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टीडीएस क्या होता है? यह कैसे काम करता है? जानिए

टीडीएस क्या होता है? यह कैसे काम करता है? जानिए
Bharti
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टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स  (Tax Deducted at Source-TDS) इनकम टैक्स का एक दूसरा रूप है। इसके तहत आय के अलग-अलग स्त्रोतों यानी सैलरी, ब्याज आदि से टैक्स काटा जाता है। टीडीएस के तहत आय के स्रोतों की सूची का जिक्र इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 192 से 194L में किया गया है। अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों को सैलरी देने से पहले इस पर टैक्स काटती हैं और सीधे इसे सरकार के पास जमा कराती हैं। इसी तरह, अगर आपने कोई निवेश किया है तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर भी टीडीएस काटा जाता है।

टीडीएस कैसे काम करता है?

किसी भी एंटिटी द्वारा (जो टीडीएस के अधीन है) भुगतान की गई राशि में से एक निश्चित प्रतिशत टीडीएस के रूप में काटा जाता है और शेष राशि का भुगतान कर्मचारी को किया जाता है। इसके साथ ही, काटी गई रकम की जानकारी के साथ एक सर्टिफिकेट कर्मचारी को दिया जाता है। जब एंटिटी सैलरी से काटे गए टैक्स को सरकार के पास जमा कर देती है, तब वह राशि कर्मचारी के फॉर्म 26AS/AIS में दिखाई देती है। अगर व्यक्ति की इनकम तय सीमा से कम है, तो उसी फाइनेंशियल ईयर में वो अपने टीडीएस अमाउंट को क्लेम कर सकता है।

सैलरी से कितना टीडीएस काटा जाता है?

अगर आपकी सैलरी तय सीमा से अधिक है, तो उसके आधार पर टीडीएस काटा (tds deduction rules in hindi) जाएगा। कितना टीडीएस काटना है इस रकम को कैलकुलेट करने के लिए आपकी कुल सालाना सैलरी और टैक्स स्लैब के मुताबिक तय किया जाता है। इसी तरह निवेश के मामले में भी एक तय सीमा के बाद टीडीएस काटा जाता है।

उदाहरण के लिए अगर आपने एफडी (Fixed Deposit) में निवेश किया है और उस पर एक साल में मिलने वाला ब्याज 40,000 रु. से अधिक है तो आपको टीडीएस देना होगा। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह सीमा 50,000 रु. तक है।

सैलरी पर कितना टीडीएस कटा है कैसे चेक करें?

आप फॉर्म 26AS के माध्यम से यह चेक कर सकते हैं कि आपकी सैलरी से कितना टैक्स कटा है। इसे देखने के लिए इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:-

  • इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
  • अकाउंट बनाएं, अगर अकाउंट बना हुआ है तो लॉगिन करें
  • इसके बाद  ‘My Account’ पर जाएं
  • ‘View Form 26AS’ पर क्लिक करें
  •  ‘Year’  चुनें और ‘PDF format’ सिलेक्ट करें
  • इसके बाद डाउनलोड का विकल्प चुनें

*इस फाइल में पासवर्ड लगा रहता है, जिसे आप पैन कार्ड में दर्ज जन्म तिथि के ज़रिए ओपन कर सकते हैं।

टीडीएस कटने से कैसे रोके?

अगर आपकी इनकम तय लिमिट से कम है तो टीडीएस की कटौती को रोकने के लिए फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा करना पड़ता है। ध्यान रहे, फॉर्म 15G/H हर तरह की इनकम पर टीडीएस कटौती को रोकने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उदाहरण के तौर पर, ऑनलाइन गेमिंग से प्राप्त पैसों के मामले में TDS से बचने के लिए 15G/H जमा नहीं कर सकते।

TDS से संबंधित प्रश्न

इनकम टैक्स और टीडीएस में क्या अंतर है?

इनकम टैक्स और टीडीएस दोनों के ज़रिए सरकार टैक्स कलेक्ट करती है। इनकम टैक्स साल में एक बार आपकी टैक्सेबल इनकम से काटा जाता है, जबकि टीडीएस अलग-अलग स्त्रोतो से हुई आए से साल भर काटा जाता है।

टीडीएस का फुल फॉर्म क्या है?

टीडीएस का फुल फॉर्म (tds full form in hindi) टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्ट (Tax Deducted At Sorce) है।

टीडीएस कटौती को कैसे रोके?

TDS कटौती को रोकने के लिए 15G/H जमा करना पड़ता है।

कैसे पता चलेगा कि काटा गया टीडीएस सरकार के पास जमा किया गया है या नहीं?

टीडीएस काटने के बाद उसे जमा किया गया है या नहीं इसकी जानकारी फॉर्म 26AS के माध्यम से देख सकते हैं। इसके साथ ही TDS काटने के बाद आपको TDS सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।

क्या सभी तरह के आय स्त्रोतों से एक ही दर से टीडीएस काटा जाता है?

नहीं, अलग-अलग इनकम सोर्स के लिए टीडीएस दर भी अलग-अलग होती है।

क्या देर से TDS फाइल करने पर पेनेल्टी लगती है?

हां, अगर आप तय तारीख के बाद टीडीएस का भुगतान करते हैं तो आपको प्रति दिन 200 रु. के हिसाब से पेनेल्टी भरनी होगी।

TDS रिटर्न कैसे फाइल की जाती है?

TDS काटने के बाद उसका रिटर्न दाखिल करना ज़रूरी होता है। टीडीएस रिटर्न क्वाटरली जमा किया जाता है जिसमें कुछ जानकारियों जैसे कि TAN, काटी गई टीडीएस की रकम, टैक्सेपयर का पैन आदि।

टीडीएस सर्टिफिकेट क्या होता है?

टैक्सपेयर की सैलरी से TDS काटने के बाद एंटिटी उसे टीडीएस सर्टिफिकेट देती है जिसमें इस बात का उल्लेख होता है कि कितनी रकम टीडीएस के तौर पर काटी गई है। उदाहरण के लिए, कंपनी कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करती है।

फॉर्म 16 क्या होती है?

फॉर्म 16 में टैक्स के तौर पर सैलरी से काटी गई रकम की जानकारी के साथ कई अन्य जानकारी होती है। इस फॉर्म का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय किया जाता है। फॉर्म 16 के बार में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

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