हर साल की तरह इस साल भी सभी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (आईडब्ल्यूडी) मनाने के लिए तैयार हैं। इस दिन उन सभी महिलाओं को सम्मानित और याद किया जाता हैं, जो खुशहाल और सशक्त जीवन जीने के लिए सभी चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना करती हैं। पर जहां महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाई है दुर्भाग्य एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कुछ महिलाएं थोड़ा पीछे रहे गई हैं और वो है “वित्तीय स्वतंत्रता”। आज के इस मोके पर हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताने जा रहें हैं जो सभी महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और मजबूत बनने के लिए जरूर अपनाने चाहिए।
अपने फाइनेंशियल गोल तय करें
हम सभी के कुछ सपने, जरूरतें और इच्छाएं होती हैं, जैसे अपना घर, अपना बिज़नेस, कार, विदेशी छुट्टियों पर जाना, अपने बच्चों के भविष्य का ख्याल रखना और रिटायरमेंट के लिए बचत करना। लेकिन इन सबके लिए आपको फाइनेंशियल गोल सेट करने की आवश्यकता तो होती ही है पर उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक योजना बनाना और उस पर कायम रहना भी जरुरी है।
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फाइनेंशियल इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयार रहें
फाइनेंशियल इमरजेंसी जैसे अचानक नौकरी छूटना, बिजनेस में घाटा या बीमारी आदि कभी बता कर नहीं आती है। इसलिए आप अपनी आय के आधार पर इमरजेंसी फंड से शुरुआत कर सकते है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। यह फंड आपकी बचत और निवेश में नहीं शामिल होना चाहिए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये किसी व्यक्ति को फाइनेंशियल इमरजेंसी में उधार लेने से बचाता है। इमरजेंसी फंड आपके महीने के खर्चों और आपकी आय पर डिपेंड करता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि इमरजेंसी फंड कम से कम 6 महीने की इनकम के बराबर होना चाहिए।
इंश्योरेंस भी है एक बुनियादी ज़रूरत
अचानक मेडिकल इमरजेंसी आपको कर्ज के जाल में फंसा सकती हैं पर हेल्थ इंश्योरेंस आपको इस जोखिम से निकाल सकता है। इसमें बीमा देने वाली कंपनी वार्षिक आधार पर बीमा की राशि प्रदान करता है और आपके बीमार होने या अस्पताल में भर्ती होने पर आपकी ये बीमा राशि काम आती है।
हेल्थ इंश्योरेंस होने से आपके पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के पास फाइनेंशियल सिक्योरिटी और सेफ्टी भी रहती हैं। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने की सलाह दी जाती है।
लाइफ इंश्योरेंस में यदि पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी उसके परिवार या नॉमिनी को मुआवजा देती है। इसमें आपको मैच्योरिटी बैनेफिट्स, सरेंडर बेनेफिट्स, लॉयल्टी एडिशन जैसे लाभ भी मिल सकते हैं।
टर्म इंश्योरेंस की बात करें तो एक ऐसा फाइनेंशियल प्रॉडक्ट है, जिसे आप अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज़ भी कर सकते है। टर्म इंश्योरेंस में सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान किया जाता है। जिसने इंश्योरेंस लिया है यदि उसकी मृत्यु पॉलिसी की अवधि के बीच हो जाती है तो इंश्योरेंस राशि परिवार या नॉमिनी को दी जाती है। पर ध्यान दें टर्म इंश्योरेंस में लाइफ इंश्योरेंस की तरह मैच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है।
रिटायरमेंट प्लानिंग को न करें नजरअंदाज
