अक्सर लोग अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक से ज़्यादा लोन ले लेते हैं, जिससे वे धीरे-धीरे लोन के जाल में फंस जाते हैं। ऐसे में डेट कंसोलिडेशन आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। जब आप कई सारे लोन का भुगतान करने के लिए एक सिंगल लोन लेते हैं, तो उसे डेट कंसोलिडेशन के नाम से जाना जाता है। अधिकतर लोन डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन लेते हैं। आइए जानते हैं डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन लेने के क्या फायदें हैं:-
डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन लेने के फायदें
- ब्याज में बचत: अगर आपने कई लोन लिए हैं जिनकी ब्याज दरें काफी अधिक हैं, तो ऐसे में कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन लेकर इनका भुगतान करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। सिर्फ लोन ही नहीं बल्कि क्रेडिट कार्ड का बिल या किसी अन्य कर्ज़ के भुगतान के लिए पर्सनल लोन लिया जा सकता है। चूंकि क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान न करने पर भारी ब्याज लगता है,जिसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में काफी अधिक होती हैं। ऐसे में आप पुराने कर्ज़ के भुगतान के लिए पर्सनल लोन लेकर ब्याज में काफी बचत कर सकते हैं।
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- कोलैटरल/सिक्योरिटी की ज़रूरत नहीं: अनसिक्योर्ड होने की वजह से पर्सनल लोन में कोई भी कोलैटरल या सिक्योरिटी जमा नहीं करनी होती। यानी बिना कुछ गिरवी रखे आप पर्सनल लोन का लाभ उठा सकते हैं। जबकि सिक्योर्ड लोन के मामले में बैंक के पास कोलैटरल जैसे कि प्रोपर्टी, बॉन्ड, शेयर्स आदि जमा करने होते हैं। डिफॉल्ट करने या लोन न चुका पाने पर बैंक कोलैटरल को बेचकर अपने नुकसान की भरपाई कर सकता है।.सिक्योर्ड लोन की तरह पर्सनल लोन में इस तरह का कोई रिस्क नहीं होता।
- तुरंत लोन मिल जाता है: पर्सनल लोन प्राप्त करने के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ता। आप घर बैठे ऑनलाइन पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं। आजकल इंस्टेंट पर्सनल लोन के आ जाने से यह प्रक्रिया और भी तेज़ हो चुकी है। इसके साथ ही कई बैंक अपने मौजूदा कस्टमर्स को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन भी प्रदान करते हैं। प्री-अप्रूव्ड होने की वजह से आवेदन करने के कुछ समय के भीतर लोन राशि आवेदक के अकाउंट में जमा कर दी जाती है।
- अधिक दस्तावेज़ों की ज़रूरत नहीं: पर्सनल लोन लेने के लिए कम दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है। सिक्योर्ड लोन जैसे कि प्रोपर्टी के बदले लोन (Loan Against Property), शेयर्स के बदले लोन आदि में अन्य दस्तावेज़ों के साथ कोलैटरल संबंधित दस्तावेज़ भी जमा करने पड़ते हैं। लेकिन पर्सनल लोन में दस्तावेज़ जमा करने से लेकर इसके वेरिफाई होने तक की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुज़रना पड़ता। आजकल तो कई बैंक अपने मौजूदा कस्टमर्स को कम से कम दस्तावेज़ों पर पर्सनल लोन प्रदान करते हैं।
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निष्कर्ष
अगर आपने अधिक ब्याज दरों पर लोन ले रखे हैं और साथ में क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान नहीं कर पा रहें हैं तो ऐसे में एक नया लोन लेकर इन सभी लोन का भुगतान करना समझदारी है। क्योंकि अलग-अलग लोन के भुगतान की तारीख भी अलग-अलग होगी। ऐसे में हमेशा ईएमआई भुगतान की तारीख को याद व सभी लोन को मैनेज करना काफी तनावपूर्ण साबित हो सकता है। अगर आप पर्सनल लोन लेते हैं तो आपको एक निश्चित तारीख और ब्याज दरों पर बकाया राशि का भुगतान करना होगा, जिससे आप आसानी से और जल्द लोन का भुगतान कर सकेंगे।