पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट सिक्योर्ड लोन के मुकाबले अक्सर ज्यादा होता है। इसलिए कई पर्सनल लोन उधारकर्ता अधिक EMI और ब्याज लागत की वजह से अपने लोन का समय से पहले भुगतान (प्री-पेमेंट) करना सही समझते हैं। लोन का प्री-पेमेंट, आपके कुल ब्याज लागत की बचत करने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं कि पर्सनल लोन प्री-पेमेंट (Personal Loan Pre-Payment) का ऑप्शन चुनने से पहले किन-किन पहलुओं पर विचार करना चाहिए।
फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट चार्ज चेक करें
पर्सनल लोन फिक्स्ड और फ्लोटिंग दो तरह के इंटरेस्ट रेट पर मिलता है। आरबीआई के नियमानुसार फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लिए गए पर्सनल लोन पर कोई फोरक्लोजर या पार्ट प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगता। जबकि फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लिए गए पर्सनल लोन पर ये नियम लागू नहीं होता है। बैंक फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट के तहत लिए गए लोन पर फोरक्लोजर/पार्ट प्री-पेमेंट चार्ज के रुप में कुल लोन राशि का 5% तक से सकते हैं। वहीं, कई सारे बैंक/एनबीएफसी एक निश्चित लिमिट तक EMI का भुगतान करने तक पार्ट प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर की मनाही करते हैं।
ब्याज लागत पर की गई बचत निर्धारित करें
बहुत से लोग सोचते हैं कि लोन के शुरुआती साल में प्री-पेमेंट करने से ही वह ब्याज लागत में बचत कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। लोन टेन्योर के बाद के वर्षों में भी प्री-पेमेंट करने से ब्याज लागत में बचत हो सकती है। इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन पर्सनल लोन कैलकुलेटर से यह चेक करें कि फोरक्लोजर या पार्ट प्री-पेमेंट करने से आप कितना बचा सकते हैं। प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज व अन्य चार्जेस के बारे में भी पता करना न भूलें। इसके बाद प्री-पेमेंट का ऑप्शन तब ही चुनें, जब प्री-पेमेंट प्रक्रिया में किए गए कुल खर्चों को शामिल करने के बाद इंटरेस्ट कॉस्ट पर पर्याप्त बचत होता हो।
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अतिरिक्त राशि से लोन का पूर्वभुगतान करें या निवेश, इसका चयन करें
अतिरिक्त राशि से लोन प्री-पेमेंट करना चाहिए या रिटर्न के लिए कहीं निवेश करना चाहिए, ये दोनों विकल्पों में से किसी एक से होने वाली बचत के आधार पर तय करें। इसके अलावा आप शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। क्योंकि मंदी के समय स्टॉक्स कम कीमत पर मिल सकते हैं और बाद में उस पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है, जो आपके लोन प्री-पेमेंट से होने वाली ब्याज लागत से ज्यादा हो सकता है। पर ये भी ध्यान रखें कि शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में निवेश करना जोखिमों के अधीन हो सकता है।
इमरजेंसी फंड से लोन प्री-पेमेंट करने से बचें
इमरजेंसी फंड अचानक आने वाली वित्तीय समस्याओं से निपटने में काफी मददगार होती है। इस फंड से मेडिकल इमरजेंसी, किसी प्रकार की दुर्घटना, नौकरी चले जाने पर बिल पेमेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम, लोन ईएमआई पेमेंट जैसे जरूरी चीजों का भुगतान कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोग अपने लोन की ब्याज लागत बचाने के लिए उसका प्री-पेमेंट इमरजेंसी फंड से करते हैं। ऐसा करके वह ब्याज लागत में काफी बचत कर सकते हैं। लेकिन भविष्य में आने वाली किसी भी फाइनेंशियल समस्या से निपटने के लिए उन्हें या तो लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट तोड़ना होगा या हाई इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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हाई रिटर्न देने वाले निवेश को न तोड़े
अपने पर्सनल लोन को समय से पहले चुकाने के इच्छुक उधारकर्ताओं को केवल उन निवेशों का उपयोग करना चाहिए जो किसी भी महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्य से जुड़े नहीं हैं या उनके पर्सनल लोन पर लगाए गए ब्याज दरों की तुलना में कम रिटर्न दे रहे हैं।
सुझाव
लोन का प्री-पेमेंट करने से उसके ब्याज लागत में बचत और लोन रिपेमेंट राशि में कमी आती है। हालांकि प्री-पेमेंट करने से पहले इस पर लगने वाले चार्ज (अगर कोई है) को ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा अगर कस्टमर मौजूदा ईएमआई का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो वह अपनी बकाया लोन राशि को कम इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन ऑफर करने वाले दूसरे बैंक/एनबीएफसी में ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे उनके ईएमआई का बोझ और कुल ब्याज लागत में काफी बचत होगी। हालांकि बैलैंस ट्रांसफर करने पर मौजूदा बैंक चार्ज ले सकता है।