मनरेगा को भारत सरकार की तरफ से शुरू किए गए सबसे बड़े रोज़गार कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। इस स्कीम के तहत साल में कम से कम 100 दिन रोज़गार उपलब्ध कराने की गारंटी प्रदान की जाती है। इस स्कीम का लाभ पूरे देशभर में मिलता है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
मनरेगा क्या है?
- मनरेगा का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना है जिसकी शुरुआत साल 2005 में की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की सुरक्षा बढ़ाना है।
- मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिनों की रोज़गार की गारंटी प्रदान की जाती है।
- इसके लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को 15 दिनों के भीतर काम देने की गारंटी दी जाती है। ऐसा न होने पर उसे ‘बेरोज़गारी भत्ता’ दिया जाता है।
नरेगा जॉब कार्ड क्या है?
- मनरेगा के अन्तर्गत आने वाले मज़दूरों को नरेगा जॉब कार्ड (NREGA job card) दिया जाता है।
- यह कार्ड स्थानीय ग्राम पंचायत में रजिस्टर करने बाद दिया जाता है।
- नरेगा जॉब कार्ड में रजिस्ट्रेशन नंबर, आवेदक के विवरण समेत अन्य जानकारियां होती हैं।
- इस कार्ड की मदद से व्यक्ति स्थानीय ग्राम पंचायत में काम के लिए आवेदन कर सकता है।
- नरेगा जॉब कार्ड को प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल बैंकों में लोन के लिए या KYC आदि के लिए किया जा सकता है।
- यह कार्ड 5 साल के लिए वैलिड होता है जिसके बाद इसे ग्राम पंचायत में जाकर रिन्यू (nrega job card renewal) करना पड़ता है।
- इस कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को एक फॉर्म भरकर जमा कराना पड़ता है। साथ में पहचान और जाति प्रमाण जैसे दस्तावेज़ देने पड़ते हैं।
मनरेगा स्कीम का लाभ कौन उठा सकता है?
मनरेगा स्कीम का लाभ उठाने के लिए कुछ योग्यता शर्तें तय की गई है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:-
- मनरेगा का लाभ सिर्फ भारतीय नागरिकों को मिलता है।
- आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
- आवेदक को अकुशल श्रम करना होगा।
- व्यक्ति किसी स्थानीय परिवार का हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि नरेगा के लिए ग्राम पंचायत में आवेदन किया जा सकता है।
मनरेगा स्कीम के क्या-क्या लाभ हैं?
- इस योजना के तहत व्यक्ति को एक साल में कम से कम 100 दिन का रोज़गार दिया जाता है।
- योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी को कम करना है।
- योजना के तहत काम दिया जाता है, काम न होने पर बेरोज़गारी भत्ता मिलता है।
- काम करने के 15 दिनों के भीतर पेमेंट कर दिया जाता है।
- मनरेगा के तहत महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को शामिल किया जाता है, जिससे समाज के इस तबके को भी आय अर्जित करने का अवसर मिलता है।
- योजना के तहत आय का भुगतान बैंक में किया जाता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने का अवसर मिलता है।
- देश के ज्यादातर मज़दूरों को काम की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य जाना पड़ता है। लेकिन मनरेगा के अंतर्गत उन्हें उनके स्थान से 5 किलोमीटर के दायरे में ही रोज़गार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
मनरेगा से संबंधित प्रश्न
नरेगा और मनरेगा में क्या अंतर है?
यह दोनों एक ही स्कीम के नाम हैं। इस स्कीम को 2005 में नरेगा के नाम से लॉन्च किया गया था। बाद में 2009 में इसका नाम मनरेगा (MGNREGA) कर दिया गया।
क्या मनरेगा सुविधा का लाभ विशेष राज्यों और जिलों में मिलता है?
नहीं, इसका लाभ पूरे देश भर में दिया जाता है।
क्या वरिष्ठ नागिरकों को नरेगा स्कीम का लाभ मिलता है?
हां, वरिष्ठ नागरिक भी इस स्कीम के तहत लाभ ले सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे काम दिए जाते हैं जिसमें कम शारीरिक श्रम लगता हो।
नरेगा जॉब कार्ड क्या है?
नरेगा स्कीम का लाभ उठाने वाले श्रमिकों को नरेगा जॉब कार्ड प्रदान किया जाता है।
मनरेगा स्कीम को सबसे पहले किस राज्य में लागू किया गया था?
इस स्कीम को सबसे पहले आंध्र प्रदेश में लागू किया गया था।
MGNREGA का फुल फॉर्म क्या है?
MGNREGA का फुल फॉर्म ‘ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) है।
नरेगा जॉब कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कब किया जाता है?
इस कार्ड के लिए आप साल में कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
MGNREGA ऐप क्या है?
MGNREGA ऐप के ज़रिए व्यक्ति अपने नज़दीकी ग्राम पंचायत से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, इस स्कीम के तहत मिलने वाले कामों की जानकारी, पेमेंट संबंधित जानकारी और नई स्कीम्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
NREGA अकाउंट बैलेंस कैसे चेक करें?
ऑनलाइन NREGA अकाउंट बैलेंस चेक करने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।