और सड़क हादसों के मामलों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। ACKO इंश्योरेंस कंपनी की रिपोर्ट ‘थेफ्ट एंड द सिटी 2024’ के मुताबिक 2022 की तुलना में 2023 में भारत में वाहनों की चोरी के मामले ढ़ाई गुना बढ़ गए हैं। सिर्फ चोरी के मामले ही नहीं बल्कि सड़क दुर्घटना के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट “भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022″ के अनुसार साल 2021 की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 11.9% और इससे मृत्यु प्रतिशत में 9.4% की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़े बताते हैं कि आखिर मोटर इंश्योरेंस लेना कितना ज़रूरी है।

किसी भी वाहन को खरीदने में सालों की कमाई लग जाती है, कई लोग अलग से लोन लेकर भी इन्हें खरीदते हैं। कोई भी वाहन खरीदने में एक बड़ी रकम लगती है, साथ ही इसके रख-रखाव और मरम्मत में भी बड़ा खर्चा होता है। इसलिए इस बड़े खर्च या नुकसान से बचने के लिए मोटर इंश्योरेंस लेना काफी ज़रूरी है।

मोटर इंश्योरेंस कई तरह के होते हैं जैसे फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस। इसके अलावा गाड़ी के प्रकार के आधार पर भी इंश्योरेंस अलग होते हैं जैसे प्राइवेट कार इंश्योरेस, टू-व्हीलर इंश्योरेंस, कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस, EV कार इंश्योरेंस आदि। इंश्योरेंस का चयन अपनी ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

उदाहरण के लिए: अगर आप कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेते हैं, तो इसमें एक्सीडेंट से गाड़ी को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है, जबकि थर्ड पार्टी इंंश्योरेंस एक्सीडेंट की वजह से किसी तीसरे सदस्य को हुए नुकसान को कवर करता है।

लेकिन इंश्योरेंस खरीदने से पहले इसके बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेना या किसी से परामर्श लेना ज़रूरी होता है। सभी कंपनियों द्वारा ऑफर किए जा रहे प्लान की तुलना करें, देखें कि आप जितनी रकम भर रहे हैं, उसकी तुलना में आपको उतना लाभ मिल रहा है या नहीं। साथ ही कोई भी इंश्योरेंस चुनने से पहले नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लें।

 

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