पर्सनल लोन

क्या एक से अधिक पर्सनल लोन लिया जा सकता है? जानिएं

क्या एक से अधिक पर्सनल लोन लिया जा सकता है? जानिएं
Vandana Punj
Vandana Punj

एक से अधिक पर्सनल लोन लेने की कोई मनाही नहीं है। हालांकि कोई भी बैंक या एनबीएफसी दूसरा लोन देने से पहले ये ज़रूर चेक करेगा कि आप एक समय में दो लोन मैनेज करने में समर्थ हैं या नहीं। इसके लिए बैंक आपका EMI/NMI रेश्यो यानी आप अपनी इनकम का कितना प्रतिशत लोन ईएमआई भुगतान में खर्च करते हैं, यह चेक करेगा। अगर यह प्रतिशत आपके मासिक इनकम का 50-55% (वर्तमान ईएमआई और लिये जाने वाले लोन की ईएमआई को मिलकर) होता है तो आपको मिल सकता है।

वहीं इससे अधिक रेश्यो वाले आवेदकों को लोन मिलना मुश्किल हो सकता है अगर लोन मिलता भी है तो उसकी ब्याज दरें अधिक हो सकती है। हालांकि EMI/NMI रेश्यो के अलावा बैंक आपकी इनकम, जॉब स्टैब्लिटी, आयु, क्रेडिट स्कोर और मौजूदा लोन राशि का मूल्यांकन करती है। इसके बाद ही निर्धारित करती है कि आपको लोन देना है या नहीं। अगर आप बैंक की क्राइटैरिया पर ख़रे उतरते हैं तो आपको लोन मिल जाएगा। वरना बैंक/NBFCs आपके दूसरे लोन आवेदन को खारिज़ कर सकता है।

एक से अधिक लोन लेने का प्रभाव

  • क्रेडिट स्कोर में गिरावट- जब भी आप पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं, ‘हार्ड इन्क्वायरी’ होती है। हार्ड इन्क्वायरी यानी बैंक या NBFCs आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर कुछ अंकों से कम हो जाता है। वहीं, अगर आप कम समय में अधिक बैंकों या एनबीएफसी के साथ लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर में भारी गिरावट आ सकती है। जिससे आपको भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आ सकती है।
  • लिक्विडिटी में कमी- एक से अधिक लोन लेने पर आपके पास लिक्विडिटी की कमी हो सकती है। यानी आपकी सैलरी या इनकम का ज़्यादा हिस्सा लोन ईएमआई भुगतान में चला जाएगा। जिससे आपके पास सेविंग स्कीम्स या दूसरे कामों के लिए खर्च करने के लिए पैसे कम बचेंगे।
  • नया लोन मिलने की संभावना कम होगी- अगर आप पहले से ही एक से अधिक लोन ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो ऐसे में नया लोन मिलने की संभावना बहुत कम है। हो सकता है आपने एक लोन डेट कंसोलिडेशन के लिए लिया हो, दूसरा लोन बच्चे की पढ़ाई के लिए लेना पड़ा हो। और अब अचानक इमरजेंसी के कारण आपको एक और लोन चाहिए, तो ऐसी स्थिति में तीसरा लोन मिलने की संभावना बहुत कम या न के बराबर होगी।

ये भी पढ़ें: नहीं मिल रहा पर्सनल लोन? ये लोन ऑप्शन आ सकते हैं आपके काम

क्या हमें एक ही लेंडर से पर्सनल लोन लेना चाहिए?

जब आप एक ही बैंक या एनबीएफसी के पास दूसरे लोन के लिए आवेदन करते हैं तो चेक करें कि उसकी शर्तें क्या हैं। जैसे कुछ बैंक एनबीएफसी अपनी इंटर्नल पॉलिसी के तहत किसी एक ही आवेदक को लोन देने की सीमा और राशि निर्धारित रखते हैं। यानी उससे अधिक वह एक ही आवेदक को लोन या लोन राशि नहीं देंगे।

उदाहरण से समझें- एक बैंक की पॉलिसी है कि वह एक आवेदक को 4 लाख रु. तक ही लोन दे सकता है। अगर आपने पहले से ही 3.50 लाख रु. का लोन ले रखा है। आपको और 1 लाख रु. लोन की जरूरत है। जाहिर है आपकी ये जरूरत अन्य उधारकर्ता से पूरी होगी।

दूसरे उधारकर्ता से पर्सनल लोन लेना

कोई भी अन्य उधारकर्ता लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर, इनकम, जॉब स्टैब्लिटी और डेब्ट टू इनकम रेश्यो जैसे फैक्ट चेक करेगा। यदि उसे लगेगा कि आप एक समय में कई सारे लोन को मैनेंज कर सकते हैं तो ही आपको लोन ऑफर करेगा। जो भी उधारकर्ता आपको कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करें, उससे ही लोन लें।

हमारी सलाह

आप एक से अधिक लोन तब ही लें जब आप उनका भुगतान करने की क्षमता रखते हों। या फिर आप टॉप-अप लोन ले सकते हैं। इससे आपके मौजूदा पर्सनल लोन की क्रेडिट लिमिट बढ़ जाएगी। आपको दूसरा लोन लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। हालांकि बैंक टॉप-अप लोन उनको ही देते हैं, जिनका लोन भुगतान रिकॉर्ड अच्छा रहा हो और जिन्होंने अपने मौजूदा लोन की राशि का एक सीमा तक भुगतान कर दिया हो। टॉप-अप पर्सनल लोन की ब्याज दरें आमतौर पर आपके मौजूदा लोन के बराबर ही होती है। साथ ही टॉप-अप लोन का इस्तेमाल भी पर्सनल लोन की ही तरह किसी भी काम के लिए लिया जा सकता है।

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