बिज़नेस लोन

CC Loan – जानें क्या है कैश क्रेडिट लोन और कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ

CC Loan – जानें क्या है कैश क्रेडिट लोन और कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ
Vandana Punj
Vandana Punj

कैश क्रेडिट लोन एक शॉर्ट टर्म लोन होता है, जो किसी कंपनी की वर्किंग कैपिटल से संबंधित वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है। ये लोन ओवरड्रॉफ्ट सुविधा के रुप में मिलता है, यानी बैंक एक निश्चित राशि आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर देती है, जिसमें से आप अपनी ज़रूरत अनुसार पैसे निकाल सकते हैं। इंटरेस्ट केवल निकाले गए पैसों पर देना होता है न कि ओवरड्रॉफ्ट लिमिट पर। कैश क्रेडिट की ब्याज दरें कितनी है, इसके फायदे व नुकसान क्या है और इस लोन को लेने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ कौन से हैं, जानने के लिए लेख पढ़ें:

कैश क्रेडिट लोन क्या है?

कैश क्रेडिट एक तरह से बिजनेस लोन होता है। जिसे कोई कंपनी शॉर्ट टर्म (लोन रिपेमेंट समयावधि 12 महीने) के लिए अपनी वर्किंग कैपिटल से संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए लेती है। कैश क्रेडिट लोन (CC Loan) राशि का इस्तेमाल बिजनेस से संबंधित अलग-अलग कामों जैसे व्यापार को बढ़ाने, प्लांट, मशीनरी खरीदने, कच्चा माल खरीदने, कर्मचारियों को सैलरी देने और कर्ज भुगतान के लिए किया जा सकता है। यानी ये बिजनेस से संबंधित नकदी जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।

कैश क्रेडिट लोन इंटरेस्ट रेट

चूंकि कैश क्रेडिट एक सिक्योर्ड लोन होता है। इसलिए सीसी की ब्याज दरें (Cash Credit Interest Rate) अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में कम होती है। हालांकि लोन की ब्याज दरें एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न होती है और समय-समय पर बदलती रहती है। ब्याज दरें आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री और प्रोफाइल आदि पर निर्भर करती है। सिक्योर्ड लोन का मतलब है कि इस लोन को लेने के लिए बैंक या लोन संस्थान में सिक्योरिटी या गारंटी के रूप में कोई अचल संपत्ति जैसे स्टॉक, कच्चा माल, तैयार माल या उपकरण आदि गिरवी रखना होता है।

कैश क्रेडिट लोन के लिए पात्रता

आमतौर पर बैंक अच्छा प्रदर्शन करने वाले बिज़नेस को ही कैश क्रेडिट (सीसी) प्रदान करते हैं। हालांकि योग्यता शर्तें एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकती है। लेकिन हमने यहां कुछ सामान्य योग्यता शर्तों के बारे में बताया है।

  • बिज़नेस का कानूनी रूप से रजिस्टर्ड होना ज़रूरी है।
  • बिज़नेस का पिछला प्रदर्शन अच्छा होना चाहिए। क्योंकि बैंक आपके बिज़नेस के वित्तीय विवरणों जैसे कि आयकर रिटर्न (ITR), बैलेंस शीट आदि का विश्लेषण करते हैं।
  • क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होना चाहिए अधिकांश कैश क्रेडिट लोन सिक्योर्ड होते हैं, जिसका मतलब है कि आपको बैंक को कोई संपत्ति गिरवी रखनी होगी।
  • यह संपत्ति आपकी चल संपत्ति (जैसे स्टॉक, बिल आदि) या अचल संपत्ति (घर, ज़मीन) हो सकती है।
  • कुछ बैंक विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों या उद्योगों में काम करने वाले व्यवसायों को कैश क्रेडिट लोन प्रदान करते हैं।

सीसी लोन कैसे मिलता है?

कैश क्रेडिट (CC) अकाउंट एक फ्लेक्सिबल लाइन ऑफ क्रेडिट होती है। इसे लेने के लिए सबसे पहले बैंक का चुनाव करें। जिसके लिए विभिन्न बैंकों के इंटरेस्ट रेट्स, चार्जेस और शर्तों की तुलना करें और अपने लिए बेहतर ऑप्शन चुनें। इसके बाद चुने हुए बैंक में जाकर कैश क्रेडिट के लिए आवेदन करें। आवेदन फॉर्म में अपनी पर्सनल डिटेल्स, बिज़नेस डिटेल्स और अन्य दूसरी ज़रूरी जानकारियां भरें। सबकुछ सही होने पर कैश क्रेडिट अकाउंट ओपन हो जाएगा, जिसमें से आप अपनी ज़रूरत अनुसार पैसे निकाल सकते हैं।

कैश क्रेडिट लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

कैश क्रेडिट लोन लेने के लिए निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है:

  • पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भरा हुआ आवेदन फॉर्म
  • बिजनेस पैन कार्ड
  • केवाईसी डॉक्यूमेंट- आवेदक का पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली?पानी बिल
  • आय प्रमाण पत्र- पिछले 6 माह का बैंक स्टेटमेंट
  • बिजनेस एड्रेस प्रूफ, बिजनेस इनकॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट
  • बिजनेस आपका है इस बात का सबूत
  • कौलेटरल या गारंटी के डिटेल्स

नोट: उपरोक्त दस्तावेजों के अलावा बैंक या लोन संस्थान अन्य डॉक्यूमेंट्स भी मांग सकते हैं।

