कई लोग अपने पर्सनल लोन को ट्रान्सफर करते हैं, क्योंकि उन्हें किसी अन्य बैंक/ NBFC से कम ब्याज दर और बेहतर शर्तों पर लोन ट्रांसफर करने का ऑफर मिल जाता है। लेकिन क्या बैलेंस ट्रान्सफर करना हमेशा फ़ायदे का सौदा होता है? अगर आप भी अपने पर्सनल लोन को ट्रान्सफर करने वाले हैं, तो पहले नीचे दी गई बातों पर विचार कर लें।
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असल बचत का हिसाब लगाएं
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रान्सफर का मुख्य उद्देश्य बचत करना ही होता है। लेकिन क्या केवल कम ब्याज दर मिलने से आप लोन भुगतान पर बचत कर पाएँगे? अपना लोन ट्रान्सफर करने से पहले ब्याज दर के अलावा ये भी देखें कि लोन को ट्रान्सफर करने की लागत कितनी है।
बैंकों द्वारा लोन बैलेंस ट्रांसफर एप्लीकेशन को नए लोन एप्लीकेशन के रूप में ही माना जाता है, इसलिए वो नए लोन एप्लीकेशन की प्रक्रिया के समय लगने वाले चार्ज, एडमिनिस्ट्रेटिव फीस और अन्य शुल्क लेते हैं। आपको कम ब्याज दर से जो बचत हो रही है उसमें से फ़ीस और अन्य खर्च को घटाना चाहिए और फिर देखना चाहिए कि असल बचत कितनी है।
लोन अवधि के अंत में ट्रान्सफर ना करें
लोन अवधि के अंत के समय में लोन को ट्रांसफर करना ज़्यादा लाभदायक साबित नहीं होगा। क्योंकि लोन का रीपेमेंट स्ट्रक्चर इस तरह का होता है कि आप लोन भुगतान अवधि के शुरुआती समय में ही मैक्सिमम ब्याज का भुगतान कर देते हैं, और अवधि के अंत में मूल लोन राशि चुकाते हैं, इसलिए ही अवधि के अंत में बैलेंस ट्रान्सफर करने पर बड़ी बचत होने की गुंजाइश कम होती है।
लोन ट्रान्सफर करने के बाद नए बैंक में उसकी भुगतान अवधि बढ़ानी चाहिए। लोन की अवधि बढ़ाने से आपको ज़्यादा ब्याज देना पड़ता है। वो लोग जो अपनी ईएमआई राशि को कम करना चाहते हैं, उन्हें ही लम्बी अवधि का विकल्प चुनना चाहिए। ऐसे उधारकर्ताओं को अपनी ब्याज लागत को कम करने के लिए बाद में, जब भी उनके पास अतिरिक्त धनराशि हो, प्री-पेमेंट करने की कोशिश करनी चाहिए।
ब्याज दर के अलावा अन्य बातों पर भी ध्यान दें
जब आप अपना पर्सनल लोन ट्रान्सफर करते हैं तो आपको कम ब्याज दर के अलावा, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बैंक नए लोन एग्रीमेंट में भारी प्री-पेमेंट और फोरक्लोज़र फ़ीस तो लागू नहीं कर रहा है। अगर आप कुछ समय बाद लोन को फ्लोक्लोज़ करना चाहते हैं या उसके जल्दी भुगतान के लिए ईएमआई के अलावा कुछ प्री-पेमेंट करना चाहते हैं, तो इसकी फ़ीस अधिक होने से आपको कोई ख़ास बचत नहीं होगी। कोशिश करें कि प्री-पेमेंट और फोरक्लोज़र फ़ीस या तो ज़ीरो हो या फिर बहुँत कम।
इसके अलावा, अपना पर्सनल लोन ट्रान्सफर करने से पहले अधिक से अधिक बैंकों के ऑफर की तुलना करें क्योंकि कई बैंक कम ब्याज दर के अतिरिक्त, ज़ीरो प्रोसेसिंग फ़ीस, लोन की आखिरी ईएमआई माफ़ करने जैसे ऑफर भी देते हैं, जिनसे आपकी होने वाली बचत बढ़ सकती है। साथ ही ध्यान दें की नया बैंक आपको टॉप-अप लोन की सुविधा भी दे रहा है या नहीं, ताकि बाद में कभी पैसों की ज़रूरत पड़ने पर आपको परेशानी का सामना ना करना पड़े।
पर्सनल लोन को ट्रान्सफर करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन तभी जब आप केवल कम ब्याज दर को देखकर ये निर्णय ना लें, बल्कि बैलेंस ट्रान्सफर की प्रक्रिया में लगने वाला खर्च, उससे जुड़े नियम व शर्तें और टॉप-अप लोन जैसी फैसिलिटी पर विचार करने बाद सही फैसला लें।