MSME को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है क्योंकि MSME ने देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज के इस लेख में हम MSME क्या है (What is MSME), इसकी विशेषताएं और इसके प्रकार समेत बहुत कुछ जानेगे। तो चलिए शुरू करते है…
MSME फुल फॉर्म (MSME Full Form)
MSME का पूरा अर्थ है सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (Micro, Small, and Medium Enterprises)
MSME क्या है (What is MSME)
भारत सरकार ने 2006 में MSME की शुरुआत की। यह रोजगार के अवसर पैदा करता है और पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में कार्य करता है। भारत में लगभग 6.3 करोड़ MSME हैं।
MSME की प्रमुख विशेषताएं (MSME Key Features)
- MSME रोजगार के अवसर बढ़ाकर लोन और अन्य सेवाएं प्रदान करके श्रमिकों और कारीगरों की सहायता करते हैं।
- टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट और मॉडर्नाइज़ेशन को सपोर्ट करता है
- नए बिज़नेस को बढ़ावा देने के लिए यह स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग सेंटर का सहारा लेता हैं।
- ये उद्यम (Enterprises) उद्यमशीलता (Entrepreneurship) को प्रोत्साहित करते हैं।
- डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्किट को सहायता प्रदान करते हैं।
- मॉडर्न टेस्टिंग फैसिलिटी और क्वालिटी सर्टिफिकेशन जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं।
- पैकेजिंग, प्रोडक्ट डिवेलपमेंट और डिजाइन इंटरवेन्शन जैसी चीजों में अपना योगदान देता हैं।
MSME को उनके टर्नओवर और निवेश के अनुसार बांटा गया है
2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना (Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan Scheme) के अनुसार MSME को नए तरीके से बांटा गया है:
- माइक्रो इंडस्ट्री में निवेश और एनुअल टर्नओवर की बात करें तो 1 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया गया हैं जिसमे 5 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर हैं।
- दूसरी तरफ स्मॉल इंडस्ट्री में 50 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया गया हैं जिसमे 250 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर हैं।
- मीडियम व्यवसायों में 50 करोड़ रुपये से कम के निवेश के साथ 250 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर हैं।
MSME उद्योग में अवसर बड़े पैमाने पर हैं:
- फंडिंग – फाइनेंस और सब्सिडी
- एक्सपोर्ट के लिए भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना
- सरकार का प्रचार और साथ
- डोमेस्टिक मार्किट में बढ़ोतरी की मांग
- कम पैसों की आवश्यकता
- लोगों को दी जाने वाली ट्रेनिंग
- कच्चे माल और मशीनरी की खरीद
MSME के लिए यह सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं
भारतीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की भूमिका को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने आरबीआई के साथ मिलकर MSME उद्यमियों की मदद के लिए योजनाएं शुरू की हैं। जो इस प्रकार है…
- MSME समाधान
- उद्योग आधार
- मुद्रा
- ZED योजना
- मेक इन इंडिया
- स्टैंड-अप इंडिया
- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
- माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज क्लस्टर डिवेलपमेंट (MSE-CDP)
- ईडीपी/एमडीपी योजनाएं
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTMSE)
- मार्केटिंग असिस्टेंस एंड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन (MATU)
- MSME मार्केट डिवेलपमेंट असिस्टेंस (MDA) आदि।
MSME का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
MSME देश की GDP में लगभग 27% का योगदान देता है। यह मुख्य रूप से पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के विकास के लिए काम करता है। 2021-22 की आधिकारिक MSME वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में MSME की कुल संख्या 6,33,88,000 है, जिनमें से 3,24,88,000 MSME (51.25%) ग्रामीण क्षेत्र में हैं और 3,09,00,000 लाख MSME (48.75%) शहरी क्षेत्रों में हैं।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा उपलब्ध कराए गए 25 नवंबर 2022 तक IBEF.com के आधिकारिक डेटा के अनुसार, भारत में उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर 12,201,448 MSME रजिस्ट्रेशन हैं, जिसमें सूक्ष्म उद्यम 11,735,117 (96.17%) हैं। ), छोटे उद्यम 426,864 (3.49%) और मध्यम के उद्यम 39,467 (0.32%) हैं।
MSME से जुड़े प्रश्न
MSME क्या होता है? (What is MSME)
MSME का मतलब: एमएसएमई का मतलब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम है। 2006 के MSMED अधिनियम के अनुसार, ये कंपनियां अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स में शामिल हैं जहां मशीनरी/उपकरण फंडिंग और वार्षिक कारोबार तय सीमा के अनुसार होना चाहिए।
MSME की फुल फॉर्म क्या है? (What is MSME Full Form)
MSME का पूरा अर्थ है सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम है। (Micro, Small, and Medium Enterprises)
MSME की नई परिभाषा में क्या बदलाव किया गया है?
पहले, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और सर्विस सेक्टर के लिए MSME क्राइटेरिया अलग-अलग थे। अब नई MSME परिभाषा में कंपनी का सालाना टर्नओवर भी शामिल है।
MSME की नई परिभाषा क्या है?
माइक्रो इंडस्ट्री में 1 करोड़ रुपये से कम का निवेश, जिसमे 5 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर हैं।
स्मॉल इंडस्ट्री में 50 करोड़ रुपये से कम का निवेश और 250 करोड़ रुपये से कम का टर्नओवर होना चाहिए।
मीडियम व्यवसायों जिनमें 50 करोड़ से कम का निवेश किया गया है और टर्नओवर 250 करोड़ तक है।
MSME के कितने प्रकार है? (Types of MSME)
MSMEको दो प्रकारों में बांटा गया हैं. मैनुफैक्चरिंग उद्यम यानी उत्पादन करने वाली यूनिट और दूसरा है सर्विस एमएसएमई यूनिट यह मुख्य रुप से सर्विस देने का काम करती हैं।