दूसरी ज़रूरतों जैसे बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी, घर खरीदना आदि को पूरा करते-करते व्यक्ति अक्सर अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करना भूल जाता है। पर इस बात को हम सभी को ध्यान में रखना चाहिए जितनी जल्दी आप रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सोचेंगे और बचत करेंगे उतना ही आपके भविष्य के लिए बेहतर होगा। सबसे बड़ा लाभ यदि आप रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बचत करते है तो आपको किसी दूसरे पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाएं आत्मविश्वास के साथ अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग कर सकती हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके पास अपने बाद के वर्षों का आराम से आनंद लेने के लिए फंड हैं। इसलिए, रिटायरमेंट लिए जल्द से जल्द निवेश शुरू कर देना चाहिए जिससे आपको रिटायरमेंट के बाद अधिक पैसा मिलेगा।
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स्मार्ट निवेश विकल्पों पर करें विचार
अपने पैसे को एक ही जगह निवेश करके या पैसों को अकाउंट में रखने के बजाए उस धन को आप कई स्मार्ट निवेश विकल्पों के माध्यम से बढ़ा सकते है। आप एक अलग सेविंग्स अकाउंट खोल सकते है, शेयर बाजार में निवेश कर सकता है या बीमा योजना में निवेश कर सकता है जो मैच्योरिटी पर आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है।
इसके साथ ही आप 12:20:80 का फॉर्मूला अपना सकते है। जिसमे सबसे पहले अपनी 12 महीने की जरूरत का इमरजेंसी फंड बना कर रखें। आप जितना निवेश कर सकते हैं उसका 20 फीसदी गोल्ड में निवेश करें, गोल्ड ETF,गोल्ड FoF में निवेश कुछ विकल्प है। साथ ही निवेश की 80 फीसदी राशि को इक्विटी में डायवर्सिफाई करें। महिलाओं को अपनी आय का एक हिस्सा बचाने को प्राथमिकता देनी चाहिए और विभिन्न निवेश विकल्पों जैसे पीपीएफ, एसआईपी, आरडी, एफडी और म्यूचुअल फंड आदि तमाम ऐसी स्कीम्स पर विचार करना चाहिए।
सोच समझ और अनुशासित तरीके से निवेश करें
आपको इस बात को समझना होगा कि यदि आप निवेश कर रहें है वहां पर आपको भावनात्मक निर्णय लेने से बचना तो है ही इसके साथ ही आपको निवेश के दृष्टिकोण को अनुशासित तरीके से लेकर चलना है। यानि कि शेयर मार्केट से जुड़ा उतार-चढ़ाव वाला जोखिम किसी भी इन्वेस्टर को बेचैन कर सकता है। इस समय आपको खुद को याद दिलाने की ज़रूरत है कि मार्केट का यह स्वभाव है, और उतार-चढ़ाव इसके अनिवार्य अंग है। इसलिए आपको जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना है हमेशा सोच समझ और अनुशासित तरीके से निवेश करना है।
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खुद के लिए जरूर ले वित्तीय ज्ञान
शिक्षा और ज्ञान वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में पहला कदम है। शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करके महिलाएं बेहतर करियर अवसरों को चुन सकती है। आज लड़कियों और महिलाओं को उच्च शिक्षा, वोकेशनल ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट जैसे इवेंट में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यदि आपके पास मेहनत की कमाई को कैसे बचाएं या कहां पर निवेश करें जिसके बदले ज्यादा रिटर्न मिले या फिर कैसे आपका भविष्य आराम से गुजरे आदि जैसे सवाल और वित्तीय ज्ञान की कमी है, तो सबसे पहले खुदको शिक्षित करें जो की सबसे ज्यादा जरुरी है। आप इसके लिए वित्तीय ब्लॉग, मैगजीन, न्यूज़ पेपर आदि को पढ़ सकते है। अपना ज्ञान को और बढ़ाने के लिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं, अपने सवाल पूछ सकते है। फाइनेंशियल से जुड़ी चीजों के बारे में रिसर्च कर सकते है। सही वित्तीय निर्णय लेने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता होना जरुरी है।
निष्कर्ष
वित्तीय स्वतंत्रता आज हर किसी के लिए एक आवश्यकता बनती जा रही है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता एक ऐसा लक्ष्य है जिसे प्राप्त किया जा सकता है ये कोई असंभव कल्पना नहीं है। इस महिला दिवस पर महिलाओं के लिए आत्मविश्वास से सुरक्षित जीवन के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का समय है।आइए न केवल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बल्कि हर दिन जश्न मनाते रहें और एक-दूसरे को प्रेरित करते रहें।