CC Loan के फायदे व नुकसान

फायदे नुकसान
इसके तहत निर्धारित राशि को कितनी बार भी निकाल सकते हैं। ये एक शॉर्ट टर्म लोन होता है। जिसके चलते लोन रिपेमेंट करने के लिए कम समयावधि मिलती है।
ब्याज दरें केवल निकाली गई या इस्तेमाल की गई राशि पर ली जाती है। हालांकि ब्याज दरें अधिक होती है।
ये लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं होती। हालांकि लोन रिपेमेंट 12 महीनों में करना होता है।
इस लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। स्टार्ट-अप को ये लोन मिलना मुश्किल होता है।
फ्लेक्सिब्लिटी के साथ साथ लोन जल्दी और आसानी से मिल जाता है। मुख्यतौर पर वर्किंग कैपिटल से संबंधित खर्च के लिए लोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैश क्रेडिट लोन से जुड़ी अन्य महत्वूर्ण बात

मार्केट फ्लेक्चुएशन के चलते अगर आपका व्यवसाय ठीक से नहीं चल रहा है तो ऐसी स्थिति में कैश क्रेडिट लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। वहीं, बिजनेस अच्छा चलने पर कैश क्रेडिट लोन आसानी से मिल सकता है। क्योंकि लोन डिफॉल्ट की संभावना कम होगी। हालांकि बैंक या लोन संस्थान किसी आवेदक को लोन देने से पहले उसकी वर्तमान और पिछले साल की पर्फोरमेंस देखते हैं। साथ ही अगले साल के प्रोजेक्ट का भी अनुमान लगाते हैं।

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कैश क्रेडिट लोन से संबंधित सवाल

कैश क्रेडिट लोन (Cash Credit Loan) कौन ले सकता है?

कोई भी व्यक्ति, मैन्यूफैक्चर, टेडर, रिटेलर, डिस्ट्रिब्यूटर, कंपनियां, पार्टनरशिप फर्म, LLPs और सोसायटी आदि कैश क्रेडिट लेने या सीसी लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सीसी अकाउंट का नियम क्या है?

कैश क्रेडिट (सीसी) के तहत बैंक एक लिमिट तक आपके खाते में पैसे उधार देती है, जिसे आप अपनी ज़रूरत अनुसार निकाल सकते हैं। ब्याज केवल इस्तेमाल की जाने वाले राशि पर ही लगती है। आप इस लोन को किसी भी समय चुका सकते हैं। हालांकि, आपको एक न्यूनतम राशि हर महीने चुकानी होती है। सीसी के नियम एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकते हैं इसलिए लोन लेने से पहले बैंक से इसकी नियम व शर्तों के बारे में अवश्य जानें।

कैश क्रेडिट लिमिट क्या होती है?

कैश क्रेडिट लिमिट एक निश्चित राशि होती है जो बैंक आपको अपने कैश क्रेडिट अकाउंट में उधार लेने की अनुमति देता है। यह एक तरह की क्रेडिट लाइन होती है जिसका उपयोग आप अपनी व्यवसायिक जरूरतों के लिए कर सकते हैं। उदाहरण के लिए: मान लीजिए आपका बैंक आपको ₹5,00,000 की कैश क्रेडिट लिमिट देता है। इसका मतलब है कि आप अपने अकाउंट से अधिकतम ₹5,00,000 तक की राशि निकाल सकते हैं।

सीसी लिमिट कैसे बनती है?

कैश क्रेडिट लिमिट, यानी आपका बैंक आपको कितना पैसा उधार दे सकता है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है। जिसमें आपका क्रेडिट स्कोर, बिज़नेस कितना बड़ा है, बिज़नेस कैसा प्रदर्शन कर रहा, आप जो संपत्ति गिरवी रख रहे हैं उसकी कीमत कितनी है और बैंक पॉलिसी जैसे फैक्टर्स शामिल है।

बिजनेस लोन और कैश क्रेडिट में क्या अंतर है?

बिजनेस लोन (Business Loan) किसी लोन संस्थान द्वारा एक निश्चित इंटरेस्ट रेट पर दिया जाता है। जिसका भुगतान एक निश्चित समय पर करना होता है। वहीं, कैश क्रेडिट एक शॉर्ट टर्म वर्किंग कैपिटल लोन होता है, जो क्रेडिट लिमिट के रूप में दिया जाता है और ब्याज केवल इस्तेमाल किए गए लोन अमाउंट पर देना होता है।

कैश क्रेडिट में कितनी राशि तक लोन ले सकते हैं?

कैश क्रेडिट की लिमिट आवेदक के प्रोफाइल, व्यवसाय के प्रकार, भुगतान क्षमता, सिक्योरिटी और बैंक के साथ आवेदक के संबंध आदि पर निर्भर करता है।

क्या कैश क्रेडिट लेने के लिए किसी सिक्योरिटी या कौलेटरल की जरूरत होती है?

हां, बैंक किसी आवेदक को कैश क्रेडिट लोन देने से पहले सिक्योरिटी या गारंटी के तौर पर निवास या व्यापार से संबंधित प्रॉपर्टी दस्तावेज मांगते हैं।

कैश क्रेडिट लोन राशि का इस्तेमाल किन कामों में कर सकते हैं?

कैश क्रेडिट लिमिट (Cash Credit Limit) का उपयोग किसी कंपनी की वर्किंग कैपिटल जैसे व्यवसाय बढ़ाने, मशीन खरीदने, कर्मचारियों को वेतन देने आदि संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

सीसी लोन का फुल फॉर्म क्या है?

सीसी का फुल फॉर्म (CC Full Form) कैश क्रेडिट (Cash Credit) होता है। ये एक शॉर्ट टर्म वर्किंग कैपिटल लोन होता है।

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