पैसे बढ़ाने के लिए भारत में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी जोखिम लेने की क्षमता, निवेश की अवधि आदि जैसे कारकों को देखते हुए चुन सकते हैं। जो लोग अपने निवेश पर न्यूनतम जोखिम के साथ गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए फिक्स्ड डिपॉज़िट और रेकरिंग डिपॉज़िट एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि इन दोनों में से किसमें निवेश करना बेहतर होगा, और एफडी और आरडी में अंतर जानने के लिए लेख पढ़ें।
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी) क्या है?
फिक्स्ड डिपॉज़िट में निवेशक एकमुश्त राशि एक तय समयावधि के लिए निवेश करते हैं। जिस पर उन्हें मासिक, क्वाटर्ली, हाफ- ईयरली, वार्षिक आधार पर ब्याज दिया जाता है। ब्याज समेत ये राशि निवेशक को एफडी की मैच्योरिटी पर प्रदान की जाती है। अगर आप FD की मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालते हैं तो इसे प्रीमैच्योर एफडी विड्रॉल कहते हैं, इसके लिए बैंक कुछ राशि पेनल्टी (जुर्माना) के रूप में लेते हैं।
रेकरिंग डिपॉज़िट (आरडी) क्या है?
इसमें निवेशक प्रति माह एक निश्चित राशि एक तय समयावधि के लिए जमा करते हैं। इस पर भी इंटरेस्ट एफडी की तरह ही मिलता है। जो ब्याज समेत मैच्योरिटी पर दिया जाता है। इसमें निवेशक न्यूनतम 500 रु से लेकर अधिकतम कितनी भी राशि आरडी करवा सकते हैं और जमा की मैच्योरिटी अवधि अपने ज़रूरत अनुसार चुन सकते हैं।
एफडी और आरडी में अंतर
एफडी और आरडी में मुख्य अंतर निम्नलिखित प्रकार है:
- निवेश का उद्देश्य – एफडी में आप अपनी अधिशेष (सरप्लस) धनराशि को निवेश कर उस पर सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। जबकि रेकरिंग डिपॉज़िट (Recurring Deposit) बचत की आदत बनाने में मददगार है।
- डिपॉज़िट की अवधि – सावधि जमा (एफडी) में न्यूनतम 7 दिन से लेकर अधिकतम 10 साल के लिए निवेश कर सकते हैं। जबकि आरडी में निवेश की अवधि 6 माह से लेकर 5 साल होती है। जिसे आप और 5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।
- रिन्यूवल – फिक्स्ड डिपॉज़िट (Fixed Deposit) ऑटो रिन्यूव्ल होता है यानी मैच्योरिटी पर खुद रिन्यू हो सकता है। जबकि आरडी में ऑटो- रिन्यू का ऑप्शन नहीं होता है।
- लोन – इमरजेंसी में पैसों की ज़रूरत पड़ने पर एफडी पर लोन लिया जा सकता है, या फिर क्रेडिट कार्ड न मिलने पर एफडी पर क्रेडिट कार्ड भी ले सकते हैं। जबकि आरडी में ऐसी सुविधा नहीं होती है।
- निवेश राशि – न्यूनतम 1000 रु. और अधिकतम कितनी भी राशि एफडी करवा सकते हैं। हालांकि ये राशि एकमुश्त होगी। जबकि आप न्यूनतम 100 रु. से भी आरडी शुरू कर सकते हैं और यह राशि आपको प्रति माह निश्चित समय तक देना होगा।
- प्री-मैच्योर विड्रॉल – एफडी जिसे टर्म डिपॉजिट भी कहते है, इसे समय से पहले तोड़ने पर बैंक में जुर्माना भरना होता है। जुर्माने की राशि एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग होती है। जबकि RD में समय से पहले निकासी कर सकते हैं। लेकिन निवेशक को निवेश समय आरडी प्रीमैच्योर विड्रॉल का ऑप्शन चुनना होगा, जिसके बदले उसे सामान्य आरडी की तुलना में 1% कम इंटरेस्ट दिया जाता है।
- टैक्स बेनिफिट – टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करके आप 1.5 लाख रु. तक का कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जबकि आरडी में इस तरह का कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है।
एफडी और आरडी किसमें मिलेगा अधिक रिटर्न?
