पर्सनल लोन

फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट में क्या अंतर है? दोनों में से बेहतर विकल्प कौन-सा है?

फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट में क्या अंतर है? दोनों में से बेहतर विकल्प कौन-सा है?
Bharti
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पर्सनल लोन लेते समय हमेशा आवेदकों ब्याज दरों के मामले में दो विकल्प मिलता है, जिनमें एक है फिक्स्ड ब्याज दरें और दूसरा फ्लोटिंग ब्याज दरें। दोनों में कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए (fixed rate vs floating rate) इसे लेकर आवेदक हमेशा कन्फ्यूज़ रहते हैं। तो चलिए आपके इस कंफ्यूजन को दूर करते हैं और इन दोनों के बारे में जानते हैं।

फिक्स्ड ब्याज दरों को समझें

फिक्स्ड रेट से मतलब ऐसी ब्याज दरों से जो लोन की भुगतान अवधि के दौरान एक समान ही रहती है। इस हिसाब से आपको पूरी लोन अवधि में समान ईएमाई का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, फिक्स्ड रेट (Fixed Interest Rate) पर लिए गए लोन की ब्याज दरें फ्लोटिंग की तुलना में ज्यादा होती है।

फिक्स्ड ब्याज दरों का चुनाव करते समय इन बातों का ध्यान रखें

  • फिक्स्ड रेट लोन के मामले में ब्याज दर और ईएमआई, लोन पीरियड के दौरान समान रहती है। इससे कस्टमर को आगे की फाइनेंशियल प्लानिंग करने में मदद मिलती है।
  • फ्लोटिंग की तुलना में फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दरें अधिक होती हैं जिससे आपकी ब्याज लागत और ईएमआई बढ़ जाती है।
  • फिक्स्ड होने की वजह से आगे चलकर ब्याज दरों के बढ़ने का संभावना नहीं रहती।
  • लेकिन अगर लोन की अवधि के दौरान दरों में कटौती होती है, तो इसका लाभ कस्टमर को नहीं मिलता।

फ्लोटिंग ब्याज दरों को समझें

फ्लोटिंग ब्याज दरें स्थिर नहीं होती यानी इनमें बदलाव होता रहता है, जो मार्केट बेंचमार्क रेट जैसे रेपो रेट आदि पर निर्भर करता है। दरअसल, मार्केट में उतार-चढ़ाव से तालमेल बैठाने के लिए बैंक अपने एमसीएलआर में बढ़ोतरी या कटौती करते हैं जिससे ब्याज दरों में भी बदलाव होता है। इस तरह, लोन की अवधि के दौरान ब्याज दरों में बदलाव होने की वजह से लोन की ईएमआई में भी बदलाव होता रहता है। फ्लोटिंग ब्याज दरों (floating interest rate) का चुनाव तब करना चाहिए, जब आगे चलकर ब्याज दरों के नीचे आने या कम होने की उम्मीद हो।

फ्लोटिंग ब्याज दरों का चुनाव इन बातों का ध्यान रखें

  • फिक्स्ड रेट वाले लोन की तुलना में, फ्लोटिंग रेट वाले लोन पर ऑफर की जाने वाली ब्याज दरें कम होती हैं।
  • मार्केट में उतार-चढ़ाव का असर इन ब्याज दरों पर पड़ता है। यानी फ्लोटिंग रेट पर लिए गए लोन की ब्याज दरें आगे चलकर कम हो सकती हैं जिसकी मदद से कस्टमर ब्याज लागत में बचत कर सकते हैं।
  • हालांकि, फ्लोटिंग रेट पर्सनल लोन की ब्याज दरों में आगे चलकर बढ़ोतरी भी हो सकती है, जिससे कस्टमर का बजट भी गड़बड़ा सकता है। और उनकी फाइनेंशियल प्लानिंग स्टेबल नहीं रहती।
  • फ्लोटिंग रेट पर लिए गए लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी का भुगतान नहीं करना पड़ता।

फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट में से किसका चुनाव करना चाहिए?

फिक्स्ड रेट या फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने से पहले कस्टमर को ऊपर बताई की बातों और अपनी आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए। फिक्स्ड रेट लोन का चुनाव तब करें, जब ब्याज दरों में आगे चलकर बढ़ोतरी की संभावना हो। लेकिन अगर आगे चलकर ब्याज दरों में और भी गिरावट होने के रुझान हैं, तब फ्लोटिंग रेट फायदेमंद साबित हो सकता है।

इसके साथ ही, किसी भी ब्याज दर को तय करने से पहले बैंकों द्वारा ऑफर की जा रही फ्लोटिंग और फिक्स्ड ब्याज दरों की तुलना ज़रूर करें और फैसला लें। अगर आपने फिक्स्ड रेट पर या फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, तो आप कुछ शुल्कों का भुगतान कर इसे फिक्स्ड रेट से फ्लोटिंग रेट में या फ्लोटिंग रेट से फिक्स्ड रेट में स्विच करने का विकल्प चुन सकते हैं।

फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों से संबंधित प्रश्न

फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों में क्या अंतर है?

  • फिक्स्ड ब्याज दरें: ऐसी ब्याज दरें जो लोन की पूरी अवधि के दौरान समान रहती हैं और इन पर मार्केट कंडीशन का कोई असर नहीं होता।
  • फ्लोटिंग ब्याज दरें: ऐसी ब्याज दरें जो बाज़ार के उतार-चढ़ाव के आधार पर तय होती हैं और उसी की आधार पर घट-बढ़ सकती हैं।

फिक्स्ड ब्याज दरों का चुनाव कब करें?

फिक्स्ड ब्याज दरें तब चुननी चाहिए, जब कस्टमर को फ्लोटिंग रेट के बढ़ने-घटने को लेकर कोई अंदाज़ा नहीं होता।

फ्लोटिंग रेट कब चुनें?

प्लोटिंग रेट पर लोन लेने का विचार तब करना चाहिए जब भविष्य में ब्याज दरों कम कम होने की उम्मीद हो।

क्या फिक्स्ड से फ्लोटिंग या फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट में बदला सकता है?

हां. लोन अवधि के दौरान आप फ्लोटिंग से फिक्स्ड या फिर फिक्स्ड से फ्लोटिंग ब्याज दरों को कंवर्ट कर सकते हैं।

क्या फ्लोटिंग रेट पर लिए गए लोन का प्री-पेमेंट कर सकते हैं? क्या इसमें कोई चार्ज लगता है?

हां, अगर आपने फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लोन लिया है तो आप इसका प्रीपेमेंट कर सकते हैं और इस पर प्रीपेमेंट करने पर कोई पेनेल्टी नहीं लगती।

क्या बैंकों के अलावा NBFCs भी फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट पर लोन लेने का विकल्प देते हैं?

हां. कई एनबीएफसी भी लोन लेते समय फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट में से किसी एक का चुनाव करने का विकल्प देते हैं।

क्या पर्सनल लोन में फिक्स्ड या फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने का विकल्प मिलता है?

हां, पर्सनल लोन में भी यह विकल्प मिलता है। इसके अलावा, होम लोन, व्हीकल लोन में भी कस्टमर को फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने का विकल्प दिया जाता है।

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