समय से (31 जुलाई 2024 तक या उससे पहले) इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों के लिए आयकर विभाग ने रिफंड जारी कर दिया है। लेकिन अगर आप उन टैक्सपेयर्स में से एक है जिन्हें अब तक रिफंड प्राप्त नहीं हुआ है, तो ये लेख आपके लिए है। रिफंड में देरी होने के कई कारण हो सकते हैं। चलिए इस लेख में उन कारणों को जानते हैं जिनकी वजह से रिफंड में देरी होती है और साथ ही जानेंगे कि रिफंड में देरी होने पर क्या करना चाहिए:
रिफंड में देरी होने के कारण
आमतौर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आईटीआर वैरिफाई होने के 20-45 दिनों के भीतर रिफंड कर देती है। हालांकि कुछ मामलों में इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है। ये वजहें क्या हैं, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है:
- अधूरा वैरिफिकेशन प्रोसेस- आईटीआर को इलेक्ट्रानिक वैरिफिकेशन कोड (EVC) या सिग्नेचर किए हुए ITR-V फॉर्म को जमा करके वैरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होती है लेकिन अगर कोई करदाता ये प्रक्रिया पूरी नहीं करता है तो उसे रिफंड मिलने में देरी हो सकती है।
- टैक्स रिटर्न में गलती- ITR फाइल करते समय सही इनकम न बताना या कोई डॉक्यूमेंट सबमिट न करना आदि जैसी गलतियों की वजह से भी रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। क्योंकि इनके वैरिफिकेशन में अतिरिक्त समय लगता है जिससे रिफंड मिलने में वक्त लगता है।
- रिटर्न की जांच- आईटीआर फाइल करते समय करदाता कई तरह की जानकारियां देते हैं। उन जानकारियों को वैरिफाई करने के लिए आयकर विभाग कभी-कभी रिटर्न की जांच का चयन करता है। और जब तक वैरिफिकेशन पूरा नहीं होता रिफंड की प्रक्रिया रोक दी जाती है।
- आईटीआर और फॉर्म 26AS में अंतर- अगर करदाता के रिटर्न में बताए गए टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) और फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी के बीच अंतर होने से रिफंड में देरी हो सकती है।
- गलत बैंक डिटेल्स- अगर आईटीआर फाइल करते समय करदाता द्वारा दी गई बैंक डिटेल्स गलत या अधूरी है तो रिफंड जमा नहीं हो सकता है।
- लंबित बकाया- अगर करदाता का पिछले साल का कोई टैक्स बकाया है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस साल के रिफंड पैसों को बकाया में शामिल कर सकता है, जिससे रिफंड मिलने में देरी हो सकती है या रिफंड राशि कम हो सकती है।
नोट- उपरोक्त मामलों में रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। हालांकि 1 साल से अधिक समय तक रिफंड न मिलने पर इनकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 244A के तहत करदाता रिफंड राशि पर इंटरेस्ट पाने का हकदार होगा।
रिफंड मिलने में देरी होने पर क्या करें?
- इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करें- ITR पोर्टल पर लॉगिन करें और अपने रिफंड का स्टेटस ट्रैक करें। इससे आपको पता चल जाएगा कि वह प्रोसेस्ड हो गया है या अभी भी पेंडिंग है। फिर आप ज़रूरत अनुसार सुधार संबंधी कदम उठा सकते हैं।
- टैक्स ऑथिरिटी से संपर्क करें- अगर रिफंड मिलने में काफी देरी हो रही है, तो स्पष्टीकरण के लिए आयकर विभाग से संपर्क करें। इसके लिए इनकम टैक्स पोर्टल के e-Nivaran सेक्शन पर जा सकते हैं या फिर सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) से संपर्क कर सकते हैं। आपके रिफंड की स्थिति (ITR Refund Status) के बारे में पूछताछ के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर है। ये नंबर 1800 1034455 रिफंड से संबंधित जानकारी के लिए है।
- गलतियों को सुधारें- अपने इनकम टैक्स रिटर्न को दुबारा से चेक करें और किसी तरह की गलती जैसे बैंक डिटेल्स या आय सही न होने पर उसमें सुधार के लिए पोर्टल पर आवेदन करें। ऐसा करने से आपके रिफंड प्रोसेस में तेजी आ सकती है।
इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस कैसे चेक करें?
इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक (Check Refund Status) करने के लिए आयकर के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। यहां रिफंड स्टेटस ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद निम्नलिखित प्रोसेस को फॉलो करें:
- ई-फाइलिंग पोर्टल के होमपेज पर जाएं
- यहां यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करें (आधार का पैन कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है वरना आप आगे की प्रक्रिया नहीं कर पाएंगे)
- इसके बाद ई-फाइल टैब पर जाकर,Income Tax Returns और View Filed Returns पर क्लिक करें
- अब आप इच्छानुसार एसेसमेंट ईयर का रिफंड स्टेटस चेक कर सकते हैं।
ITR रिफंड से संबंधित सवाल
आईटीआर फाइल करने के कितने दिनों बाद रिफंड मिलता है ?
आमतौर पर ITR फाइल करने के 20-45 दिनों के भीतर रिफंड आ जाता है। आप अपने रिफंड का स्टेटस इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाकर ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
आईटीआर के लिए फॉर्म 26एएस क्या होता है?
फॉर्म 26AS में किसी करदाता के आय के विभिन्न स्रोतों से टीडीएस या टीसीएस के रूप में काटी गई राशि की डिटेल्स होती है। इसके अलावा इसमें एडवांस टैक्स, सेल्फ एसेसमेंट टैक्स भुगतान और हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन से संबंधित जानकारियां भी होती है।
इनकम टैक्स रिफंड कैसे मिलता है?
टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए समय से आईटीआर फाइल करना ज़रूरी है। आप इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आईटीआर फाइल कर सकते हैं। इसके बाद ई-वैरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करना होता है, फिर इनकम टैक्स आपके रिटर्न का मूल्यांकन करता है। अगर सबकुछ सही रहा और आपका रिफंड बनता है तो डिपार्टमेंट आपको नोटिफिकेशन या ईमेल भेजेगा। इस तरह आईटीआर फाइल करने के 4-5 सप्ताह में रिफंड आता है।
इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) क्या होता है?
अगर आपकी कंपनी या कोई और टीडीएस के रूप में आपका कुछ पैसा काट चुका है, लेकिन आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है तो आप उस रकम को पाने के हकदार है। जिसके लिए आप आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अब ज्यादातर टैक्सपेयर्स को ITR फाइल करने के 2 सप्ताह के भीतर रिफंड मिलने लगता है।