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RBI ने जारी की गोल्ड बॉन्ड प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की तारीख, जानें Sovereign Gold Bond में निवेश के फायदें

RBI ने जारी की गोल्ड बॉन्ड प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की तारीख, जानें Sovereign Gold Bond में निवेश के फायदें
Vandana Punj
Vandana Punj

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल- सितंबर) के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन को लेकर कैलेंडर जारी कर दी है। 27 फरवरी को जारी इस कैलेंडर के अनुसार निवेशक Sovereign Gold Bond के 26 अलग-अलग सीरिज में प्रीमैच्योर रिडेम्पशन कर पाएंगे। हालांकि प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए एक निर्धारित समय-सीमा होती है तो चलिए जानते हैं किस सीरिज के निवेशक कब प्रीमैच्योर रिडेम्पशन कर सकते हैं, और इसमें निवेश करने के क्या फायदें हैं:

आरबीआई द्वारा जारी प्रीमैच्योर रिडेम्पशन कैलेंडर

अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में सबसे पहले वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जारी गोल्ड बॉन्ड की तीसरी सीरिज के निवेशकों को प्रीमैच्योर रिडेम्पशन (Premature Redemption) का मौका मिलेगा। जिसके लिए वह 16 अप्रैल से लेकर 7 मई 2024 के बीच अप्लाई कर सकते हैं। वहीं, 2016-17 में ही जारी सीरिज IV के लिए बॉन्ड धारक 17 अगस्त से लेकर 6 सितंबर के बीच अप्लाई कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की पूरी लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

प्रीमैच्योर रिडेम्पशन को लेकर क्या है नियम

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी समयावधि 8 साल होती है, लेकिन आप इसे इसके इश्यू होने के 5 साल बाद भी निकाल सकते हैं, जिसे प्रीमैच्योर रिडेम्पशन कहा जाता है। आरबीआई द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार सितंबर 2019 तक जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्पशन किया जा सकता है। जबकि उसके बाद जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को फिलहाल आप मैच्योरिटी से पहले नहीं निकाल सकते क्योंकि ये बॉन्ड अभी 5 साल पुराने नहीं हुए हैं। बता दें, RBI प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर ब्याज देय होता है।

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प्राइस कैसे तय होती है?

मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के तीन कार्य दिवस के लिए इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) की तरफ से प्राप्त गोल्ड 999 के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। इसी नियम के अनुसार आरबीआई ने 2018-19 की छठी सीरीज के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 6,263 रुपये प्रति यूनिट/ग्राम तय किया जो IBJA से प्राप्त 7 फरवरी, 8 फरवरी और 9 फरवरी के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज है।

एसजीबी में कितना कर सकते हैं निवेश?

कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो सोने में निवेश कर सकता हैं। सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड के जरिए आप 24 कैरेट के 99.9% शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। निवेश ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीको से किया जा सकता है। लेकिन ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलता है। बता दें, चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चौथी सीरिज का सब्सक्रिप्शन 12-16 फरवरी 2024 तक के लिए खुला था। जिसमें आप 6,263 रु. प्रति ग्राम के हिसाब से बॉन्ड में निवेश कर सकते थे।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) में निवेश करने के फायदें

  • एसजीबी में निवेश करने पर सालाना 2.4% का ब्याज मिलता है, जो हर छह महीने पर भुगतान किया जाता है।
  • ये निवेश जीएसटी के दायरे में नहीं आता, जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% का GST लगता है।
  • डीमैट होने के कारण इसमें सुरक्षा की चिंता नहीं होती
  • आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं
  • पेपर होने की वजह से ये शुद्धता की दृष्टि से भी बेहतर है
  • मैच्योरिटी (8 साल) के बाद गोल्ड बॉन्ड पर कोई टैक्स नहीं देना होता।

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