फिक्स्ड डिपॉज़िट और रेकरिंग डिपॉज़िट दोनों में से किसमें अधिक रिटर्न मिलेगा, आइए उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिए आपने 3 साल के लिए 72000 रु. एफडी करवाया। जिस पर 7.2% का ब्याज मिल रहा है। इस तरह ब्याज 17301 रु. समेत मैच्योरिटी पर कुल मिलने वाली राशि 89301 होगी। जबकि आरडी के मामले में, अगर आप 3 साल के लिए प्रति माह 2,000 रु. जमा करते हैं, जिस पर 7.2% का इंटरेस्ट मिल रहा है।
तो इस तरह 8581 रु. ब्याज समेत मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि 80581 रु. होगी। एफडी और आरडी दोनों की मैच्योरिटी अमाउंट को देखें तो 8720 रु. का अंतर है। यानी समान राशि और समान अवधि पर आरडी की तुलना में एफडी 8720 रु. अधिक रिटर्न दे रहा है। एफडी कैलकुलेटर की मदद से आप आसानी से यह निर्धारित कर सकते हैं कि कितना पैसा, किस ब्याज दर पर, कितने समय के लिए निवेश करने पर आपको कितना रिटर्न मिलेगा।
एफडी और आरडी आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर?
FD उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन है जिनके पास अधिशेष धनराशि है और वह उस पर अपने सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक ब्याज प्राप्त करना चाहते हैं। जबकि आरडी उन लोगों के लिए है जो एक साथ बड़ी राशि जमा नहीं कर सकते और बचत की आदत बनाना चाहते हैं। हालांकि दोनों विकल्पों में से किसी एक का चुनाव निवेशक के क्षमता और वित्तीय लक्ष्य पर निर्भर करता है।
FD vs RD से संबंधित सवाल
आरडी (RD) का फुल फॉर्म क्या होता है?
रेकरिंग डिपॉज़िट को शॉर्ट में आरडी (RD) कहते हैं।
आरडी में कौन निवेश कर सकता है?
देश का कोई भी नागरिक आरडी में निवेश कर सकता है। यह उन लोगों के लिए अच्छा निवेश विकल्प है जो बचत की आदत बनाना चाहते हैं और छोटी राशि प्रति माह जमा करना चाहते हैं।
एफडी में कौन निवेश कर सकता है?
जो अपने अधिशेष राशि का एक बार में निवेश करना चाहते हैं और उस पर अच्छा व फिक्स्ड रिटर्न पाना चाहते हैं उनके लिए फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी) अच्छा ऑप्शन है। देश के किसी बैंक व एनबीएफसी में एफडी अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
क्या एफडी और आरडी की ब्याज दरें एक समान है?
नहीं, एफडी और आरडी की ब्याज दरें अलग-अलग होती है। आमतौर पर एफडी की ब्याज दरें आरडी की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि एफडी में एकमुश्त पैसे जमा किया जाता है। जबकि आरडी की ब्याज दरें उसके निवेश अवधि के आधार पर निर्भर करती है। हालांकि एफडी इंटरेस्ट रेट भी उसके निवेश अवधि के आधार पर अलग-अलग होती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉज़िट में क्या अंतर (FD and RD difference) है?
एफडी जिसे टर्म डिपॉजिट भी कहते हैं। इसमें एकमुश्त पैसा एक तय समयावधि के लिए जमा करना होता है। जबकि आरडी में एक तय समयावधि के लिए प्रति माह निवेश करना होता है। हालांकि दोनों में गारंटीड रिटर्न मिलता है यानी सुरक्षित निवेश विकल्प है।
क्या एफडी को मैच्योरिटी से पहले निकाल सकते हैं?
हां, एफडी को मैच्योरिटी से पहले निकाला जा सकता है। यानी प्री-मैच्योर विड्रॉल (FD Premature Withdrawal ) कर सकते हैं। हालांकि कुछ वित्तीय संस्थान प्री-मैच्योरिटी पर पेनल्टी या चार्जेस लेते हैं, जोकि एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग होता है।